पूर्वी अरुणाचल में भारतीय सेना का अभ्यास
भारतीय सेना ने ईस्टर्न कमांड के तहत 25 से 28 सितंबर 2025 तक “एक्सरसाइज ड्रोन कवच” आयोजित किया। यह अभ्यास पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के अग्रिम क्षेत्रों में हुआ, जो संवेदनशील सीमा क्षेत्र माना जाता है। चार दिन के इस अभ्यास का नेतृत्व स्पीयर कोर ने किया, जिसमें सेना की अगली पीढ़ी की ड्रोन युद्ध रणनीतियों और आधुनिक युद्ध कौशल को प्रदर्शित किया गया। स्टैटिक जीके तथ्य: भारतीय सेना की ईस्टर्न कमांड का मुख्यालय कोलकाता में स्थित है।
अभ्यास का फोकस
इस कार्यक्रम में सामरिक युद्धाभ्यास, युद्ध सिमुलेशन और लक्ष्य निर्धारण का परीक्षण वास्तविक युद्ध जैसे हालात में किया गया। सक्रिय और निष्क्रिय दोनों प्रकार के काउंटर-ड्रोन उपायों को प्रणाली की दक्षता जांचने के लिए लागू किया गया। इसमें भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने भाग लिया। इसका उद्देश्य उन्नत ड्रोन तकनीकों को मान्य करना और क्षेत्रीय अभियानों के लिए यूनिट स्तर की रणनीतियाँ और तकनीकें तैयार करना था।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्व
“एक्सरसाइज ड्रोन कवच” भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। काउंटर-ड्रोन रणनीतियों को परिष्कृत करके सेना बहु-क्षेत्रीय युद्धक्षेत्रों में उभरते खतरों से निपटने की क्षमता बढ़ाती है। यह सीमा सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जहाँ ड्रोन-आधारित निगरानी और हथियारयुक्त UAVs (मानवरहित हवाई वाहन) नई चुनौतियाँ पेश करते हैं। स्टैटिक जीके तथ्य: भारतीय सेना की स्थापना 26 जनवरी 1950 को हुई थी, और इसके पहले कमांडर-इन-चीफ जनरल के. एम. करिअप्पा थे।
संबंधित उपलब्धि – माउंट गोरिचेन अभियान
19 सितंबर 2025 को स्पीयर कोर के सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊँची चढ़ाई योग्य चोटी माउंट गोरिचेन (6,488 मीटर) को फतह किया। इस अभियान ने बर्फीली धाराओं, ऑक्सीजन की कमी और तीव्र हवाओं के बीच सैनिकों की सहनशक्ति का परीक्षण किया। साथ ही अनुशासन, टीमवर्क और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी रेखांकित किया। स्टैटिक जीके तथ्य: माउंट गोरिचेन अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों के बीच स्थित है।
भविष्य की सैन्य नीतियों पर प्रभाव
“ड्रोन कवच” और “गोरिचेन अभियान” मिलकर सेना के प्रौद्योगिकी, धैर्य और युद्ध तैयारी पर केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। ये प्रयास हिमालयी क्षेत्रों में भविष्य की युद्ध नीतियों के लिए भारत की तैयारी को मजबूत करते हैं।
स्टैटिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
अभ्यास का नाम | ड्रोन कवच |
आयोजनकर्ता | भारतीय सेना स्पीयर कोर (ईस्टर्न कमांड) |
तिथियाँ | 25–28 सितंबर 2025 |
स्थान | पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के अग्रिम क्षेत्र |
फोकस | ड्रोन युद्ध और काउंटर-ड्रोन सिस्टम |
प्रतिभागी | भारतीय सेना और ITBP |
महत्व | संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में काउंटर-ड्रोन तैयारी को बढ़ावा |
संबंधित अभियान | माउंट गोरिचेन पर चढ़ाई – 19 सितंबर 2025 |
माउंट गोरिचेन की ऊँचाई | 6,488 मीटर |
स्टैटिक जीके | ईस्टर्न कमांड मुख्यालय – कोलकाता; भारतीय सेना स्थापना – 26 जनवरी 1950 |