घटते प्रवाल भित्ति पारितंत्र
मन्नार की खाड़ी की प्रवाल भित्तियाँ दशकों से संकट में हैं। 1960 के दशक से समुद्री तापमान में वृद्धि, कोरल माइनिंग और मानवीय दबावों ने व्यापक क्षति पहुँचाई है। इसके कारण समुद्री जैव विविधता खतरे में पड़ी और तट को बचाने वाली प्राकृतिक बाधा कमजोर हुई।
स्थैतिक जीके तथ्य: मन्नार की खाड़ी भारत का पहला समुद्री बायोस्फीयर रिज़र्व (1989) है।
दीर्घकालिक संरक्षण कार्य
सुगन्थी देवदासन मरीन रिसर्च इंस्टिट्यूट (SDMRI) और तमिलनाडु वन विभाग बीते 20 वर्षों से प्रवाल पुनर्स्थापन कार्य कर रहे हैं।
अब तक 51,183 कोरल टुकड़ों (20 प्रजातियाँ) को 5,550 कृत्रिम बेस पर प्रत्यारोपित किया गया, जिससे लगभग 40,000 वर्ग मीटर क्षतिग्रस्त क्षेत्र पुनर्जीवित हुआ।
प्रत्यारोपित कोरल की सफलता
इन कोरल का जीवित रहने का अनुपात 55.6% से 79.5% रहा। इनमें Acropora intermedia प्रजाति सबसे बेहतर रही, जिसकी 89.1% जीवित दर और पाँच वर्षों में 16.7 सेमी वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई। यह प्रजाति की लचीलापन क्षमता को दर्शाता है।
स्थैतिक जीके टिप: कोरल रीफ समुद्र तल का 1% से भी कम हिस्सा कवर करते हैं, लेकिन वे 25% समुद्री जीवन का सहारा हैं।
कृत्रिम रीफ संरचनाओं की भूमिका
2015 से 2019 के बीच 10,600 विशेष रीफ मॉड्यूल लगाए गए, जिनमें Triangular Artificial Reefs (TAR) और Perforated Trapezoidal Artificial Reefs (PTAR) शामिल हैं।
इनसे कोरल रिकूट घनत्व 2004 में 1.23 से बढ़कर 2020 में 76.01 हो गया, जो प्राकृतिक पुनर्विकास में कृत्रिम संरचनाओं की भूमिका साबित करता है।
पारिस्थितिक सुधार
पुनर्स्थापित क्षेत्रों में जीवित कोरल का कवरेज 2006 में 2.7% से बढ़कर 2020 में 18.8% हो गया, जबकि बिना पुनर्स्थापन क्षेत्रों में यह केवल 1.8% रहा।
मछलियों की संख्या में भी 2006 में 14.5 से 2020 में 310.0 तक वृद्धि दर्ज की गई।
समृद्ध समुद्री जैव विविधता
पुनर्स्थापित प्रवाल क्षेत्रों में अब विविध प्रजातियाँ पनप रही हैं।
- वान द्वीप पर 63 प्रकार की मछलियाँ
- कोस्वारी द्वीप पर लगभग 51 प्रजातियाँ पाई गईं।
ये पारिस्थितिकी संतुलन और मछुआरों की आजीविका दोनों के लिए अहम हैं।
सरकार द्वारा समर्थित परियोजनाएँ
तमिलनाडु सरकार ने Tamil Nadu Sustainably Harnessing Ocean Resources (TNSHORE) योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत:
- लगभग 8,500 कृत्रिम रीफ मॉड्यूल लगाए जाएँगे।
- सीग्रास बेड पुनर्स्थापन और अन्य संवेदनशील समुद्री पारिस्थितिक तंत्र संरक्षण भी शामिल है।
स्थैतिक जीके तथ्य: मन्नार की खाड़ी समुद्री राष्ट्रीय उद्यान 1986 में बनाया गया था, जिसमें तमिलनाडु तट के साथ 21 द्वीप शामिल हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| स्थान | मन्नार की खाड़ी, तमिलनाडु |
| समुद्री राष्ट्रीय उद्यान | 1986 में घोषित |
| समुद्री बायोस्फीयर रिज़र्व | 1989 में स्थापित |
| प्रत्यारोपित कोरल टुकड़े | 51,183 (20 प्रजातियाँ) |
| पुनर्स्थापित क्षेत्र | 40,000 वर्ग मीटर |
| जीवित रहने की दर | 55.6% – 79.5% |
| सर्वश्रेष्ठ प्रजाति | Acropora intermedia (89.1%) |
| कृत्रिम रीफ मॉड्यूल | 2015–2019 के बीच 10,600 |
| मछली घनत्व वृद्धि | 2006 में 14.5 से 2020 में 310.0 |
| सरकारी परियोजना | TNSHORE – 8,500 मॉड्यूल सहित |





