चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 474 पंजीकृत अपहिचित राजनीतिक दलों (RUPPs) को चुनावी और वित्तीय मानदंडों का पालन न करने पर डीलिस्ट कर दिया है। यह दो महीनों में दूसरी बड़ी कार्रवाई है, जिससे अब तक कुल 808 पार्टियाँ डीलिस्ट की जा चुकी हैं। यह कदम राजनीतिक भागीदारी और वित्तीय प्रकटीकरण पर निगरानी को मज़बूत बनाता है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी और यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत कार्य करता है।
क्यों हटाई गईं पार्टियाँ
इस डीलिस्टिंग के पीछे दो मुख्य कारण रहे। पहला, इन दलों ने लगातार छह वर्षों तक कोई चुनाव नहीं लड़ा, जिससे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A का उल्लंघन हुआ। दूसरा, कई दलों ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों के ऑडिटेड वार्षिक खाते जमा नहीं किए, जिससे राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता प्रभावित हुई।
चुनाव आयोग द्वारा पालन की गई प्रक्रिया
ECI ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को निर्देश दिया कि वे अनुपालन न करने वाली पार्टियों को शो-कॉज नोटिस जारी करें। अंतिम आदेश देने से पहले सुनवाई की गई, जिससे निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके। निर्णय संबंधित CEOs की रिपोर्टों के आधार पर लिए गए।
स्थिर जीके तथ्य: भारत में राजनीतिक दलों को हर वर्ष अपने ऑडिटेड खाते निर्वाचन आयोग को जमा करने होते हैं।
राजनीतिक परिदृश्य पर असर
कार्रवाई से पहले भारत में 2,520 से अधिक RUPPs थे। 808 पार्टियों के डीलिस्ट होने के बाद अब इनकी संख्या घटकर लगभग 2,046 रह गई है। इससे निष्क्रिय या गैर-कार्यशील दलों की संख्या कम होगी और सूची अधिक विश्वसनीय बनेगी।
कार्रवाई के लाभ
डीलिस्टिंग से पार्टी पंजीकरण का दुरुपयोग मनी लॉन्ड्रिंग या कर चोरी के लिए कम होगा। यह सक्रिय राजनीतिक दलों की निगरानी में सुधार करेगा और जनता का चुनावों पर विश्वास बढ़ाएगा। हालांकि, छोटे क्षेत्रीय दलों के लिए अनुपालन की बाधाएँ चिंता का विषय हो सकती हैं।
अनुपालन का कानूनी ढाँचा
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29A के तहत राजनीतिक दलों को:
- निर्वाचन आयोग में पंजीकृत होना चाहिए
- छह वर्षों के भीतर चुनाव लड़ना चाहिए
- नियमित रूप से ऑडिटेड खाते जमा करने चाहिए
- विस्तृत व्यय रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए
अनुपालन न करने पर पंजीकरण रद्द किया जा सकता है, जैसा कि इस कार्रवाई में हुआ।
स्थिर जीके टिप: मान्यता प्राप्त दलों को आरक्षित चुनाव चिह्न और चुनावों के दौरान निशुल्क प्रसारण समय जैसी सुविधाएँ मिलती हैं।
आगे की राह
यह कदम ECI की लोकतांत्रिक जवाबदेही सुनिश्चित करने की भूमिका को रेखांकित करता है। 2026 के विधानसभा चुनावों और 2029 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए, कड़े अनुपालन नियम पारदर्शी चुनावी व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेंगे। राजनीतिक दलों को समय पर रिपोर्टिंग और वास्तविक भागीदारी अपनानी होगी, अन्यथा उन्हें सूची से हटाए जाने का जोखिम रहेगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
नवीनतम कार्रवाई में डीलिस्ट की गई पार्टियाँ | 474 |
दो महीनों में कुल डीलिस्ट पार्टियाँ | 808 |
लागू धारा | धारा 29A, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 |
डीलिस्टिंग का कारण | चुनावों में निष्क्रियता और खातों का न जमा करना |
डीलिस्टिंग के बाद शेष RUPPs | लगभग 2,046 |
जिम्मेदार प्राधिकरण | भारत निर्वाचन आयोग |
ECI की स्थापना वर्ष | 1950 |
ECI का संवैधानिक प्रावधान | अनुच्छेद 324 |
अनुपालन आवश्यकताएँ | वार्षिक ऑडिटेड खाते और व्यय रिपोर्ट |
आगामी प्रमुख चुनाव | 2026 विधानसभा चुनाव, 2029 लोकसभा चुनाव |