परिचय
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने पर्यावरण ऑडिट नियम 2025 अधिसूचित किए हैं, जिनका उद्देश्य भारत में अनुपालन को मज़बूत करना और ऑडिटिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाना है। यह ढाँचा उद्योगों और परियोजनाओं के लिए ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को आसान बनाने के साथ-साथ जवाबदेही भी सुनिश्चित करता है।
ईएडीए की स्थापना
पर्यावरण ऑडिट नामित एजेंसी (EADA) इन नियमों का मुख्य निकाय होगी। यह पंजीकरण, प्रमाणन, निगरानी और ऑडिटरों के प्रशिक्षण की ज़िम्मेदारी संभालेगी। इससे सुनिश्चित होगा कि केवल योग्य पेशेवर ही पर्यावरण ऑडिट कर सकें और अनुपालन रिपोर्ट अधिक विश्वसनीय बनें।
स्थिर जीके तथ्य: MoEFCC की स्थापना 1985 में की गई थी और यह भारत में पर्यावरणीय शासन का प्रमुख निकाय है।
पंजीकृत पर्यावरण ऑडिटर की भूमिका
नए ढाँचे के तहत केवल पंजीकृत पर्यावरण ऑडिटर (REAs) को ही ऑडिट करने की अनुमति होगी। प्रमाणन उनकी योग्यता, अनुभव या ईएडीए द्वारा आयोजित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा। पक्षपात रोकने के लिए REAs को यादृच्छिक (random) प्रणाली से आवंटित किया जाएगा।
REAs की ज़िम्मेदारियाँ
REAs का कार्यक्षेत्र व्यापक होगा, जिसमें सैम्पलिंग, विश्लेषण, क्षतिपूर्ति गणना, ग्रीन क्रेडिट नियमों के तहत सत्यापन और अपशिष्ट प्रबंधन व वानिकी कानूनों के अंतर्गत ऑडिट शामिल होंगे। इस प्रकार, वे विभिन्न अनुपालन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष भूमिका निभाएँगे।
स्थिर जीके तथ्य: ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम 2023 में शुरू किया गया था ताकि पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ प्रथाओं को प्रोत्साहित किया जा सके।
दो-स्तरीय अनुपालन तंत्र
नए नियमों में दो–स्तरीय प्रणाली लागू की गई है।
- स्तर 1: मौजूदा सरकारी एजेंसियाँ जैसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB), राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCBs) और MoEFCC के क्षेत्रीय कार्यालय निरीक्षण और समीक्षा जारी रखेंगे।
- स्तर 2: स्वतंत्र REAs द्वारा संचालित नया ऑडिट मैकेनिज़्म, जो अतिरिक्त निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
निगरानी और पर्यवेक्षण
नियमों का क्रियान्वयन MoEFCC की देखरेख में होगा, जिसे CPCB और SPCBs का सहयोग मिलेगा। एक स्टीयरिंग कमेटी, जिसकी अध्यक्षता MoEFCC के अतिरिक्त सचिव करेंगे, प्रगति की समीक्षा करेगी, खामियाँ पहचानेंगी और सुधार की सिफारिशें पेश करेगी।
स्थिर जीके टिप: CPCB की स्थापना 1974 में जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम के तहत की गई थी।
निष्कर्ष
पर्यावरण ऑडिट नियम 2025 का उद्देश्य अनुपालन निगरानी, जवाबदेही और पारदर्शिता को बेहतर बनाना है। स्वतंत्र ऑडिटरों को नियामक निरीक्षण के साथ जोड़कर भारत ने विकास और सततता के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए अपने संस्थागत ढाँचे को और सुदृढ़ किया है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
नियम अधिसूचित करने वाला मंत्रालय | पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) |
अधिसूचना वर्ष | 2025 |
प्रमुख एजेंसी | पर्यावरण ऑडिट नामित एजेंसी (EADA) |
प्रमाणित ऑडिटर | पंजीकृत पर्यावरण ऑडिटर (REAs) |
ऑडिटर आवंटन विधि | यादृच्छिक आवंटन प्रणाली |
प्रथम स्तरीय तंत्र | CPCB, SPCBs, MoEFCC क्षेत्रीय कार्यालय |
द्वितीय स्तरीय तंत्र | स्वतंत्र REAs |
निगरानी निकाय | MoEFCC के अधीन स्टीयरिंग कमेटी |
REAs की मुख्य ज़िम्मेदारियाँ | सैम्पलिंग, विश्लेषण, क्षतिपूर्ति गणना, अपशिष्ट ऑडिट |
संबद्ध हरित पहल | ग्रीन क्रेडिट नियम |