कार्यक्रम का शुभारंभ
फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन–ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम (FTI–TTP) का शुभारंभ सितम्बर 2025 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया।
- यह योजना पूर्व-प्रमाणित भारतीय नागरिकों और OCI कार्डधारकों को तेज़ इमिग्रेशन सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है।
- यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्पीड, स्केल और स्कोप वाले विज़न के अनुरूप हवाईअड्डा सुविधाओं के आधुनिकीकरण का प्रतीक है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत की आंतरिक सुरक्षा और इमिग्रेशन सेवाओं की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय और ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के पास है।
प्रमुख हवाईअड्डों तक विस्तार
- योजना का पहला चरण जुलाई 2024 में दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शुरू हुआ।
- इसके बाद यह मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि और अहमदाबाद तक विस्तारित हुई।
- नवीनतम चरण में यह लखनऊ, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, कोझिकोडे और अमृतसर तक बढ़ाई गई।
- सरकार का लक्ष्य है कि इसे कुल 21 हवाईअड्डों पर लागू किया जाए, जिसमें नवी मुंबई और जेवर जैसे नए हवाईअड्डे भी शामिल होंगे।
विशेषताएँ और लाभ
- इमिग्रेशन क्लियरेंस सिर्फ 30 सेकंड में ऑटोमेटेड ई-गेट्स से।
- प्रक्रिया: पासपोर्ट और बोर्डिंग पास स्कैन → बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन → तुरंत अनुमति।
- OCI कार्डधारकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी, जिन्हें सामान्यत: लंबा समय लगता है।
स्थिर जीके टिप: OCI कार्डधारक भारत के नागरिक नहीं होते, परंतु उन्हें वीज़ा-फ्री यात्रा और अधिकतर क्षेत्रों में NRI समान अधिकार प्राप्त होते हैं (राजनीतिक अधिकार छोड़कर)।
पंजीकरण प्रक्रिया
- आवेदक को आधिकारिक पोर्टल पर व्यक्तिगत विवरण और दस्तावेज़ जमा करने होते हैं।
- बायोमेट्रिक डेटा FRRO या निर्धारित हवाईअड्डों पर लिया जाता है।
- सरकार पासपोर्ट या OCI कार्ड जारी करते समय ही पंजीकरण प्रोत्साहित करती है ताकि दोहराव से बचा जा सके।
अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रभाव
- 2014 से 2024 के बीच भारतीय यात्रियों की संख्या 73% बढ़कर 12 करोड़ हुई।
- विदेशी आगंतुकों की संख्या 31% बढ़कर लगभग 2 करोड़ पहुँची।
- कुल अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात 60% बढ़कर 12 करोड़ हुआ।
- इस तेज़ वृद्धि के बीच FTI–TTP इमिग्रेशन बाधाओं को कम कर यात्री अनुभव को बेहतर बनाता है।
स्थिर जीके तथ्य: दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा भारत का सबसे व्यस्त हवाईअड्डा है, जो प्रतिवर्ष 70 मिलियन से अधिक यात्रियों को संभालता है।
वैश्विक महत्व
- यह योजना अमेरिका के ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम जैसी अंतरराष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं से प्रेरित है, लेकिन भारतीय यात्रियों और OCI कार्डधारकों के लिए अनुकूलित है।
- यह भारत को वैश्विक एविएशन हब बनाने में मदद करती है, साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन भी सुनिश्चित करती है।
- योजना भारत सरकार के एयरपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर आधुनिकीकरण और सीमापार यात्रा सुगमता प्रयासों को भी बल देती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
शुभारंभ | सितम्बर 2025, गृहमंत्री अमित शाह द्वारा |
पहली शुरुआत | जुलाई 2024, दिल्ली एयरपोर्ट |
कवरेज | 21 प्रमुख हवाईअड्डों पर लागू करने की योजना |
नवीनतम जोड़ | लखनऊ, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, कोझिकोडे, अमृतसर |
क्लियरेंस समय | 30 सेकंड के भीतर (ई-गेट्स) |
लक्षित समूह | भारतीय नागरिक और OCI कार्डधारक |
तकनीक | बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन व ऑटोमेटेड ई-गेट्स |
2014–24 यात्री वृद्धि | 73% आउटबाउंड, 31% इनबाउंड, 60% कुल |
अंतरराष्ट्रीय मॉडल | अमेरिकी ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम से प्रेरित |
मुख्य उद्देश्य | इमिग्रेशन आधुनिकीकरण में स्पीड, स्केल और स्कोप |