सितम्बर 13, 2025 6:30 पूर्वाह्न

पूर्वी हिमालय में युद्ध कौशल अभ्यास

चालू घटनाएँ: Exercise Yudh Kaushal 3.0, भारतीय सेना, कामेंग क्षेत्र, ASHNI पलटन, पूर्वी हिमालय, रक्षा तैयारी, स्वदेशी रक्षा उद्योग, आत्मनिर्भर भारत, युद्ध तकनीक, संचालन क्षमता

Exercise Yudh Kaushal in Eastern Himalayas

हिमालय में सामरिक महत्व

भारतीय सेना ने पूर्वी हिमालय के कामेंग सेक्टर में अभ्यास युद्ध कौशल 3.0 आयोजित किया। यह क्षेत्र चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास स्थित होने के कारण अत्यधिक रणनीतिक महत्व रखता है। ऐसे सैन्य अभ्यास उच्च-ऊँचाई वाली सीमा क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयारी सुनिश्चित करते हैं।
Static GK तथ्य: अरुणाचल प्रदेश का कामेंग ज़िला भूटान और चीन दोनों से सीमा साझा करता है, जो इसे सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाता है।

ASHNI पलटनों की भूमिका

अभ्यास का सबसे बड़ा आकर्षण ASHNI पलटनों की पहली संचालनात्मक तैनाती थी। ये इकाइयाँ आधुनिक तकनीकी उपकरणों को पारंपरिक युद्ध कौशल से मिलाकर बनाई गई हैं, जिससे सामरिक अभियानों में बढ़त मिलती है। इनकी तैनाती सेना के प्रौद्योगिकीसक्षम युद्ध की ओर बढ़ते कदम को दर्शाती है।
Static GK तथ्य: भारतीय सेना का आदर्श वाक्य “Service Before Self” है, जो अनुशासन और कर्तव्य को व्यक्तिगत हित से ऊपर रखता है।

स्वदेशी रक्षा क्षमता की ओर कदम

अभ्यास में भारतीय रक्षा उद्योग की सक्रिय भागीदारी दिखाई दी, जिससे आत्मनिर्भर भारत के तहत घरेलू नवाचार पर बढ़ते जोर को बल मिला। निगरानी प्रणाली, गतिशीलता प्लेटफॉर्म और संचार उपकरण जैसी स्वदेशी तकनीकों का प्रदर्शन हुआ। यह भारत के बाहरी निर्भरता घटाने और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा को मजबूत करता है।
Static GK तथ्य: भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है, लेकिन अब तेजी से रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है।

कठिन परिस्थितियों में प्रशिक्षण

पूर्वी हिमालय की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों ने सैनिकों की क्षमता की परीक्षा ली। अभ्यास में पर्वतीय युद्ध, तेज़ तैनाती और तकनीकी टोही का प्रशिक्षण शामिल रहा। ऊँचाई पर कम ऑक्सीजन और कठिन पहाड़ी इलाकों में ऐसे अभ्यास सैनिकों की संचालन दक्षता और अनुकूलन क्षमता को और निखारते हैं।
Static GK तथ्य: भारतीय सेना का High Altitude Warfare School (HAWS), गुलमर्ग सैनिकों को चरम पर्वतीय परिस्थितियों में विशेष प्रशिक्षण देता है।

आत्मनिर्भरता दृष्टि को सुदृढ़ करना

स्वदेशी उपकरणों के उपयोग और रक्षा उद्योग की साझेदारी के माध्यम से सेना ने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भरता की दृष्टि को फिर से पुष्ट किया। यह भारत की दीर्घकालिक रणनीति को दर्शाता है कि वह न केवल वैश्विक रक्षा निर्माण केंद्र बने बल्कि अपनी सैन्य क्षमताओं को भी मज़बूत करे
Static GK टिप: भारत का 2024–25 रक्षा बजट 6.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जिससे वह दुनिया के शीर्ष रक्षा खर्च करने वाले देशों में शामिल है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
अभ्यास का नाम अभ्यास युद्ध कौशल 3.0
आयोजन भारतीय सेना
स्थान कामेंग क्षेत्र, पूर्वी हिमालय
प्रमुख आकर्षण ASHNI पलटनों की संचालनात्मक शुरुआत
मुख्य विशेषता तकनीक और पारंपरिक युद्ध का एकीकरण
उद्योग की भूमिका भारतीय रक्षा उद्योग की भागीदारी
दृष्टि से जुड़ा आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया
भूभाग पर फोकस उच्च-ऊँचाई, पर्वतीय संचालन
सामरिक महत्व भारत-चीन सीमा (LAC) के निकट
नीति संबंध रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति 2020

Exercise Yudh Kaushal in Eastern Himalayas
  1. भारतीय सेना ने युद्ध कौशल0 अभ्यास किया।
  2. चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास कामेंग क्षेत्र में आयोजित।
  3. यह क्षेत्र भारत के लिए अत्यधिक सामरिक और सैन्य महत्व रखता है।
  4. कामेंग ज़िला चीन और भूटान के साथ सीमा साझा करता है।
  5. इस अभ्यास में ASHNI प्लाटून का पहला ऑपरेशनल उपयोग देखा गया।
  6. युद्धक्षेत्र संचालन में पारंपरिक युद्ध के साथ तकनीक का विलय।
  7. भारतीय सेना का आदर्श वाक्य “स्वयं से पहले सेवा” है।
  8. आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी रक्षा का प्रदर्शन।
  9. घरेलू निगरानी और संचार तकनीकों पर ध्यान केंद्रित।
  10. 2024 में भी भारत दुनिया भर में दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक बना रहेगा।
  11. अभ्यास में कम ऑक्सीजन वाले ऊबड़-खाबड़ इलाकों में सैनिकों का परीक्षण किया गया।
  12. प्रशिक्षण में पर्वतीय युद्ध और टोही अभियान शामिल थे।
  13. उच्च ऊंचाई वाले युद्ध स्कूल में विषम परिस्थितियों में प्रशिक्षण दिया जाता है।
  14. यह अभ्यास आत्मनिर्भरता और मेक इन इंडिया को मज़बूत करता है।
  15. वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा बजट ₹6.2 लाख करोड़ को पार कर गया।
  16. यह अभ्यास रक्षा उत्पादन और निर्यात प्रोत्साहन नीति 2020 का समर्थन करता है।
  17. भारत का लक्ष्य रक्षा विनिर्माण के लिए वैश्विक केंद्र बनना है।
  18. सेना उच्च-ऊंचाई वाले युद्धों के लिए परिचालन तत्परता में सुधार करती है।
  19. स्थानीय रक्षा उद्योग की भागीदारी नवाचार को बढ़ावा देती है।
  20. युद्ध कौशल भारत की सीमा तैयारियों और प्रौद्योगिकी उपयोग को मज़बूत करता है।

Q1. अभ्यास युद्ध कौशल 3.0 कहाँ आयोजित किया गया था?


Q2. अभ्यास युद्ध कौशल 3.0 की मुख्य विशेषता क्या थी?


Q3. भारतीय सेना का आधिकारिक आदर्श वाक्य क्या है?


Q4. स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर बल देने वाले इस अभ्यास से कौन सी नीति जुड़ी है?


Q5. कौन सा सेना स्कूल उच्च ऊँचाई पर्वतीय युद्ध का प्रशिक्षण प्रदान करता है?


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