सर्वेक्षण का अवलोकन
तमिलनाडु राज्य पुरातत्व विभाग (TNSDA) ने पूमपुहार तट पर 12-दिवसीय पानी के नीचे सर्वेक्षण किया।
इसका उद्देश्य संगम कालीन कावेरीपूमपट्टिनम नामक प्राचीन बंदरगाह नगर के अवशेषों की खोज करना था, जो उस समय का एक प्रमुख समुद्री व्यापार केंद्र था।
स्थिर जीके तथ्य: पूमपुहार का उल्लेख संगम साहित्य में मिलता है; यह चोल राजवंश का एक प्रसिद्ध बंदरगाह था जो दक्षिण-पूर्व एशिया और रोमन साम्राज्य के साथ व्यापार करता था।
सर्वेक्षण क्षेत्र
यह सर्वेक्षण थिरुमुल्लैवासल से नेइथावासल तक के तटीय क्षेत्र में किया गया।
यह वही क्षेत्र है जिसे समुद्री पुरातत्वविद् एस. आर. राव ने सबसे पहले दर्ज किया था।
इस चरण का मुख्य उद्देश्य डूबे हुए संरचनाओं और कलाकृतियों (artifacts) की पहचान करना था।
स्थिर जीके टिप: एस. आर. राव भारतीय समुद्री पुरातत्व के अग्रणी वैज्ञानिक थे जिन्होंने द्वारका और पूमपुहार के समुद्र-तल स्थलों की खोज की।
कार्यप्रणाली
टीम ने सोनार स्कैनिंग, पुरातात्त्विक मानचित्रण (mapping), और नमूना संग्रह (sample collection) जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया।
बार-बार किए गए छोटे गोताखोर अभियानों से समुद्री तल की मिट्टी को नुकसान पहुँचाए बिना अधिकतम डेटा एकत्र किया गया।
प्रारंभिक निष्कर्ष
प्रारंभिक अवलोकनों में प्राचीन बंदरगाह संरचनाओं और व्यापारिक गतिविधियों के प्रमाण मिले हैं।
संग्रहित आंकड़ों का अब विस्तृत विश्लेषण किया जा रहा है ताकि अवशेषों की प्रकृति और विस्तार की पुष्टि की जा सके।
स्थिर जीके तथ्य: संगम काल (ईसा पूर्व 3री सदी से ईस्वी 3री सदी तक) के दौरान तमिल राजवंश समुद्री व्यापार में अग्रणी थे और पूमपुहार एक प्रमुख केंद्र था।
आगामी योजना
समुद्री परिस्थितियाँ अनुकूल होने पर, सर्वेक्षण का दूसरा चरण शुरू किया जाएगा।
इस चरण में सर्वेक्षण क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा और संभवतः और भी संरचनात्मक साक्ष्य मिल सकते हैं।
स्थिर जीके टिप: तमिलनाडु तटरेखा पर कई समुद्री पुरातात्त्विक परियोजनाएँ चलाई जा रही हैं ताकि बंगाल की खाड़ी के नीचे छिपी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया जा सके।
ऐतिहासिक महत्व
यह सर्वेक्षण तमिलनाडु की प्राचीन समुद्री संरचनाओं और व्यापार नेटवर्क को समझने में मदद करेगा।
साथ ही यह राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और समुद्री इतिहास के संरक्षण को भी सशक्त करेगा।
स्थिर जीके तथ्य: कावेरीपूमपट्टिनम का उल्लेख शिलप्पदिकारम और मणिमेकलई जैसे तमिल क्लासिक ग्रंथों में किया गया है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| सर्वेक्षण अवधि | 12 दिन |
| आयोजक संस्था | तमिलनाडु राज्य पुरातत्व विभाग (TNSDA) |
| मुख्य क्षेत्र | पूमपुहार तट, कावेरीपूमपट्टिनम |
| सर्वेक्षण क्षेत्र | थिरुमुल्लैवासल से नेइथावासल |
| मुख्य पुरातत्वविद् | एस. आर. राव |
| मुख्य उद्देश्य | डूबे हुए बंदरगाह संरचनाओं और कलाकृतियों की पहचान |
| कार्यप्रणाली | सोनार स्कैनिंग, पुरातात्त्विक मानचित्रण, नमूना संग्रह |
| डेटा की स्थिति | विश्लेषणाधीन |
| भविष्य की योजना | समुद्री परिस्थितियाँ अनुकूल होने पर दूसरा चरण |
| ऐतिहासिक काल | संगम युग (ई.पू. 3री सदी – ई. 3री सदी) |





