अक्टूबर 19, 2025 1:19 पूर्वाह्न

डिजिलॉकर भारत में डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहा है

चालू घटनाएँ: डिजिलॉकर, नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD), MeitY, ई-डिस्ट्रिक्ट प्लेटफ़ॉर्म, आईटी नियम 2016, डिजिटल सशक्तिकरण, पेपरलेस गवर्नेंस, रियल-टाइम वेरिफिकेशन, ऑनलाइन डॉक्यूमेंट्स, डिजिटल इंडिया

Digilocker Driving Digital Empowerment in India

परिचय

डिजिलॉकर डिजिटल इंडिया का एक प्रमुख स्तंभ बनकर उभरा है, जिसने नागरिकों के सरकारी दस्तावेज़ों तक पहुँचने और उन्हें उपयोग करने के तरीके को बदल दिया है। यह नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दस्तावेज़ों को संग्रहित, साझा और सत्यापित करने की सुविधा देता है, वह भी कानूनी मान्यता के साथ।

नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन की भूमिका

नेशनल गवर्नेंस डिवीजन (NeGD), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के अंतर्गत कार्य करता है। इसे सेक्शन 8 गैरलाभकारी कंपनी के रूप में स्वतंत्र बिजनेस डिवीजन के रूप में बनाया गया था ताकि भारत में डिजिटल सेवा वितरण को आगे बढ़ाया जा सके। NeGD ने लगभग 2000 गवर्नमेंट सेवाओं को डिजिलॉकर और ई-डिस्ट्रिक्ट प्लेटफॉर्म से जोड़ा है, जिससे देशभर में नागरिकों को सुगम डिजिटल पहुँच मिल रही है।

डिजिलॉकर का उद्देश्य

MeitY की प्रमुख पहल के रूप में लॉन्च किया गया डिजिलॉकर, नागरिकों को अपने आधिकारिक दस्तावेज़ सुरक्षित डिजिटल फॉर्मेट में रखने की सुविधा देता है। अब शारीरिक प्रतियों की आवश्यकता नहीं होती।
Static GK तथ्य: डिजिलॉकर को जुलाई 2015 में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत लॉन्च किया गया था।

कानूनी ढाँचा

डिजिलॉकर में जारी दस्तावेज़ों को कानूनी रूप से भौतिक दस्तावेज़ों के समान माना जाता है। यह मान्यता सूचना प्रौद्योगिकी (डिजिटल लॉकर सुविधाएँ उपलब्ध कराने वाले मध्यस्थों द्वारा सूचना का संरक्षण और भंडारण) नियम, 2016 द्वारा दी गई है। इससे डिजिटल रिकॉर्ड्स को सरकारी और निजी सेवाओं में स्वीकार्यता मिलती है।

नागरिकों के लिए लाभ

डिजिलॉकर से नागरिकों को कभी भी और कहीं भी दस्तावेज़ों तक पहुँच मिलती है, जिससे कागजी कार्यवाही पर निर्भरता घटती है। प्रवेश, लाइसेंस नवीनीकरण और सत्यापन जैसी प्रक्रियाओं में सेवा वितरण तेज़ होता है। साथ ही रियलटाइम वेरिफिकेशन से धोखाधड़ी में कमी आती है और डेटा सुरक्षा बढ़ती है।
Static GK टिप: डिजिलॉकर लॉगिन और डॉक्यूमेंट एक्सेस के लिए आधारआधारित प्रमाणीकरण का उपयोग करता है।

एजेंसियों के लिए लाभ

सरकारी और निजी संस्थानों के लिए डिजिलॉकर प्रशासनिक बोझ कम करता है। एजेंसियाँ सीधे डिजिटल साइन किए गए रिकॉर्ड्स का सत्यापन कर सकती हैं, जिससे डुप्लीकेशन और मैनुअल जाँच से बचा जा सकता है। इससे पेपरलेस गवर्नेंस की दिशा में तेजी आती है।

व्यापक महत्व

डिजिलॉकर का ई-गवर्नेंस प्लेटफ़ॉर्म्स से एकीकरण भारत की तकनीकसंचालित गवर्नेंस पर फोकस को दर्शाता है। एक अरब से अधिक आधार-लिंक्ड नागरिकों के साथ यह प्लेटफॉर्म पारदर्शिता, सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करता है।
Static GK तथ्य: विश्व बैंक ने डिजिलॉकर सहित भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विकासशील देशों के लिए मॉडल के रूप में मान्यता दी है।

