नवीकरणीय ऊर्जा में ऐतिहासिक मील का पत्थर
दिल्ली विधान सभा भारत की पहली ऐसी विधानसभा बन गई है जो पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित होती है। 500 किलोवाट की क्षमता वाला रूफटॉप सोलर प्लांट अब इसकी पूरी बिजली आवश्यकता पूरी करता है, जो सतत शासन की दिशा में एक बड़ा कदम है।
स्थैतिक जीके तथ्य: 1912 में निर्मित दिल्ली विधानसभा भवन, कभी भारत की पहली संसद का घर था।
वित्तीय और पर्यावरणीय लाभ
यह परियोजना प्रति माह लगभग ₹15 लाख की बिजली लागत घटाएगी, जिससे सालाना करीब ₹1.75 करोड़ की बचत होगी। इन बचत को दिल्ली में विकास परियोजनाओं में लगाया जाएगा। नेट मीटरिंग प्रणाली अतिरिक्त ऊर्जा को ग्रिड में भेजने की सुविधा देती है, जिससे दक्षता और बढ़ती है।
स्थैतिक जीके टिप: नेट मीटरिंग उपभोक्ताओं को अतिरिक्त बिजली ग्रिड में भेजकर अपने बिजली बिल में कटौती करने की सुविधा देती है।
आधुनिकीकरण के साथ विरासत का संरक्षण
विधानसभा ने अपने ऐतिहासिक महत्व को आधुनिक तकनीक के साथ संतुलित किया है। स्पीकर ने “विरासत और विकास साथ चलेगा” पर जोर देते हुए बताया कि इस इमारत का समृद्ध इतिहास अब अत्याधुनिक नवीकरणीय ऊर्जा अवसंरचना के साथ जुड़ गया है।
डिजिटल परिवर्तन के लिए नेवा प्लेटफॉर्म
सौर ऊर्जा के साथ-साथ, विधानसभा ने वन नेशन वन एप्लिकेशन पहल के तहत राष्ट्रीय ई–विधान एप्लिकेशन (NeVA) को अपनाया है। यह मंच विधायकों को पूरी तरह पेपरलेस वातावरण में काम करने की सुविधा देगा।
मुख्य विशेषताएं:
- एकीकृत माइक्रोफोन और वोटिंग सिस्टम वाले स्मार्ट डेलीगेट यूनिट
- सदस्यों के लिए RFID/NFC-आधारित सुरक्षित प्रवेश
- बहुभाषी समर्थन, बहस और आधिकारिक रिकॉर्ड के लिए
- आईपैड पर वास्तविक समय में विधायी दस्तावेज़ों की उपलब्धता
- एचडी कैमरों से स्वचालित ऑडियोविजुअल कवरेज
- सुरक्षित, पावर-बैकअप नेटवर्क अवसंरचना
सफल परीक्षण रन के बाद इसे मानसून सत्र से पहले लागू किया गया, जिससे सदस्य प्रणाली से परिचित हो सके।
अन्य विधानसभाओं के लिए मानक
100% नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल शासन के संयोजन से, दिल्ली विधानसभा ने पूरे देश की विधानसभाओं के लिए एक आदर्श स्थापित किया है। यह दोहरा परिवर्तन पर्यावरणीय स्थिरता और प्रशासनिक आधुनिकीकरण के राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप है।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन बिजली क्षमता हासिल करना है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| तथ्य | विवरण |
| पूरी तरह सौर ऊर्जा पर चलने वाली भारत की पहली विधानसभा | दिल्ली विधानसभा |
| रूफटॉप सोलर प्लांट क्षमता | 500 किलोवाट |
| सौर ऊर्जा से वार्षिक बचत | ₹1.75 करोड़ |
| विधानसभा भवन का निर्माण वर्ष | 1912 |
| भवन की ऐतिहासिक भूमिका | भारत की पहली संसद का घर |
| अपनाई गई डिजिटल शासन पहल | राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) |
| नेवा जिस राष्ट्रीय पहल के अंतर्गत आता है | वन नेशन वन एप्लिकेशन |
| नेवा की प्रमुख सुरक्षा सुविधा | RFID/NFC सुरक्षित प्रवेश |
| नवीकरणीय ऊर्जा नीति लक्ष्य | 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता |
| परियोजना में ऊर्जा प्रबंधन सुविधा | नेट मीटरिंग |





