भारत की डिफेंस तैयारियों को मजबूत करना
DRDO द्वारा 2 दिसंबर 2025 को इंडियन आर्म्ड फोर्सेज़ को सात देसी टेक्नोलॉजी देना भारत के डिफेंस इकोसिस्टम में एक बड़ी तरक्की है। इन टेक्नोलॉजीज़ को टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TDF) के तहत डेवलप किया गया था, जो इंडियन MSMEs और स्टार्टअप्स के बीच इनोवेशन को बढ़ावा देता है। यह पहल डिफेंस में आत्मनिर्भरता पर भारत के नए फोकस को दिखाती है।
TDF स्कीम को समझना
टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड, स्ट्रेटेजिक टेक्नोलॉजीज़ के देसी डेवलपमेंट को सपोर्ट करने के लिए DRDO द्वारा लागू किया गया डिफेंस मिनिस्ट्री का एक इनिशिएटिव है। यह छोटी फर्मों और स्टार्टअप्स को कॉम्प्लेक्स डिफेंस इनोवेशन में शामिल होने में मदद करता है। चुने हुए प्रोजेक्ट्स के लिए ₹50 करोड़ तक की फंडिंग सपोर्ट दी जाती है।
स्टेटिक GK फैक्ट: डिफेंस मिनिस्ट्री ने प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ाने के लिए 2014 में मेक इन इंडिया डिफेंस रिफॉर्म्स लॉन्च किए थे। TDF फ्रेमवर्क की खास बातें
यह स्कीम कॉन्सेप्ट डिज़ाइन से लेकर फील्ड डिप्लॉयमेंट तक के प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करती है। यह स्टार्टअप्स, MSMEs, एकेडेमिया और प्राइवेट इंडस्ट्रीज़ के लिए खुली है। इसके फोकस डोमेन में एयरोस्पेस, नेवल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और एडवांस्ड मटीरियल शामिल हैं।
स्टैटिक GK टिप: DRDO की स्थापना 1958 में टेक्निकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट और डिफेंस साइंस ऑर्गनाइज़ेशन को मिलाकर की गई थी।
दी गई टेक्नोलॉजी
बहुत ज़्यादा टेस्टिंग के बाद सात ज़रूरी टेक्नोलॉजी को तीनों डिफेंस सर्विसेज़ को ऑफिशियली ट्रांसफर किया गया। इनमें एयरबोर्न जैमर्स के लिए एक हाई-वोल्टेज पावर सप्लाई शामिल है, जो सेल्फ-प्रोटेक्शन कैपेबिलिटीज़ को बढ़ाती है। एक टाइड-एफिशिएंट गैंगवे नेवल जेटी पर ऑपरेशनल एफिशिएंसी को बेहतर बनाता है।
स्टैटिक GK फैक्ट: इंडियन नेवी तीन बड़े कमांड्स — वेस्टर्न, ईस्टर्न और सदर्न नेवल कमांड ऑपरेट करती है।
कम्युनिकेशन और प्रोपल्शन इनोवेशन
VLF लूप एरियल्स और स्विचिंग मैट्रिक्स सिस्टम्स जैसी टेक्नोलॉजीज़ VLF और HF प्लेटफॉर्म्स के लिए सिक्योर कम्युनिकेशन को बढ़ाती हैं। एक स्वदेशी वॉटरजेट प्रोपल्शन सिस्टम तेज़ इंटरसेप्टर क्राफ्ट को सपोर्ट करता है, जिससे इम्पोर्टेड प्रोपल्शन यूनिट पर निर्भरता कम होती है।
स्टैटिक GK टिप: कम सिग्नल एटेन्यूएशन के कारण पानी के नीचे चलने वाली सबमरीन के लिए VLF कम्युनिकेशन बहुत ज़रूरी है।
न्यू-एज एनर्जी सॉल्यूशंस
भारत को इस्तेमाल की गई लिथियम-आयन बैटरी से लिथियम प्रीकर्सर रिकवर करने की टेक्नोलॉजी भी मिली, जिससे सर्कुलर एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा मिला। एक लॉन्ग-लाइफ सीवॉटर बैटरी सिस्टम लंबे समय तक पानी के नीचे निगरानी मिशन को सपोर्ट करता है।
स्टैटिक GK फैक्ट: लिथियम को बैटरी और डिफेंस सिस्टम में इसके इस्तेमाल के कारण एक स्ट्रेटेजिक मिनरल के रूप में क्लासिफाई किया गया है।
हैंडओवर का स्ट्रेटेजिक महत्व
ये डेवलपमेंट भारत की डिफेंस तैयारियों को मजबूत करते हैं और विदेशी सप्लायर पर निर्भरता कम करते हैं। DRDO और इंडस्ट्री के बीच सहयोग लैब से युद्ध के मैदान तक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को तेज करता है। यह पहल भारतीय एंटरप्राइज की हाई-ग्रेड सिस्टम देने की क्षमता को दिखाती है।
नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी
DRDO की एम्पावर्ड कमेटी ने स्ट्रेटेजिक, एयरोस्पेस, नेवल और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर डोमेन को कवर करने वाले 12 नए प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी दी। इन प्रोजेक्ट्स का मकसद नई टेक्नोलॉजी में घरेलू क्षमताएं बनाना और भविष्य की मिलिट्री ज़रूरतों को पूरा करना है।
डिफेंस में आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाना
यह हैंडओवर डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर भारत की तरफ एक मज़बूत कदम दिखाता है। यह भारत के इनोवेशन इकोसिस्टम की बढ़ती मैच्योरिटी को दिखाता है और नेशनल सिक्योरिटी में MSMEs और स्टार्टअप्स की भूमिका को मज़बूत करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| हस्तांतरण तिथि | 2 दिसंबर 2025 |
| प्रौद्योगिकियों की संख्या | सात |
| कार्यान्वयन एजेंसी | DRDO |
| संबद्ध योजना | टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड |
| अधिकतम वित्तीय सहायता | प्रति परियोजना ₹50 करोड़ |
| लाभार्थी | MSMEs, स्टार्टअप, शिक्षण संस्थान, निजी कंपनियाँ |
| स्वीकृत नई परियोजनाएँ | बारह |
| प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्र | सामरिक, एयरोस्पेस, नौसैनिक, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (EW) |
| ऊर्जा नवाचार | लिथियम प्रीकर्सर रिकवरी तकनीक |
| निगरानी समर्थन | लंबी आयु वाला समुद्री जल बैटरी सिस्टम |





