नवम्बर 5, 2025 5:59 पूर्वाह्न

संविधान 130वाँ संशोधन विधेयक 2025

चालू घटनाएँ: संविधान 130वाँ संशोधन विधेयक 2025, अनुच्छेद 75, संयुक्त संसदीय समिति, मंत्रियों की अयोग्यता, गंभीर अपराध, निरुद्ध अवधि, लोकसभा हंगामा, संघवाद, संवैधानिक नैतिकता, राजनीतिक दुरुपयोग

Constitution 130th Amendment Bill 2025

परिचय

संविधान (एक सौ तीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2025 संसद में तीव्र बहस का विषय बन गया है। यह विधेयक अनुच्छेद 75 से संबंधित नए प्रावधानों को प्रस्तुत करता है, जो गंभीर अपराधों में निरुद्ध मंत्रियों की अयोग्यता से जुड़ा है। विधेयक को विस्तार से जाँच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया है।

विधेयक के मुख्य प्रावधान

विधेयक के अनुसार, यदि कोई मंत्री ऐसे अपराध में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिनों तक निरुद्ध रहता है, जिसकी सजा 5 वर्ष या उससे अधिक है, तो वह मंत्री पद पर नहीं रह सकेगा।
31वें दिन राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री की सलाह पर मंत्री को पद से हटा देंगे। यदि कोई सलाह नहीं दी गई, तो मंत्री स्वचालित रूप से पद खो देगा। हालांकि, विधेयक निरुद्ध मंत्री के रिहा होने के बाद पुनर्नियुक्ति की अनुमति देता है।
स्थैतिक जीके तथ्य: अनुच्छेद 75 मूल रूप से मंत्रिपरिषद की नियुक्ति, कार्यकाल और जिम्मेदारियों को परिभाषित करता है।

अनुच्छेद 75 में संशोधन

यह संशोधन अनुच्छेद 75 में एक नया उपबंध जोड़ने का प्रयास करता है, जिसके तहत गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे मंत्री निरुद्ध होने के 30 दिन बाद पद पर नहीं बने रह सकते। इसे सुशासन और संवैधानिक नैतिकता की दिशा में कदम बताया जा रहा है, ताकि निरुद्ध मंत्री सत्ता का दुरुपयोग न कर सके।
स्थैतिक जीके तथ्य: अनुच्छेद 75 यह भी कहता है कि मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है।

विपक्ष की चिंताएँ

इस विधेयक का कई विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया। उनका कहना है कि यह निर्दोष मानने की धारणा को कमजोर करता है, क्योंकि सजा का निर्धारण दोषसिद्धि से पहले केवल गिरफ्तारी के आधार पर हो रहा है।
ममता बनर्जी ने चेतावनी दी कि यह संघवाद को कमजोर करेगा, जबकि असदुद्दीन ओवैसी ने आलोचना की कि इससे कार्यपालिका ही न्यायाधीश और दंडाधिकारी बन जाएगी। विपक्ष ने यह भी आशंका जताई कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करके विरोधियों को निशाना बनाया जा सकता है।

संयुक्त संसदीय समिति की भूमिका

विधेयक को दोनों सदनों के सदस्यों वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया है। समिति प्रावधानों का अध्ययन करेगी, हितधारकों से परामर्श लेगी और अगली संसदीय बैठक में रिपोर्ट पेश करेगी। इसकी सिफारिशें बाध्यकारी नहीं होतीं, लेकिन विधायी प्रक्रिया पर बड़ा प्रभाव डालती हैं।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत में पहली JPC का गठन 1969 में भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक की जाँच के लिए हुआ था।

संशोधन के निहितार्थ

यह विधेयक मंत्रियों के लिए एक नई जवाबदेही सीमा तय करता है, लेकिन इससे राजनीतिक अस्थिरता की आशंका भी बढ़ती है। यह विरोधी नेताओं के खिलाफ राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल हो सकता है। रिहाई के बाद पुनर्नियुक्ति का प्रावधान कुछ लचीलापन देता है, लेकिन दुरुपयोग की आशंकाओं को पूरी तरह समाप्त नहीं करता।
यह विधेयक सुशासन सुधार और लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा के बीच संतुलन की निरंतर चुनौती को उजागर करता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
संशोधन संख्या 130वाँ
पेश करने का वर्ष 2025
संबंधित अनुच्छेद अनुच्छेद 75
अयोग्यता की शर्त मंत्री 30 दिन लगातार निरुद्ध
न्यूनतम दंड मानदंड 5 वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराध
हटाने का अधिकार राष्ट्रपति (मुख्यमंत्री की सलाह पर)
स्वचालित हटाना 31वें दिन से यदि कोई सलाह न मिले
पुनर्नियुक्ति प्रावधान रिहाई के बाद पुनर्नियुक्त हो सकता है
निगरानी निकाय संयुक्त संसदीय समिति (JPC)
भारत की पहली JPC 1969, भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक
Constitution 130th Amendment Bill 2025
  1. 130वें संविधान संशोधन विधेयक, 2025 के रूप में प्रस्तुत।
  2. अनुच्छेद 75 (मंत्रिपरिषद) से संबंधित।
  3. लगातार 30+ दिनों तक हिरासत में रहने वाले मंत्रियों का पद छूट जाता है।
  4. 5 वर्ष या उससे अधिक कारावास की सजा वाले अपराधों पर लागू।
  5. मुख्यमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
  6. यदि सलाह नहीं दी जाती है, तो 31वें दिन स्वतः हटाया जा सकता है।
  7. रिहाई के बाद मंत्रियों को फिर से नियुक्त किया जा सकता है।
  8. विधेयक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया।
  9. भ्रष्टाचार विरोधी कानून के लिए पहली जेपीसी 1969 में गठित की गई थी।
  10. अनुच्छेद 75 लोकसभा के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व सुनिश्चित करता है।
  11. विपक्ष ने तर्क दिया कि विधेयक निर्दोषता की धारणा को कमजोर करता है।
  12. आलोचकों ने केंद्रीय एजेंसियों द्वारा राजनीतिक दुरुपयोग की चेतावनी दी है।
  13. ममता बनर्जी ने संघवाद की चिंताएँ उठाईं।
  14. असदुद्दीन ओवैसी ने इसे कार्यपालिका का अतिक्रमण बताया।
  15. विधेयक का उद्देश्य संवैधानिक नैतिकता और सुशासन है।
  16. दुरुपयोग के कारण राजनीतिक अस्थिरता का जोखिम।
  17. मंत्रिस्तरीय जवाबदेही के लिए नई सीमा प्रदान करता है।
  18. अनुच्छेद 75 मूल रूप से नियुक्ति और कार्यकाल से संबंधित है।
  19. संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) रिपोर्ट देने से पहले हितधारकों से परामर्श करेगी।
  20. जवाबदेही बनाम लोकतांत्रिक सुरक्षा उपायों के बीच संतुलन स्थापित करता है।

Q1. संविधान (130वाँ संशोधन) विधेयक 2025 द्वारा कौन-सा अनुच्छेद संशोधित किया गया है?


Q2. लगातार कितने दिनों की निरुद्धि (detention) पर मंत्री अपना पद खो देता है?


Q3. संशोधन प्रावधानों के अनुसार मंत्री को कौन हटाता है?


Q4. भारत में पहली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) कब गठित की गई थी?


Q5. विपक्षी दलों द्वारा इस विधेयक की मुख्य आलोचना क्या है?


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