बढ़ता दुग्ध उत्पादन
पिछले दशक में भारत के डेयरी क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है।
2014-15 में 146 मिलियन टन से बढ़कर 2023-24 में 239 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ — यानी 70 प्रतिशत की वृद्धि।
इस तेज प्रगति ने भारत को दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ता दुग्ध उत्पादक देश बना दिया है।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत 1998 से विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है और यह वैश्विक उत्पादन का 24% से अधिक योगदान देता है।
क्षमता में विस्तार
देश की दूध प्रसंस्करण क्षमता वर्तमान में 660 लाख लीटर प्रति दिन है, जिसे 2028-29 तक 10 करोड़ (100 मिलियन) लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 2014 में 124 ग्राम प्रतिदिन से बढ़कर 2024 में 471 ग्राम प्रतिदिन हो गई है — जो आपूर्ति वृद्धि और पोषण स्तर में सुधार दोनों को दर्शाती है।
स्थैतिक जीके तथ्य: प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) द्वारा एक महत्वपूर्ण संकेतक माना जाता है।
सहकारी समितियों का सशक्तिकरण
सहकारिता मंत्रालय ने किसान-केंद्रित विकास को प्राथमिकता दी है।
पिछले एक वर्ष में 33,000 नई सहकारी समितियाँ बनाई गईं, और लक्ष्य 2029 तक 75,000 समितियों की स्थापना का है।
इस योजना का उद्देश्य प्रत्येक पंचायत में एक सहकारी समिति बनाना है ताकि छोटे किसानों की भागीदारी और पहुंच बढ़े।
नई बहु-राज्य सहकारी पहलें
तीन बहु-राज्य सहकारी समितियाँ (Multi-State Cooperatives) विकसित की जा रही हैं —
- पशु आहार उत्पादन, रोग प्रबंधन और कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं को सुदृढ़ करने हेतु।
- गोबर प्रबंधन मॉडल के माध्यम से सतत कृषि को प्रोत्साहन देने हेतु।
- सर्कुलर इकॉनमी (Circular Economy) को बढ़ावा देने हेतु, जिसमें पशु अवशेषों का उत्पादक उपयोग किया जाएगा।
ये सभी पहलें पारंपरिक प्रथाओं में आधुनिक तकनीक को एकीकृत करती हैं।
साबर डेयरी प्लांट — एक मील का पत्थर
हरियाणा में स्थापित साबर डेयरी प्लांट अब भारत का सबसे बड़ा दही, छाछ और योगर्ट उत्पादन केंद्र बन गया है।
इसकी उत्पादन क्षमता है —
- दही: 150 मीट्रिक टन प्रतिदिन
- छाछ: 3 लाख लीटर प्रतिदिन
- योगर्ट: 10 लाख लीटर प्रतिदिन
यह संयंत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और उत्तरी राज्यों को आपूर्ति करता है, जिससे किसानों के लिए मजबूत बाजार संपर्क (Market Linkage) बनता है।
स्थैतिक जीके तथ्य: हरियाणा भारत के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल है जहाँ प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 1,100 ग्राम प्रतिदिन से अधिक है।
किसानों को लाभ
लगभग 8 करोड़ किसान सीधे डेयरी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।
उन्हें सहकारी समितियों, कम ब्याज वाले ऋण, बीमा योजनाओं, बीज और उर्वरक सब्सिडी जैसी सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।
डेयरी अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था का प्रमुख इंजन बन चुकी है, जो किसानों को नियमित आय और फसल चक्र पर निर्भरता में कमी प्रदान करती है।
भविष्य की दृष्टि — व्हाइट रेवोल्यूशन 2.0
सरकार का White Revolution 2.0 कार्यक्रम दूध प्रसंस्करण को बढ़ाने, सहकारी मॉडल को सशक्त करने और सततता (Sustainability) में सुधार करने पर केंद्रित है।
“सहकार से समृद्धि” की दृष्टि के तहत यह योजना ग्रामीण उत्पादकों को राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने, किसान सशक्तिकरण, और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखती है।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
2014-15 में दूध उत्पादन | 146 मिलियन टन |
2023-24 में दूध उत्पादन | 239 मिलियन टन |
कुल वृद्धि (2014–2024) | 70 प्रतिशत |
2014 में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता | 124 ग्राम प्रतिदिन |
2024 में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता | 471 ग्राम प्रतिदिन |
2024 में दूध प्रसंस्करण क्षमता | 660 लाख लीटर प्रतिदिन |
2028-29 तक लक्ष्य | 100 मिलियन लीटर प्रतिदिन |
नई सहकारी समितियों का लक्ष्य | 2029 तक 75,000 |
डेयरी क्षेत्र से जुड़े किसान | 8 करोड़ |
हरियाणा की प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता | 1,105 ग्राम प्रतिदिन |