परिचय
ई-जागृति प्लेटफ़ॉर्म का शुभारंभ 1 जनवरी 2025 को हुआ। यह पहल उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत लाई गई है। इसका उद्देश्य उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, कुशल और सुलभ बनाना है।
जुलाई 2025 की उपलब्धि
जुलाई 2025 में, 10 राज्यों और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने इस प्लेटफ़ॉर्म पर 100% से अधिक निपटान दर दर्ज की। इसका मतलब यह है कि इन संस्थानों ने दाखिल मामलों से भी अधिक मामलों का निपटान किया, जो उनकी दक्षता को दर्शाता है।
प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य
ई-जागृति का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर के सभी उपभोक्ता आयोगों का कम्प्यूटरीकरण और नेटवर्किंग करना है। इससे विवादों का त्वरित निपटारा संभव होगा और विलंब व लंबित मामलों में कमी आएगी।
स्टैटिक जीके तथ्य: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 ने पुराने 1986 अधिनियम को प्रतिस्थापित किया ताकि उपभोक्ता अधिकारों को और सशक्त किया जा सके।
ई-जागृति की विशेषताएं
यह प्लेटफ़ॉर्म उपभोक्ताओं को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने, केस की स्थिति ट्रैक करने, डिजिटल प्रारूप में निर्णय प्राप्त करने और समय-समय पर अपडेट लेने की सुविधा देता है। इससे न केवल कागज़ी कार्य घटता है बल्कि उपभोक्ताओं और आयोग दोनों का समय भी बचता है।
स्टैटिक जीके टिप: राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) की स्थापना 1988 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत की गई थी।
उपभोक्ता सशक्तिकरण में भूमिका
ई-जागृति उपभोक्ताओं को पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ सशक्त करता है। यह एक सिंगल-विंडो सिस्टम तैयार करता है जहाँ मामलों से जुड़ी सभी सूचनाएँ ऑनलाइन उपलब्ध रहती हैं। इससे भ्रष्टाचार में कमी आती है और उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ता है।
डिजिटल इंडिया से एकीकरण
यह पहल डिजिटल इंडिया के व्यापक विज़न से जुड़ी है, जिसके तहत सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन लाया जा रहा है। यह नागरिक-केन्द्रित शासन और बेहतर जीवन-स्तर सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
स्टैटिक जीके तथ्य: डिजिटल इंडिया की शुरुआत 1 जुलाई 2015 को हुई थी।
न्यायिक दक्षता पर प्रभाव
ई-जागृति लंबित मामलों को कम करके तेज़ निपटान सुनिश्चित करता है। जुलाई 2025 में कई राज्यों द्वारा हासिल की गई 100% निपटान दर इसकी क्षमता को दर्शाती है और यह अन्य कानूनी व अर्ध-कानूनी प्लेटफ़ॉर्म के लिए भी मॉडल बन सकता है।
भविष्य की संभावनाएँ
आगे चलकर, इसमें एआई आधारित विश्लेषण को जोड़ा जाएगा ताकि केस की समय-सीमा का अनुमान लगाया जा सके और स्वतः अपडेट मिल सके। इसकी सफलता अन्य आयोगों और न्यायाधिकरणों में भी ऐसे सुधारों का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| लॉन्च तिथि | 1 जनवरी 2025 |
| मंत्रालय | उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय |
| उद्देश्य | उपभोक्ता आयोगों का कम्प्यूटरीकरण और नेटवर्किंग |
| जुलाई 2025 उपलब्धि | 10 राज्यों और NCDRC ने 100% से अधिक निपटान दर हासिल की |
| विशेषताएँ | ऑनलाइन शिकायत, केस ट्रैकिंग, डिजिटल निर्णय |
| उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम | 2019 (1986 अधिनियम को प्रतिस्थापित किया) |
| NCDRC स्थापना | 1988 |
| डिजिटल इंडिया लॉन्च | 1 जुलाई 2015 |
| संरेखण | पारदर्शिता, दक्षता, उपभोक्ता सशक्तिकरण |
| भविष्य की दिशा | एआई आधारित केस विश्लेषण और स्वतः अपडेट |





