यूनेस्को नामांकन प्रक्रिया
भारत सरकार ने छठ महापर्व को यूनेस्को की Intangible Cultural Heritage of Humanity की प्रतिनिधि सूची में शामिल करने के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया में समुदायों की सहमति, सुदृढ़ दस्तावेज़ीकरण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है। संस्कृति मंत्रालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के सहयोग से संगीत नाटक अकादमी आधिकारिक डोज़ियर तैयार कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सूरीनाम और नीदरलैंड जैसे देशों के राजनयिकों से संवाद किया है, जहाँ भारतीय प्रवासी समुदाय इस पर्व को बड़े पैमाने पर मनाता है। इसके अलावा, मॉरीशस और फ़िजी में भारतीय दूतावास भी इस प्रयास को समर्थन दे रहे हैं। यह बहुराष्ट्रीय दृष्टिकोण इस पर्व के वैश्विक स्वरूप को दर्शाते हुए नामांकन को मज़बूत करता है।
स्थिर GK तथ्य: यूनेस्को का 2003 का Convention on the Safeguarding of Intangible Cultural Heritage ऐसी नामांकन प्रक्रियाओं के लिए ढांचा प्रदान करता है।
छठ महापर्व के बारे में
छठ महापर्व चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है जो सूर्य देव और छठी मइया को समर्पित है। यह बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में प्रमुखता से मनाया जाता है। अनुष्ठानों में उपवास, नदी या तालाब में स्नान, और उदित व अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देना शामिल है। यह पर्व पारिस्थितिक संतुलन, सामाजिक सौहार्द और समावेशिता का प्रतीक है।
स्थिर GK तथ्य: छठ के चार दिन — पहला दिन नहाय खाय, दूसरा लोहंडा और खरना, तीसरा संध्या अर्घ्य और चौथा उषा अर्घ्य कहलाते हैं।
भारत की अमूर्त धरोहर सूची
भारत की पहले से ही 15 सांस्कृतिक धरोहरें यूनेस्को की सूची में शामिल हैं, जिनमें वैदिक chanting, कुटियट्टम, रामलीला, छाऊ नृत्य, योग, कुंभ मेला और कोलकाता की दुर्गा पूजा शामिल हैं। यदि छठ महापर्व को सूची में शामिल किया जाता है, तो यह इस सूची को और समृद्ध करेगा और भारत की सांस्कृतिक संरक्षण में अग्रणी भूमिका को मजबूत करेगा।
स्थिर GK टिप: भारत ने 2005 में यूनेस्को Convention for Safeguarding of the Intangible Cultural Heritage पर हस्ताक्षर किए थे।
छठ महापर्व का महत्व
छठ महापर्व भारत की सबसे पुरानी जीवित परंपराओं में से एक है, जो प्रकृति के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। यह पर्व जाति और धर्म से परे लोगों को जोड़ता है और समानता व सामूहिक भागीदारी को प्रोत्साहित करता है। इसकी पारिस्थितिक भावना टिकाऊ प्रथाओं को दर्शाती है, जिससे यह वैश्विक सांस्कृतिक चर्चाओं के लिए प्रासंगिक बनता है।
यूनेस्को द्वारा मान्यता मिलने से इस परंपरा का संरक्षण भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुनिश्चित होगा और भारत की सांस्कृतिक कूटनीति भी सशक्त होगी।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
नामांकित त्योहार | छठ महापर्व |
नामांकन निकाय | भारत का संस्कृति मंत्रालय |
सहयोगी संस्था | संगीत नाटक अकादमी |
अन्य सहयोगी | इग्नका (IGNCA), विदेश मंत्रालय |
प्रवासी देशों की भागीदारी | UAE, सूरीनाम, नीदरलैंड, मॉरीशस, फ़िजी |
पर्व की अवधि | चार दिन |
पूजित देवता | सूर्य देव और छठी मइया |
मुख्य राज्य | बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल |
प्रमुख अनुष्ठान | उपवास, स्नान, उदित व अस्त होते सूर्य को अर्घ्य |
भारत की मौजूदा यूनेस्को धरोहरें | 15 (योग, रामलीला, कुंभ मेला, दुर्गा पूजा आदि) |