पूर्वी समुद्रों में विकसित होता चक्रवात
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी भाग में तेजी से विकसित हो रहा मौसम तंत्र एक गहरा निम्न दबाव क्षेत्र बन चुका है और 27 अक्टूबर तक चक्रवात “मोंथा” में परिवर्तित होने की संभावना है। यह तूफ़ान पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए आंध्र प्रदेश, उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिणी ओडिशा के तटीय इलाकों की ओर बढ़ेगा, जिससे भारी वर्षा और तेज़ हवाओं की संभावना जताई गई है।
स्थैतिक जीके तथ्य: बंगाल की खाड़ी भारत के लगभग 70% चक्रवातों का स्रोत है क्योंकि यहाँ समुद्र की सतह का तापमान अधिक होता है और मॉनसून-पश्चात मौसम (अक्टूबर–दिसंबर) में हवा की दिशा अनुकूल रहती है।
मौसम संबंधी प्रेक्षण
25 अक्टूबर तक यह अवदाब पोर्ट ब्लेयर से लगभग 420 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व और विशाखापट्टनम एवं चेन्नई से लगभग 1,000 किमी दूर स्थित था। यह सोमवार सुबह तक बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम-मध्य भाग तक पहुँचने की संभावना है।
हवा की रफ्तार 80–100 किमी प्रति घंटा और झोंकों के साथ 110 किमी प्रति घंटा तक पहुँच सकती है, जिससे समुद्र में बहुत उथल-पुथल की स्थिति बनेगी।
स्थैतिक जीके टिप: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का मुख्यालय नई दिल्ली में है और यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
राज्यों में ऑरेंज और येलो अलर्ट
IMD ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के कई ज़िलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें अत्यधिक भारी वर्षा और तेज़ हवाओं की चेतावनी दी गई है।
• तमिलनाडु: कन्न्याकुमारी, तेनकासी, तूतीकोरिन, तिरुनेलवेली और रामनाथपुरम में भारी वर्षा की संभावना है, जबकि चेन्नई और आसपास के ज़िलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
• आंध्र प्रदेश: मछलीपट्टनम से विशाखापट्टनम तक के तटीय क्षेत्रों में तेज़ हवाओं और वर्षा का पूर्वानुमान है।
• ओडिशा: गंजाम, गजपति और रायगढ़ा ज़िलों में ऑरेंज अलर्ट जारी है।
स्थैतिक जीके तथ्य: ऑरेंज अलर्ट IMD की चेतावनी प्रणाली में “Be Prepared” चरण को दर्शाता है, जिसमें 115.6–204.4 मिमी वर्षा और 62–88 किमी/घं की हवाओं की संभावना रहती है।
अनुमानित मार्ग और संभावित तट-प्रवेश
हालांकि सटीक लैंडफॉल बिंदु अभी निश्चित नहीं है, लेकिन मौसम मॉडल के अनुसार यह चक्रवात 27–28 अक्टूबर के बीच आंध्र प्रदेश तट से टकरा सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तरी ओडिशा में भी वर्षा हो सकती है, जिससे छठ पूजा के दौरान बादल छाए रहने की संभावना है।
स्थैतिक जीके तथ्य: “मोंथा” नाम म्यांमार द्वारा विश्व मौसम संगठन (WMO) की उत्तर हिंद महासागर चक्रवात नामकरण सूची के तहत दिया गया है।
सरकारी तैयारी और प्रतिक्रिया
तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों ने कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए हैं और एनडीआरएफ टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
26 से 29 अक्टूबर तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है, जबकि बंदरगाहों को लोकल कौशनरी सिग्नल नंबर 3 फहराने के निर्देश दिए गए हैं।
स्थैतिक जीके टिप: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की स्थापना 2006 में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत की गई थी, और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
स्थैतिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| चक्रवात का नाम | मोंथा |
| नाम प्रस्तावक देश | म्यांमार |
| पूर्वानुमानित क्षेत्र | बंगाल की खाड़ी |
| संभावित तट–प्रवेश | आंध्र प्रदेश तट (अक्टूबर 2025 के अंत में) |
| IMD चेतावनी स्तर | ऑरेंज अलर्ट (Be Prepared) |
| अनुमानित हवा की गति | 80–100 किमी/घं (झोंकों सहित 110 किमी/घं तक) |
| मुख्य प्रभावित राज्य | तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा |
| उत्तरदायी एजेंसी | भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) |
| मछुआरा परामर्श | 26 से 29 अक्टूबर तक समुद्र में न जाएँ |
| आपदा प्रतिक्रिया इकाई | राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) |





