अक्टूबर 19, 2025 8:33 अपराह्न

तमिलनाडु में कपास की खेती में गिरावट

चालू घटनाएँ: कपास की खेती, तमिलनाडु, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CCI), डेल्टा क्षेत्र, आंध्र प्रदेश, किसान, कृषि सहायता, भूमि स्वामित्व, फसल में गिरावट

Cotton Cultivation Decline in Tamil Nadu

खेती के क्षेत्र में गिरावट

तमिलनाडु के डेल्टा क्षेत्र में इस वर्ष कपास की खेती के क्षेत्रफल में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। किसानों के अनुसार कीमतों में ठहराव और खरीद प्रणाली की कमी के कारण खेती की प्रोत्साहन शक्ति घट गई है।
स्थैतिक तथ्य: तमिलनाडु भारत के कुल कपास उत्पादन में लगभग 4% का योगदान देता है।

किसानों की कठिनाइयाँ

आषाढ़ (आडी पट्टम) के दौरान कपास की फसल काटने वाले किसानों को केवल पिछले वर्ष का MSP मिला। कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) ने 2019 से तमिलनाडु में कपास की खरीद नहीं की है, जिससे किसानों को निश्चित खरीदारों का अभाव झेलना पड़ रहा है।
इससे छोटे और सीमांत किसानों पर आर्थिक दबाव बढ़ा है।

आंध्र प्रदेश से तुलना

आंध्र प्रदेश में कपास किसानों को परिवहन सहायता (Transport Support) दी जाती है, जबकि तमिलनाडु में इस प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। इससे किसानों की लागत बढ़ती है और खेती का रुचि स्तर घटता है।
स्थैतिक टिप: MSP योजना की शुरुआत 1966 में किसानों को उचित मूल्य देने और कुप्रथा बिक्री (Distress Sale) रोकने के लिए की गई थी।

डेल्टा क्षेत्र के किसानों पर प्रभाव

तमिलनाडु के डेल्टा क्षेत्र में 15,000 से अधिक कपास उत्पादक किसान हैं। अधिकांश के पास 3–4 एकड़ की छोटी जोतें हैं, जिससे वे बाज़ार और जलवायु जोखिमों को सहन नहीं कर पाते।
कपास उत्पादन में गिरावट से कृषि आय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था दोनों प्रभावित हो सकती हैं।

सरकारी और बाज़ार परिदृश्य

MSP के तहत खरीद की अनुपस्थिति और राज्य सहायता के अभाव ने किसानों को धान, गन्ना और मक्का जैसी वैकल्पिक फसलों की ओर मोड़ दिया है।
यह परिवर्तन स्थानीय वस्त्र उद्योग आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित कर सकता है, जो क्षेत्रीय रूप से उत्पादित कपास पर निर्भर है।
स्थैतिक तथ्य: भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश है।

आर्थिक और नीतिगत प्रभाव

कपास की खेती में गिरावट से ग्रामीण रोज़गार पर असर पड़ेगा, क्योंकि कपास तोड़ने और उससे जुड़ी मजदूरी गतिविधियाँ मौसमी मज़दूरों के लिए आय का मुख्य स्रोत हैं।
नीतिनिर्माताओं को चाहिए कि MSP खरीद प्रणाली को पुनः आरंभ करें और परिवहन सब्सिडी लागू करें, ताकि डेल्टा क्षेत्र में खेती को बनाए रखा जा सके।

वैकल्पिक उपाय

विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और फसल बीमा योजनाओं को बढ़ावा देकर छोटे किसानों की रक्षा की जा सकती है।
साथ ही, आधुनिक खेती तकनीकों तक पहुँच बढ़ाना और जैविक कपास उत्पादन को प्रोत्साहित करना खेती में पुनः रुचि जगा सकता है।
स्थैतिक टिप: भारत में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को पहली बार मॉडल एपीएमसी अधिनियम 2003 के तहत प्रोत्साहित किया गया था।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
गिरावट क्षेत्र तमिलनाडु के डेल्टा क्षेत्र में कपास की खेती में गिरावट
प्रभावित किसान 15,000 से अधिक, औसतन 3–4 एकड़ भूमि स्वामित्व
MSP स्थिति किसानों को पिछले वर्ष का MSP; 2019 से CCI द्वारा कोई खरीद नहीं
तुलनात्मक राज्य सहायता आंध्र प्रदेश परिवहन सहायता देता है; तमिलनाडु नहीं
वैकल्पिक फसलें धान, गन्ना, मक्का को प्राथमिकता
आर्थिक प्रभाव ग्रामीण आय और रोज़गार में संभावित गिरावट
नीतिगत सुझाव MSP पुनः आरंभ, परिवहन सब्सिडी, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा
राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश
Cotton Cultivation Decline in Tamil Nadu
  1. तमिलनाडु के डेल्टा क्षेत्र में कपास की खेती तेज़ी से घट रही है।
  2. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) स्थिर रहने के कारण किसानों को नुकसान हो रहा है।
  3. भारतीय कपास निगम (CCI) ने 2019 से कपास की ख़रीद नहीं की है।
  4. भारत के कुल कपास उत्पादन में तमिलनाडु का योगदान 4% है।
  5. किसानों को केवल पिछले साल का MSP ही मिला, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है।
  6. आंध्र प्रदेश के विपरीत यहाँ कोई परिवहन सहायता प्रदान नहीं की जाती है।
  7. आंध्र प्रदेश की परिवहन सब्सिडी कपास की खेती को बनाए रखने में मदद करती है।
  8. तमिलनाडु के किसानों के पास 3-4 एकड़ की छोटी ज़मीन है।
  9. डेल्टा क्षेत्र में 15,000 से ज़्यादा कपास उत्पादक काम करते हैं।
  10. गिरावट का असर ग्रामीण आय और स्थानीय कपड़ा श्रृंखलाओं पर पड़ रहा है।
  11. किसान धान, गन्ना और मक्का की फ़सलों की ओर रुख कर रहे हैं।
  12. चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपास उत्पादक है।
  13. एमएसपी खरीद का अभाव उत्पादकों के लिए वित्तीय असुरक्षा का कारण बनता है।
  14. अनुबंध खेती और फसल बीमा छोटे किसानों की मदद कर सकते हैं।
  15. एक विकल्प के रूप में जैविक कपास की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
  16. मॉडल एपीएमसी अधिनियम 2003 ने भारत में पहली बार अनुबंध खेती को बढ़ावा दिया।
  17. बाजार आश्वासन का अभाव डेल्टा कृषि में विविधीकरण को मजबूर करता है।
  18. कपास की गिरावट मौसमी श्रम और ग्रामीण रोजगार को प्रभावित करती है।
  19. एमएसपी और परिवहन सहायता की नीति को फिर से लागू करने की सिफारिश की जाती है।
  20. कपास की खेती को पुनर्जीवित करना तमिलनाडु की कृषि-वस्त्र अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।

Q1. किस भारतीय राज्य में कपास की खेती में गिरावट देखी जा रही है?


Q2. कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) ने तमिलनाडु से आखिरी बार किस वर्ष कपास की खरीद की थी?


Q3. तमिलनाडु के डेल्टा क्षेत्र में कपास किसानों की औसत भूमि जोत (Landholding) कितनी है?


Q4. कौन-सा पड़ोसी राज्य कपास किसानों को परिवहन सहायता (Transport Support) प्रदान करता है?


Q5. भारत में अनुबंध खेती (Contract Farming) को पहली बार किस अधिनियम के तहत प्रोत्साहित किया गया था?


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