कैबिनेट का फैसला और अवलोकन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, केंद्रीय कैबिनेट ने ₹11,718.24 करोड़ के खर्च के साथ भारत की जनगणना 2027 कराने की योजना को मंज़ूरी दे दी है। यह मंज़ूरी एक लंबे अंतराल के बाद भारत के सबसे व्यापक प्रशासनिक अभ्यास की वापसी का प्रतीक है। 2027 की जनगणना 16वीं राष्ट्रीय जनगणना और आज़ादी के बाद 8वीं जनगणना होगी।
जनगणना को तेज़, स्वच्छ और नीति-तैयार डेटा उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एक बड़ा बदलाव पूरे देश में डिजिटल डेटा संग्रह और प्रसंस्करण में पूरी तरह से बदलाव है।
स्टेटिक जीके तथ्य: भारत की पहली समकालिक जनगणना 1881 में आयोजित की गई थी, जिसने दस-वर्षीय परंपरा स्थापित की।
दो-चरण जनगणना ढांचा
सटीकता और परिचालन दक्षता सुनिश्चित करने के लिए जनगणना दो अलग-अलग चरणों में आयोजित की जाएगी। प्रत्येक चरण में अलग-अलग प्रश्नावली और प्रशिक्षित फील्ड स्टाफ का उपयोग किया जाएगा।
पहला चरण, हाउसलिस्टिंग और आवास जनगणना, अप्रैल से सितंबर 2026 तक आयोजित किया जाएगा। यह आवास की स्थिति, सुविधाओं और घरेलू संपत्तियों के बारे में जानकारी एकत्र करेगा।
दूसरा चरण, जनसंख्या गणना, फरवरी 2027 में किया जाएगा। लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे बर्फ से ढके क्षेत्रों के लिए, गणना सितंबर 2026 में पहले की जाएगी।
कानूनी और प्रशासनिक ढांचा
जनगणना अभ्यास जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम, 1990 द्वारा शासित होता है। ये कानून डेटा संग्रह के लिए कानूनी अधिकार प्रदान करते हैं और व्यक्तिगत जानकारी की गोपनीयता सुनिश्चित करते हैं।
जनगणना करने वाले गांवों, कस्बों और शहरी वार्डों में हर घर का दौरा करेंगे। अधिनियम के तहत एकत्र किए गए डेटा का उपयोग अदालतों में सबूत के तौर पर या प्रशासनिक कार्रवाई के लिए नहीं किया जा सकता है।
स्टेटिक जीके टिप: जनगणना डेटा परिसीमन, आरक्षण और वित्तीय हस्तांतरण का आधार बनता है।
डिजिटल परिवर्तन और नई सुविधाएँ
जनगणना 2027 भारत की पहली पूरी तरह से डिजिटल जनगणना होगी। डेटा Android और iOS के साथ संगत मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके एकत्र किया जाएगा, जिससे मैन्युअल त्रुटियां और देरी कम होगी। एक जनगणना प्रबंधन और निगरानी प्रणाली (CMMS) प्रगति की रियल-टाइम ट्रैकिंग की अनुमति देगी। अधिकारी एन्यूमरेशन ब्लॉक को डिजिटल रूप से मैप करने के लिए हाउसलिस्टिंग ब्लॉक क्रिएटर वेब मैप एप्लिकेशन का भी उपयोग करेंगे।
पहली बार, सेल्फ-एन्यूमरेशन का विकल्प उपलब्ध होगा, जिससे नागरिक अपनी जानकारी ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए सिस्टम में मजबूत डिजिटल सुरक्षा परतें बनाई गई हैं।
जाति जनगणना को शामिल करना
एक बड़ा नीतिगत बदलाव जनगणना 2027 में जाति जनगणना को शामिल करना है। यह फैसला अप्रैल 2025 में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने लिया था।
जनसंख्या गणना चरण के दौरान जाति डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप से एकत्र किया जाएगा। इस जानकारी से साक्ष्य-आधारित सामाजिक न्याय और कल्याण योजना को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
कार्यबल की तैनाती और निष्पादन
लगभग 30 लाख जनगणना कार्यकर्ता फील्ड संचालन संभालेंगे, जिन्हें पर्यवेक्षकों, प्रशिक्षकों और जिला अधिकारियों का समर्थन मिलेगा। कुल मिलाकर, लगभग 3 मिलियन कर्मी इस काम में शामिल होंगे।
अधिकांश गणना करने वाले सरकारी स्कूल के शिक्षक और सरकारी कर्मचारी होंगे। सभी कर्मियों को मानदेय मिलेगा, क्योंकि जनगणना का काम उनके नियमित काम के अतिरिक्त है।
रोजगार और नीतिगत प्रभाव
जनगणना से लगभग 10.2 मिलियन मानव-दिवस का रोजगार पैदा होगा। लगभग 18,600 तकनीकी कर्मियों को लगभग 550 दिनों के लिए तैनात किया जाएगा।
जनगणना को एक सेवा (CAAS) के रूप में, मंत्रालयों को मशीन-पठनीय प्रारूपों में डेटा प्राप्त होगा। इससे स्वास्थ्य, शिक्षा, शहरी विकास और सामाजिक कल्याण में योजना को मजबूती मिलेगी।
स्टेटिक जीके तथ्य: जनगणना डेटा पंचवर्षीय योजनाओं और दीर्घकालिक जनसांख्यिकीय अनुमानों का आधार है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| जनगणना वर्ष | 2027 |
| जनगणना क्रमांक | कुल 16वीं, स्वतंत्रता के बाद 8वीं |
| स्वीकृत लागत | ₹11,718.24 करोड़ |
| आयोजक प्राधिकरण | भारत सरकार का केंद्रीय मंत्रिमंडल |
| जनगणना चरण | गृह-सूचीकरण 2026, जनसंख्या गणना 2027 |
| विशेष क्षेत्र | हिमाच्छादित क्षेत्रों में पहले गणना |
| डिजिटल उपकरण | मोबाइल ऐप, सीएमएमएस पोर्टल, एचएलबी क्रिएटर |
| नई शामिली | जाति गणना |
| कार्यबल आकार | लगभग 30 लाख कर्मी |
| रोज़गार प्रभाव | 1.02 करोड़ मानव-दिवस |





