सितम्बर 10, 2025 10:28 अपराह्न

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन: ज्ञान की विरासत

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Dr Sarvepalli Radhakrishnan A Legacy of Wisdom

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तिरुत्तनी (तमिलनाडु) में हुआ। उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की, जहाँ उनकी प्रतिभा को शीघ्र ही पहचाना गया। उनकी शैक्षणिक यात्रा ने उन्हें भारतीय विचारधारा का विश्व स्तर पर महान व्याख्याता बना दिया।

स्थिर जीके तथ्य: मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज एशिया के सबसे पुराने कॉलेजों में से एक है, जिसकी स्थापना 1837 में हुई थी।

दार्शनिक और विद्वान

राधाकृष्णन तुलनात्मक धर्म के विशिष्ट दार्शनिक थे। उनके कार्यों ने भारतीय दर्शन की गहराई को उजागर किया और पूर्वी तथा पश्चिमी विचारधाराओं के बीच पुल का कार्य किया। उन्होंने यह सिद्ध किया कि आध्यात्मिकता ही मानव प्रगति की नींव है।

उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं – Indian Philosophy, The Hindu View of Life, और The Principal Upanishads। ये आज भी दर्शनशास्त्र के क्षेत्र में आधारभूत संदर्भ ग्रंथ माने जाते हैं।

स्थिर जीके टिप: उपनिषद वेदों का अंतिम भाग माने जाते हैं, जो आध्यात्मिक ज्ञान पर केंद्रित हैं।

शैक्षणिक और अंतरराष्ट्रीय करियर

राधाकृष्णन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में Professor of Eastern Religions and Ethics के रूप में कार्य किया और वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई।
1930 के दशक में वे लीग ऑफ नेशन्स में भारत के प्रतिनिधि रहे, जहाँ उन्होंने नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का समर्थन किया।
1949 से 1952 तक वे सोवियत संघ में भारत के राजदूत रहे और शीत युद्ध काल के शुरुआती वर्षों में भारत-सोवियत संबंधों को मज़बूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राष्ट्रीय नेतृत्व

राधाकृष्णन 1952 से 1962 तक भारत के उपराष्ट्रपति और 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति रहे। उन्हें Philosopher President कहा गया क्योंकि उन्होंने विद्वता और नेतृत्व का अद्भुत समन्वय किया।

जब उनके छात्र और प्रशंसक उनका जन्मदिन मनाना चाहते थे, तो उन्होंने सुझाव दिया कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए, ताकि पूरे देश में शिक्षकों को सम्मान दिया जा सके।

स्थिर जीके तथ्य: शिक्षक दिवस की परंपरा 1962 में उनके राष्ट्रपति कार्यकाल से शुरू हुई।

मूल्य और विरासत

डॉ. राधाकृष्णन ज्ञान, समर्पण और ईमानदारी के प्रतीक थे। उनका विश्वास था कि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का सबसे बड़ा साधन है और शिक्षक केवल ज्ञान ही नहीं बल्कि मूल्य भी प्रेरित करें।

उनकी दृष्टि आज भी भारत की शिक्षा व्यवस्था को प्रेरित करती है और उन्हें भारतीय इतिहास के सबसे सम्मानित व्यक्तियों में स्थान देती है।

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विषय विवरण
जन्म 5 सितंबर 1888, तिरुत्तनी, तमिलनाडु
व्यवसाय दार्शनिक, विद्वान, शिक्षक, राजनेता
राजनयिक भूमिका सोवियत संघ में भारत के राजदूत (1949–1952)
लीग ऑफ नेशन्स 1930 के दशक में भारत के प्रतिनिधि
उपराष्ट्रपति 1952–1962
राष्ट्रपति 1962–1967
प्रमुख रचनाएँ Indian Philosophy, The Hindu View of Life, The Principal Upanishads
शिक्षक दिवस 5 सितंबर से 1962 से मनाया जा रहा है
मुख्य मूल्य ज्ञान, समर्पण, ईमानदारी
विरासत उपाधि भारत के दार्शनिक राष्ट्रपति

 

Dr Sarvepalli Radhakrishnan A Legacy of Wisdom
  1. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुत्तनी में हुआ था।
  2. उन्होंने 1837 में स्थापित मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में दर्शनशास्त्र का अध्ययन किया।
  3. राधाकृष्णन पूर्वी और पश्चिमी विचारों को जोड़ने वाले एक दार्शनिक थे।
  4. उन्होंने भारतीय दर्शन, हिंदू जीवन दर्शन और उपनिषदों की रचना की।
  5. उपनिषद वैदिक ग्रंथों का अंतिम भाग हैं।
  6. उन्होंने ऑक्सफोर्ड में पूर्वी धर्मों के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया।
  7. 1930 के दशक में राष्ट्र संघ में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
  8. वे 1949 से 1952 तक सोवियत संघ में राजदूत रहे।
  9. 1952 से 1962 तक भारत के उपराष्ट्रपति चुने गए।
  10. 1962 से 1967 तक भारत के राष्ट्रपति रहे।
  11. उन्हें लोकप्रिय रूप से भारत का दार्शनिक राष्ट्रपति कहा जाता था।
  12. उन्होंने सुझाव दिया कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए।
  13. उनके राष्ट्रपति काल के दौरान 1962 में शिक्षक दिवस की शुरुआत हुई।
  14. उन्होंने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन के साधन के रूप में महत्व दिया।
  15. बुद्धिमत्ता, सत्यनिष्ठा और समर्पण ने उनके नेतृत्व के दृष्टिकोण को परिभाषित किया।
  16. उनकी रचनाएँ दुनिया भर में दर्शनशास्त्र में आवश्यक संदर्भ बनी हुई हैं।
  17. उन्होंने आध्यात्मिकता को मानव प्रगति की नींव के रूप में बढ़ावा दिया।
  18. शिक्षक छात्रों में ज्ञान और मूल्यों दोनों को प्रेरित करते हैं।
  19. उनकी दृष्टि आज भी भारत की शिक्षा प्रणाली का मार्गदर्शन करती है।
  20. राधाकृष्णन भारत के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक हैं।

Q1. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म कहाँ हुआ था?


Q2. डॉ. राधाकृष्णन ने किस विश्वविद्यालय में पूर्वी धर्म और नैतिकता के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया?


Q3. भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?


Q4. अपनी बौद्धिक गहराई के कारण डॉ. राधाकृष्णन को कौन-सा उपनाम दिया गया था?


Q5. निम्नलिखित में से कौन-सी पुस्तक डॉ. राधाकृष्णन द्वारा लिखी गई थी?


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