Rapido पर CCPA की कार्रवाई
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने Rapido, जो एक बाइक-टैक्सी और ऑटो सेवा एग्रीगेटर है, पर भ्रामक विज्ञापन चलाने के कारण जुर्माना लगाया है।
विज्ञापनों में किए गए दावे—जैसे “5 मिनट में ऑटो या ₹50 वापस” और “गारंटीड ऑटो”—साबित नहीं किए जा सके। इसे उपभोक्ताओं के प्रति अनुचित और भ्रामक माना गया।
स्थैतिक जीके तथ्य: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 20 जुलाई 2020 से लागू हुआ था, जिसने 1986 अधिनियम को प्रतिस्थापित किया।
भ्रामक विज्ञापनों में नैतिक उल्लंघन
ऐसे विज्ञापन उपभोक्ताओं के जानकारी का अधिकार, चयन का अधिकार और सुरक्षा का अधिकार का हनन करते हैं। वे झूठी गारंटी का आभास कर बाज़ार में निष्पक्षता को कमजोर करते हैं।
प्रसिद्ध उदाहरण: Red Bull को उसके प्रदर्शन बढ़ाने के दावे पर दंडित किया गया था।
उपयोगितावादी और कांटियन दृष्टिकोण
- उपयोगितावादी दृष्टि से, कंपनियों का अल्पकालिक लाभ समाज को दीर्घकालिक नुकसान पहुँचाता है। Volkswagen “क्लीन डीज़ल” मामला इसका उदाहरण है, जहाँ उपभोक्ताओं और पर्यावरण दोनों को हानि हुई।
- कांट के नैतिक सिद्धांत के अनुसार, उपभोक्ताओं को केवल लाभ कमाने के साधन के रूप में इस्तेमाल करना मानव गरिमा के विरुद्ध है।
सामाजिक और सुरक्षा निहितार्थ
भ्रामक विज्ञापन हानिकारक रूढ़ियों और स्वास्थ्य जोखिमों को भी बढ़ावा देते हैं।
- Fair & Lovely के विज्ञापनों ने रंगभेद आधारित पूर्वाग्रह को बढ़ावा दिया।
- Johnson’s Baby Powder पर सुरक्षा संबंधी चिंताओं के बावजूद प्रचार जारी रखने पर सवाल उठे।
स्थैतिक जीके टिप: भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) एक स्वैच्छिक नियामक संस्था है जो भ्रामक और अनैतिक विज्ञापनों पर निगरानी रखती है।
मिल का हानि सिद्धांत (Harm Principle)
दार्शनिक जॉन स्टुअर्ट मिल ने कहा था कि अभिव्यक्ति और व्यापार की स्वतंत्रता तभी तक मान्य है जब तक यह दूसरों को नुकसान न पहुँचाए।
भ्रामक विज्ञापन इस कसौटी पर विफल हैं क्योंकि वे सीधे उपभोक्ताओं को नुकसान पहुँचाते हैं।
भारत में कानूनी सुरक्षा
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत CCPA को कड़ी कार्रवाई का अधिकार है।
- CCPA दिशानिर्देश 2022 में विज्ञापनदाताओं की जिम्मेदारियाँ स्पष्ट की गई हैं।
- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 खाद्य क्षेत्र में झूठे दावों पर दंड लगाता है।
- औषधि और जादुई उपचार अधिनियम 1954 अप्रमाणित या चमत्कारी दावों वाले विज्ञापनों को रोकता है।
स्थैतिक जीके तथ्य: पारंपरिक सिद्धांत “Caveat Emptor” (Let the buyer beware) को आधुनिक कानूनों ने बदल दिया है, और अब उपभोक्ता अधिकार संरक्षण अधिक सशक्त हुआ है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| प्राधिकरण | केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) |
| मामला | Rapido पर भ्रामक विज्ञापन जुर्माना |
| प्रमुख नारे | “5 मिनट में ऑटो या ₹50”, “गारंटीड ऑटो” |
| उल्लंघित उपभोक्ता अधिकार | जानकारी का अधिकार, चयन का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार |
| नैतिक दृष्टिकोण | उपयोगितावाद, कांटियन नैतिकता, मिल का हानि सिद्धांत |
| प्रमुख उदाहरण | Red Bull, Volkswagen, Fair & Lovely, Johnson’s Baby Powder |
| कानूनी ढाँचा | उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 |
| दिशा-निर्देश | CCPA भ्रामक विज्ञापन रोकथाम दिशानिर्देश 2022 |
| अन्य अधिनियम | FSS अधिनियम 2006, औषधि और जादुई उपचार अधिनियम 1954 |
| नियामक संस्था | भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) |





