परियोजना का अवलोकन
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने किलंबक्कम बस टर्मिनस से महिंद्रा वर्ल्ड सिटी (चेंगलपट्टू के पास) तक 18.4 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर (Elevated Corridor) बनाने को मंज़ूरी दी है।
यह परियोजना ग्रैंड साउदर्न ट्रंक रोड (GST Road) के मध्य भाग (Median) के ऊपर विकसित की जाएगी।
कॉरिडोर छः लेन (Six-Lane) का होगा और इसकी अनुमानित लागत ₹3,200 से ₹3,500 करोड़ के बीच है।
इसका उद्देश्य है — जीएसटी रोड पर लगातार बढ़ते ट्रैफिक जाम को कम करना और लॉन्ग-डिस्टेंस वाहनों के लिए अलग एलिवेटेड ट्रैक प्रदान करना।
स्थैतिक जीके तथ्य: जीएसटी रोड (GST Road) राष्ट्रीय राजमार्ग NH-45 का हिस्सा था, जिसे अब NH-32 के रूप में पुनः नामांकित किया गया है। यह चेन्नई क्षेत्र का सबसे व्यस्त मार्ग है।
मार्ग संरेखण और डिज़ाइन
यह एलिवेटेड कॉरिडोर किलंबक्कम बस टर्मिनस से शुरू होकर पेरुंगलाथुर, वंडालूर होते हुए महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जंक्शन तक जाएगा।
परियोजना को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता बहुत कम होगी, क्योंकि यह मौजूदा रोड मीडियन के भीतर ही निर्मित होगा।
मुख्य जंक्शनों पर एंट्री और एग्ज़िट रैंप्स बनाए जाएँगे ताकि स्थानीय यातायात और हाईवे यातायात को अलग-अलग प्रवाह में नियंत्रित किया जा सके।
उद्देश्य और लाभ
एलिवेटेड कॉरिडोर के प्रमुख लाभ:
- जीएसटी रोड पर भीषण पीक-आवर ट्रैफिक को कम करना।
- बसों और लंबी दूरी के वाहनों के आवागमन को सुगम बनाना।
- किलंबक्कम मेट्रो विस्तार परियोजना के साथ समेकित (Integrated) परिवहन नेटवर्क तैयार करना।
- चेन्नई के दक्षिणी उपनगरों के विकास को बढ़ावा देना और किलंबक्कम बस टर्मिनस को मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में मजबूत करना।
स्थैतिक जीके टिप: एलिवेटेड कॉरिडोर सतह यातायात (Surface Traffic) को कम करते हैं और ट्रांज़िट तथा लोकल ट्रैफिक को अलग करके हाईवे की क्षमता बढ़ाते हैं।
चुनौतियाँ और सावधानियाँ
परियोजना को मंज़ूरी मिलने के बावजूद कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है:
- एयरपोर्ट–किलंबक्कम मेट्रो रूट के साथ डिज़ाइन समन्वय ताकि संरचनात्मक टकराव न हो।
- निर्माण के दौरान व्यस्त जीएसटी रोड पर न्यूनतम ट्रैफिक अवरोध सुनिश्चित करना।
- वित्तपोषण, टेंडर और निष्पादन की समय-सीमा को समय पर पूरा करना।
- रैंप लोकेशन और लोकल रोड्स के साथ एकीकरण को सुव्यवस्थित करना ताकि नए बॉटलनेक न बनें।
वर्तमान स्थिति
परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) पूरा हो चुका है।
अंतिम मंज़ूरी और वित्तीय व्यवस्था के बाद टेंडर जारी होने की उम्मीद है।
इसके साथ ही टांबरम–वंडालूर–महिंद्रा वर्ल्ड सिटी सेक्शन पर सड़क चौड़ीकरण और ग्रेड सेपरेटर कार्य पहले ही पूरे किए जा चुके हैं ताकि एलिवेटेड निर्माण सुचारू रहे।
स्थैतिक जीके तथ्य: ग्रैंड साउदर्न ट्रंक रोड ऐतिहासिक रूप से चेन्नई (मद्रास) से दक्षिण भारत को जोड़ने वाले मार्ग का हिस्सा थी और आज यह आधुनिक राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का अभिन्न अंग है।
व्यापक प्रभाव और महत्व
प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से यह परियोजना भारत के शहरी कॉरिडोरों में एलिवेटेड एक्सप्रेसवे के विस्तार का उत्कृष्ट उदाहरण है।
यह दिखाता है कि सड़क और मेट्रो जैसी दो प्रमुख अवसंरचना प्रणालियाँ अब एक ही कॉरिडोर में संयोजित रूप से विकसित की जा रही हैं।
तमिलनाडु के लिए यह परियोजना चेन्नई के दक्षिणी क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत करती है और उपनगरीय विकास को प्रोत्साहित करती है।
स्थैतिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| कॉरिडोर की लंबाई | 18.4 किलोमीटर |
| परियोजना लागत अनुमान | ₹3,200 – ₹3,500 करोड़ |
| मार्ग संरेखण | किलंबक्कम बस टर्मिनस से महिंद्रा वर्ल्ड सिटी तक (GST रोड) |
| लेन संरचना | छह लेन वाला एलिवेटेड कॉरिडोर |
| महत्व | GST रोड के दक्षिणी खंड में भीड़ कम करना |
| समेकन (Integration) | किलंबक्कम मेट्रो विस्तार परियोजना के साथ |
| भूमि अधिग्रहण | न्यूनतम — मौजूदा हाईवे मीडियन का उपयोग |
| प्रशासक संस्था | भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) |





