चक्रवात का निर्माण
अक्टूबर 2025 में चक्रवात शक्ति का गठन पूर्व-मध्य अरब सागर में हुआ, जहाँ समुद्र सतह का तापमान 27°C से ऊपर चला गया था। गर्म समुद्री जल ने इसके विकास के लिए आवश्यक ऊष्मा ऊर्जा प्रदान की। कम ऊर्ध्वाधर पवन कतरन (Vertical Wind Shear) और उच्च वायुमंडलीय नमी ने तीव्रता बढ़ाने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न कीं।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: चक्रवात के निर्माण के लिए न्यूनतम समुद्र सतह का तापमान 26.5°C होना आवश्यक है।
तूफ़ान का नामकरण
इस चक्रवात का नाम “शक्ति” रखा गया, जिसका अर्थ है “शक्ति या ऊर्जा”। यह नाम श्रीलंका द्वारा प्रस्तावित किया गया था, जो WMO/ESCAP पैनल ऑन ट्रॉपिकल साइक्लोन्स का सदस्य है। यह पैनल उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र में तूफानों के नामकरण की देखरेख करता है। 13 सदस्य देशों द्वारा सुझाए गए नामों की सूची से नाम चुने जाते हैं ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में संचार और जन-जागरूकता आसान हो सके।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: WMO/ESCAP पैनल की स्थापना 1972 में क्षेत्रीय चक्रवातीय सहयोग के समन्वय हेतु की गई थी।
वर्गीकरण और तीव्रता
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) उत्तर हिंद महासागर में चक्रवातों को उनके सतत पवन वेग के आधार पर वर्गीकृत करता है। 89–117 किमी/घंटा की गति वाले चक्रवात शक्ति को गंभीर चक्रवाती तूफ़ान (Severe Cyclonic Storm) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह मध्यम स्तर का वर्ग है, जो “अत्यंत गंभीर”, “बेहद गंभीर” और “सुपर चक्रवात” जैसी उच्च श्रेणियों से नीचे है।
भौगोलिक मार्ग और प्रभाव
4 अक्टूबर 2025 तक, चक्रवात शक्ति गुजरात के द्वारका से लगभग 420 किमी की दूरी पर स्थित था और पश्चिम-दक्षिणपश्चिम दिशा में लगभग 18 किमी/घंटा की गति से आगे बढ़ रहा था। भारत के तट पर इसका प्रत्यक्ष लैंडफॉल अपेक्षित नहीं है, लेकिन इसके बाहरी प्रभाव स्पष्ट रूप से महसूस किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र के कोंकण तट — विशेष रूप से मुंबई, ठाणे, पालघर और रायगढ़ जिलों — में मध्यम से भारी वर्षा, तेज़ हवाएँ और ऊँची लहरें देखी जा रही हैं।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: अरब सागर में आधिकारिक चक्रवात मौसम अप्रैल से दिसंबर तक चलता है, जिसमें मई और अक्टूबर–नवंबर चरम मौसम माने जाते हैं।
बदलते चक्रवात रुझान
परंपरागत रूप से, अधिकांश चक्रवात बंगाल की खाड़ी में बनते थे, जबकि अरब सागर अपेक्षाकृत कम सक्रिय था। हालाँकि, जलवायु परिवर्तन इस प्रवृत्ति को बदल रहा है। 2001 से 2019 के बीच, अरब सागर में गंभीर चक्रवातों में 52% वृद्धि दर्ज की गई है। समुद्र सतह के बढ़ते तापमान और हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD) जैसे महासागरीय कारकों के कारण यह तीव्रता बढ़ी है। इस परिवर्तन के चलते पश्चिमी तटीय राज्य — महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात — अब चक्रवातों के प्रभाव के प्रति अधिक संवेदनशील हो रहे हैं।
आपदा तैयारी
IMD लगातार चक्रवात शक्ति से संबंधित चेतावनियाँ और पूर्वानुमान जारी कर रहा है। राज्य सरकारों ने आपदा प्रबंधन दलों को सतर्क स्थिति में रखा है। यह घटना तटीय अवसंरचना की मजबूती, प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों, और जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते चरम मौसमी घटनाओं से निपटने हेतु नीतियों की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की स्थापना 1875 में की गई थी और यह भारत में मौसम पूर्वानुमान और चक्रवात निगरानी की प्रमुख एजेंसी है।
स्थैतिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
चक्रवात का नाम | शक्ति, श्रीलंका द्वारा प्रस्तावित |
नाम का अर्थ | शक्ति या ऊर्जा |
गठन की तिथि | अक्टूबर 2025 |
स्थान | पूर्व-मध्य अरब सागर |
IMD वर्गीकरण | गंभीर चक्रवाती तूफ़ान (89–117 किमी/घंटा) |
द्वारका से दूरी | लगभग 420 किमी (4 अक्टूबर 2025) |
गति की दिशा | पश्चिम-दक्षिणपश्चिम, 18 किमी/घंटा |
प्रभावित भारतीय राज्य | महाराष्ट्र, गुजरात (चेतावनी), गोवा (जोखिम) |
मौसमी चरम अवधि | मई, अक्टूबर–नवंबर |
अरब सागर में चक्रवात वृद्धि | 2001–2019 के बीच 52% वृद्धि |