नवम्बर 6, 2025 2:03 अपराह्न

FIDE विश्व कप ट्रॉफी का नाम बदलकर विश्वनाथन आनंद कप कर दिया गया

चालू घटनाएँ: फिडे शतरंज विश्व कप 2025, विश्वनाथन आनंद कप, पणजी गोवा, मनसुख मंडाविया, प्रमोद सावंत, अर्कडी ड्वोरकोविच, डी. गुकेश, आर. प्रगननंधा, मैग्नस कार्लसन, दिव्या देशमुख

FIDE World Cup Trophy Named Viswanathan Anand Cup

भारतीय शतरंज के लिए एक ऐतिहासिक सम्मान

भारतीय खेल जगत के लिए यह गर्व का क्षण है — FIDE शतरंज विश्व कप 2025 की ट्रॉफी का नाम अब भारत के पहले ग्रैंडमास्टर और पाँच बार के विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद के नाम पर रखा गया है। यह घोषणा गोवा के पणजी में आयोजित एक भव्य समारोह में की गई, जिसमें केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, और FIDE अध्यक्ष आर्काडी द्वोर्कोविच उपस्थित थे। यह नामकरण अंतरराष्ट्रीय शतरंज में आनंद के अपार योगदान की वैश्विक मान्यता का प्रतीक है। स्थिर जीके तथ्य: FIDE का पूरा नाम Fédération Internationale des Échecs है, जो 1924 में स्थापित अंतरराष्ट्रीय शतरंज संगठन है।

FIDE शतरंज विश्व कप 2025 की मुख्य झलकियाँ

FIDE शतरंज विश्व कप 2025 में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के बीच तीव्र मुकाबले देखने को मिलेंगे। कुल 80 देशों के 206 खिलाड़ी आठ नॉकआउट राउंड में क्लासिकल शतरंज के प्रारूप में प्रतिस्पर्धा करेंगे। भारत के युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ी डी. गुकेश और आर. प्रज्ञानानंद इस टूर्नामेंट में भारत की बढ़ती विरासत को आगे बढ़ाने की उम्मीद जगाते हैं। कार्यक्रम के ड्रॉ का संचालन दिव्या देशमुख, मौजूदा महिला विश्व शतरंज कप चैंपियन, ने किया। रोचक बात यह है कि विश्व शतरंज के दिग्गज मैग्नस कार्लसन और हिकारू नाकामुरा ने इस संस्करण में भाग न लेने का निर्णय लिया है, जिससे नए सितारों को चमकने का अवसर मिला है। स्थिर जीके टिप: पहला FIDE विश्व कप वर्ष 2000 में आयोजित हुआ था, और वर्तमान नॉकआउट प्रारूप 2005 में शुरू हुआ।

विश्वनाथन आनंद की विरासत

टाइगर ऑफ मद्रास” के नाम से प्रसिद्ध विश्वनाथन आनंद ने 1988 में भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बनकर इतिहास रच दिया। उनकी शांत लेकिन आक्रामक खेलने की शैली ने उन्हें विश्वभर में प्रसिद्धि दिलाई। उन्होंने पाँच बार विश्व चैम्पियनशिप जीती — 2000, 2007, 2008, 2010, और 2012। आनंद की उपलब्धियों ने एक नई भारतीय शतरंज पीढ़ी को प्रेरित किया — जिसमें डी. गुकेश, आर. प्रज्ञानानंद, और निहाल सरीन जैसे खिलाड़ी अब विश्व स्तर पर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। स्थिर जीके तथ्य: आनंद को भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न (1991) और पद्म विभूषण (2008) से सम्मानित किया गया।

भारत के वैश्विक शतरंज उत्कर्ष का प्रतीक

FIDE विश्व कप ट्रॉफी का नाम विश्वनाथन आनंद कप रखना भारत के वैश्विक शतरंज प्रभुत्व का प्रतीक है। यह पहली बार है जब किसी अंतरराष्ट्रीय शतरंज ट्रॉफी का नाम किसी भारतीय खिलाड़ी के नाम पर रखा गया है। यह न केवल आनंद की महानता को सम्मानित करता है बल्कि लाखों भारतीय खिलाड़ियों के सपनों और आकांक्षाओं को भी दर्शाता है।