निष्कर्ष

डिजिलॉकर सिर्फ एक स्टोरेज टूल नहीं बल्कि शासन में क्रांति है। यह नागरिकों को सशक्त करता है, सरकार की कागजी प्रक्रियाएँ घटाता है और भारत की डिजिटल यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
लॉन्च वर्ष 2015 (डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत)
कार्यान्वयन निकाय नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD)
मातृ मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY)
कानूनी आधार आईटी नियम 2016 (डिजिलॉकर सुविधाओं पर)
कंपनी का प्रकार सेक्शन 8 गैर-लाभकारी कंपनी
एकीकृत सेवाएँ लगभग 2000 ई-गवर्नमेंट सेवाएँ
प्रमाणीकरण तरीका आधार-आधारित लॉगिन सिस्टम
मुख्य विशेषता कानूनी रूप से मान्य डिजिटल दस्तावेज़
मुख्य लाभ कभी भी, कहीं भी सुरक्षित एक्सेस
वैश्विक मान्यता विश्व बैंक द्वारा मॉडल के रूप में स्वीकार
Digilocker Driving Digital Empowerment in India
  1. डिजिलॉकर डिजिटल इंडिया के प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरा है।
  2. नागरिक दस्तावेज़ों को ऑनलाइन संग्रहीत, साझा और सत्यापित कर सकते हैं।
  3. MeitY के अंतर्गत राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग द्वारा प्रबंधित।
  4. NeGD धारा 8 के अंतर्गत एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में कार्य करता है।
  5. डिजिलॉकर 2000 ई-सरकारी सेवा प्लेटफ़ॉर्म के साथ एकीकृत है।
  6. डिजिटल इंडिया के अंतर्गत जुलाई 2015 में लॉन्च किया गया।
  7. डिजिलॉकर में संग्रहीत दस्तावेज़ों की पूर्ण कानूनी वैधता है।
  8. डिजिलॉकर के लिए आईटी नियम 2016 के अंतर्गत कानूनी आधार।
  9. आधार-आधारित प्रमाणीकरण नागरिकों को लॉगिन और पहुँच प्रदान करता है।
  10. यह प्रणाली नागरिकों के लिए कभी भी, कहीं भी सुरक्षित पहुँच सुनिश्चित करती है।
  11. शिक्षा, लाइसेंस, प्रवेश, सत्यापन जाँच में उपयोग किया जाता है।
  12. वास्तविक समय सत्यापन के साथ धोखाधड़ी को रोकते हुए डेटा सुरक्षा को बढ़ाता है।
  13. प्रत्यक्ष डिजिटल सत्यापन से एजेंसियाँ प्रशासनिक खर्च कम करती हैं।
  14. सरकारी और निजी सेवाओं में कागज़ रहित शासन का समर्थन करता है।
  15. विश्व बैंक द्वारा वैश्विक डिजिटल मॉडल के रूप में मान्यता प्राप्त।
  16. एकीकरण भारत की प्रौद्योगिकी-संचालित शासन प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  17. एक अरब से अधिक आधार उपयोगकर्ताओं के लिए पारदर्शिता और सुविधा में वृद्धि।
  18. यह प्लेटफ़ॉर्म ई-डिस्ट्रिक्ट और अन्य ई-गवर्नेंस मॉडलों का पूरक है।
  19. कागज़ात के बोझ को कम करके नागरिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है।
  20. डिजिलॉकर भारत की डिजिटल शासन यात्रा में एक मील का पत्थर है।

Q1. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत डिजीलॉकर कब शुरू किया गया था?


Q2. कौन सा कानूनी ढांचा डिजीलॉकर दस्तावेजों को भौतिक मूल प्रतियों के समान दर्जा देता है?


Q3. डिजीलॉकर तक पहुँचने के लिए कौन सी प्रमाणीकरण विधि का उपयोग किया जाता है?


Q4. किस अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने भारत की डिजिटल अवसंरचना, जिसमें डिजीलॉकर शामिल है, को मान्यता दी?


Q5. डिजीलॉकर का प्रबंधन कौन सा सरकारी प्रभाग करता है?


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