राष्ट्रीय पर्यटन पहल
पर्यटन मंत्रालय ने भारत में 50 विश्वस्तरीय पर्यटन स्थलों के विकास की एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है।
इस योजना का उद्देश्य पर्यटन अवसंरचना को सुदृढ़ करना, सतत पर्यटन को बढ़ावा देना, और सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण करना है।
इस पहल के तहत प्रत्येक राज्य को ऐसे संभावित पर्यटन स्थलों के नामांकन के लिए आमंत्रित किया गया है, जिन्हें वैश्विक स्तर के आकर्षण स्थलों के रूप में विकसित किया जा सके, ताकि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिल सके।
Static GK Fact: पर्यटन मंत्रालय की स्थापना 1967 में हुई थी और यह भारत में पर्यटन के संवर्धन एवं विकास के लिए राष्ट्रीय नीतियों का निर्माण करता है।
नागालैंड का प्रस्ताव: जुकू घाटी
राज्य पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन, जो उदयपुर में आयोजित हुआ, में नागालैंड के पर्यटन एवं उच्च शिक्षा मंत्री तेमजेन इमना अलोंग ने जुकू घाटी (Dzukou Valley) को राज्य की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में नामित करने का प्रस्ताव दिया।
राज्य सरकार का लक्ष्य इस घाटी को एक पर्यावरण–अनुकूल वैश्विक पर्यटन मॉडल के रूप में विकसित करना है।
इस परियोजना के लिए ₹250 करोड़ का अनुमानित निवेश प्रस्तावित है, जिसमें ईको–रिसॉर्ट, ट्रेकिंग सुविधाएँ और सांस्कृतिक केंद्र शामिल होंगे।
इन उपायों का उद्देश्य आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करना है।
पारिस्थितिक और सांस्कृतिक महत्व
जुकू घाटी, जो 2,452 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, नागालैंड और मणिपुर की सीमा पर फैली हुई है।
यह घाटी अपने जुकू लिली (Dzukou Lily), मौसमी जंगली फूलों और दर्शनीय प्राकृतिक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है।
“जुकू” शब्द का अर्थ है — “ठंडे पानी की घाटी (Cold Water Valley)”, और यह घाटी स्थानीय जनजातियों के लिए गहन सांस्कृतिक महत्व रखती है।
प्रस्ताव में ईको–टूरिज्म सिद्धांतों को प्रमुखता दी गई है, जो जिम्मेदार यात्रा (Responsible Travel) और नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण पर ज़ोर देती है।
Static GK Tip: जुकू लिली (Lilium chitrangadae) एक दुर्लभ फूल है जो केवल इसी क्षेत्र में पाया जाता है।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
जुकू घाटी को एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, रोज़गार के अवसर सृजित होंगे, और स्थानीय उद्यमिता (Local Entrepreneurship) को प्रोत्साहन मिलेगा।
यह परियोजना भारत की उस विस्तृत पर्यटन दृष्टि (Northeast Tourism Vision) के अनुरूप है, जो पारंपरिक पर्यटन स्थलों जैसे गोल्डन ट्रायंगल से आगे बढ़कर पूर्वोत्तर भारत के आकर्षणों को बढ़ावा देती है।
स्थानीय समुदायों को अतिथि–सत्कार, गाइडिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी दी जाएगी।
यह समुदाय–आधारित पर्यटन मॉडल दीर्घकालिक सतत विकास और समावेशी वृद्धि सुनिश्चित करेगा।
सरकारी सहयोग और समर्थन
इस परियोजना की सफलता केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग पर निर्भर करेगी।
पर्यटन मंत्रालय इस योजना के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता, अवसंरचना निर्माण, क्षमता निर्माण (Capacity Building) और वैश्विक प्रचार–प्रसार (Global Marketing) में सहायता प्रदान करेगा।
स्थानीय परिषदों, पर्यावरण संगठनों और उद्यमियों की भागीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि विकास सतत और पर्यावरण–संवेदनशील बना रहे।
Static GK Fact: इन्क्रेडिबल इंडिया अभियान (Incredible India Campaign) की शुरुआत 2002 में की गई थी, जो भारत सरकार की पहली अंतरराष्ट्रीय पर्यटन प्रचार पहल थी।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
स्थल प्रस्तावित करने वाला राज्य | नागालैंड |
प्रस्तावित स्थल | जुकू घाटी (Dzukou Valley) |
घोषणा करने वाले मंत्री | तेमजेन इमना अलोंग, पर्यटन एवं उच्च शिक्षा मंत्री |
राष्ट्रीय कार्यक्रम | 50 विश्वस्तरीय पर्यटन स्थलों का विकास |
अनुमानित निवेश | ₹250 करोड़ |
सम्मेलन स्थल | उदयपुर, राजस्थान |
प्रोत्साहित पर्यटन प्रकार | ईको-टूरिज्म (Eco-Tourism) |
प्रमुख पारिस्थितिक विशेषता | जुकू लिली (Lilium chitrangadae) |
संबंधित मंत्रालय | पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार |
अपेक्षित लाभ | रोज़गार सृजन और नागालैंड के लिए वैश्विक पहचान |