स्थिर उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
घटना FIDE शतरंज विश्व कप 2025
ट्रॉफी का नाम विश्वनाथन आनंद कप
समारोह स्थल पणजी, गोवा
मुख्य गणमान्य व्यक्ति मनसुख मंडाविया, प्रमोद सावंत, आर्काडी द्वोर्कोविच
कुल प्रतिभागी 80 देशों के 206 खिलाड़ी
टूर्नामेंट प्रारूप आठ नॉकआउट राउंड
भारतीय खिलाड़ी डी. गुकेश, आर. प्रज्ञानानंद
गैरप्रतिभागी खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन, हिकारू नाकामुरा
ड्रॉ संचालित किया गया दिव्या देशमुख द्वारा
विश्वनाथन आनंद की विश्व उपाधियाँ पाँच बार (2000, 2007, 2008, 2010, 2012)
FIDE World Cup Trophy Named Viswanathan Anand Cup
  1. भारत के पहले शतरंज ग्रैंडमास्टर के सम्मान में FIDE शतरंज विश्व कप 2025 ट्रॉफी का नाम बदलकर विश्वनाथन आनंद कप कर दिया गया।
  2. गोवा के पंजिम में एक भव्य समारोह में शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इसकी घोषणा की गई।
  3. मनसुख मंडाविया, प्रमोद सावंत, और अर्कडी ड्वोर्कोविच इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
  4. नाम बदलने से आनंद की पाँच बार की विश्व शतरंज चैंपियन विरासत को मान्यता मिली।
  5. FIDE (Fédération Internationale des Échecs) का अर्थ फेडरेशन इंटरनेशनेल डेस एचेक्स है, जिसकी स्थापना 1924 में हुई थी।
  6. इस आयोजन में 80 देशों के 206 खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा करेंगे।
  7. टूर्नामेंट में शास्त्रीय शतरंज के आठ नॉकआउट राउंड होंगे।
  8. भारतीय प्रतिभाशाली खिलाड़ी डी. गुकेश और आर. प्रज्ञानंधा प्रमुख प्रतिभागी हैं।
  9. मैग्नस कार्लसन और हिकारू नाकामुरा ने टूर्नामेंट से हटने का फैसला किया है।
  10. दिव्या देशमुख ने मौजूदा महिला विश्व कप चैंपियन के रूप में लॉटरी निकाली
  11. पहला FIDE विश्व कप 2000 में आयोजित किया गया था, वर्तमान प्रारूप 2005 में विकसित हुआ।
  12. आनंद 1988 में भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बने, जिन्हें मद्रास का टाइगर उपनाम दिया गया।
  13. आनंद ने 2000, 2007, 2008, 2010 और 2012 में विश्व खिताब जीते।
  14. उनकी सफलता ने गुकेश, प्रज्ञानंधा, निहाल सरीन और अन्य को प्रेरित किया।
  15. आनंद को राजीव गांधी खेल रत्न (1991) और पद्म विभूषण (2008) से सम्मानित किया गया।
  16. ट्रॉफी का नामकरण पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिताब से किसी भारतीय खिलाड़ी को सम्मानित करता है।
  17. यह शतरंज में भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभुत्व का प्रतीक है।
  18. विश्व प्रतियोगिताओं में भारत की युवा प्रतिभा की लहर पर प्रकाश डालता है।
  19. यह आयोजन वैश्विक खेल कूटनीति में भारत की सॉफ्ट पावर को मजबूत करता है।
  20. यह लाखों युवा भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का प्रतिनिधित्व करता है।

Q1. FIDE शतरंज विश्व कप 2025 की ट्रॉफी को नया नाम क्या दिया गया है?


Q2. FIDE विश्व कप ट्रॉफी के नामकरण समारोह का आयोजन कहाँ किया गया था?


Q3. FIDE शतरंज विश्व कप 2025 में कितने खिलाड़ी भाग लेंगे?


Q4. कौन-से दो विश्वस्तरीय शतरंज खिलाड़ी 2025 संस्करण में भाग नहीं ले रहे हैं?


Q5. किस भारतीय खिलाड़ी ने टूर्नामेंट के लिए ड्रा ऑफ लॉट्स (चिट्ठी निकालने की प्रक्रिया) का संचालन किया?


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