अक्टूबर 15, 2025 4:57 पूर्वाह्न

CBIC ने IFSC पंजीकरण के लिए सिस्टम-आधारित ऑटो-अप्रूवल शुरू किया

वर्तमान घटनाएँ: CBIC, IFSC, ऑटो-अप्रूवल, भारतीय वित्तीय प्रणाली, ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस, NEFT, SWIFT, वित्त मंत्रालय, CGST, कस्टम्स

CBIC Introduces Auto-Approval for IFSC Registration

IFSC के बारे में

भारतीय वित्तीय प्रणाली कोड (IFSC) एक 11-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है जो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा प्रत्येक बैंक शाखा को आवंटित किया जाता है।
यह कोड NEFT, RTGS जैसी ऑनलाइन लेन-देन प्रणालियों में सटीक और सुरक्षित ट्रांजैक्शन सुनिश्चित करता है।
स्थिर GK तथ्य: IFSC कोड का उपयोग केवल भारतीय रुपये (INR) में होने वाले घरेलू लेन-देन के लिए किया जाता है। इसके विपरीत, SWIFT कोड का उपयोग अंतरराष्ट्रीय धन हस्तांतरण के लिए किया जाता है।

CBIC और इसकी भूमिका

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC), वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत कार्य करता है।
इसे 1964 में केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) के रूप में स्थापित किया गया था और 2018 में इसका नाम CBIC रखा गया।
स्थिर GK टिप: CBIC का दायित्व है — कस्टम्स, सेंट्रल एक्साइज, CGST, IGST की नीतियाँ बनाना और वसूली करना, साथ ही तस्करी और कर चोरी को रोकना।

सिस्टम-आधारित ऑटो-अप्रूवल व्यवस्था

CBIC ने IFSC पंजीकरण के लिए सिस्टम-आधारित ऑटो-अप्रूवल तंत्र लागू किया है।
इस पहल का उद्देश्य बैंकिंग अनुपालन को सरल बनाना और करदाताओं के लिए ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा देना है।
अब मैन्युअल हस्तक्षेप कम होगा, पंजीकरण प्रक्रिया तेज़ होगी, और वित्तीय लेन-देन में त्रुटियाँ घटेंगी।
स्थिर GK तथ्य: ऑटो-अप्रूवल तंत्र भारत की डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत डिजिटल गवर्नेंस सुधारों का हिस्सा है।

व्यापार जगत के लिए लाभ

नई प्रणाली से IFSC कोड का तेज़ सत्यापन संभव होगा, जिससे:
ऑनलाइन टैक्स भुगतान और रिफंड प्रोसेसिंग में तेजी आएगी।
CBIC पोर्टलों पर बैंकिंग ऑपरेशनों की कार्यक्षमता बढ़ेगी।
प्रशासनिक देरी कम होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।

IFSC और SWIFT में अंतर

बिंदु IFSC SWIFT
उपयोग घरेलू लेन-देन (INR में) अंतरराष्ट्रीय धन हस्तांतरण
नियंत्रक संस्था भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन
उद्देश्य सुरक्षित घरेलू ऑनलाइन ट्रांजैक्शन वैश्विक बैंक-से-बैंक भुगतान संदेश प्रणाली
कवरेज भारत तक सीमित 11,000 से अधिक वित्तीय संस्थान, विश्वभर में

स्थिर GK टिप: SWIFT नेटवर्क दुनिया भर में 11,000 से अधिक वित्तीय संस्थानों को जोड़ता है ताकि सुरक्षित अंतरराष्ट्रीय भुगतान सुनिश्चित किए जा सकें।

सरकार का फोकस — ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस

CBIC की यह पहल भारत सरकार के Ease of Doing Business लक्ष्य के अनुरूप है।
यह दर्शाता है कि सरकार प्रौद्योगिकी-आधारित समाधान अपनाकर प्रक्रियाओं को सरल और वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत बना रही है।

स्थिर “Usthadian” वर्तमान घटनाएँ सारणी

विषय (Topic) विवरण (Detail)
पहल IFSC पंजीकरण के लिए सिस्टम-आधारित ऑटो-अप्रूवल
कार्यान्वयन निकाय केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC)
मंत्रालय वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग
IFSC उद्देश्य भारतीय रुपये में सुरक्षित ऑनलाइन लेन-देन
SWIFT उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय धन हस्तांतरण
CBIC कार्य कस्टम्स, सेंट्रल एक्साइज, CGST, IGST, तस्करी रोकथाम
लाभ तेज़ सत्यापन, कम देरी, ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस
डिजिटल शासन डिजिटल इंडिया सुधारों और बैंकिंग ऑटोमेशन का हिस्सा
CBIC Introduces Auto-Approval for IFSC Registration
  1. सीबीआईसी ने आईएफएससी पंजीकरण के लिए एक प्रणाली-आधारित स्वतः अनुमोदन शुरू किया।
  2. आईएफएससी, भारतीय रुपये में सुरक्षित बैंक लेनदेन के लिए 11 अंकों का कोड है।
  3. यह एनईएफटी और आरटीजीएस भुगतान प्रमाणीकरण प्रक्रियाओं को तेज़ बनाता है।
  4. यह पहल भारत के व्यापार सुगमता सुधारों का समर्थन करती है।
  5. सीबीआईसी वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग के अधीन कार्य करता है।
  6. 1964 में स्थापित, इसका नाम बदलकर केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड कर दिया गया।
  7. स्वतः अनुमोदन प्रणाली मैन्युअल त्रुटियों और अनुपालन में देरी को कम करती है।
  8. वित्तीय और कर-संबंधी लेनदेन में दक्षता बढ़ाती है।
  9. शासन में स्वचालन को बढ़ावा देने वाली डिजिटल इंडिया पहल का एक हिस्सा।
  10. स्विफ्ट कोड का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय धन हस्तांतरण के लिए किया जाता है।
  11. आईएफएससी केवल घरेलू भारतीय रुपये के लेनदेन तक ही सीमित है।
  12. यह सुधार वित्तीय कार्यों में पारदर्शिता और गति को बढ़ाता है।
  13. पंजीकृत व्यवसायों को सुगम ऑनलाइन बैंकिंग कार्यप्रवाह का लाभ मिलता है।
  14. रिफंड प्रक्रिया और ऑनलाइन कर भुगतान प्रणालियों में सुधार होता है।
  15. देश भर में डिजिटल शासन और करदाताओं की सुविधा को मज़बूत करता है।
  16. प्रौद्योगिकी-संचालित अनुपालन तंत्रों की ओर भारत के बदलाव को दर्शाता है।
  17. सीबीआईसी सीमा शुल्क, सीजीएसटी, आईजीएसटी और उत्पाद शुल्क नीतियों का प्रबंधन भी करता है।
  18. डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से आर्थिक आधुनिकीकरण का समर्थन करता है।
  19. स्वतः अनुमोदन भारतीय उद्यमों के लिए आसानी और दक्षता को बढ़ावा देता है।
  20. सरकार के डिजिटल शासन और व्यवसाय सुधार दृष्टिकोण के साथ संरेखित है।

Q1. भारतीय वित्तीय प्रणाली में IFSC का पूरा नाम क्या है?


Q2. IFSC पंजीकरण के लिए ऑटो-अप्रूवल प्रणाली किस संगठन ने लागू की?


Q3. CBIC किस मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है?


Q4. IFSC पंजीकरण के लिए ऑटो-अप्रूवल प्रणाली का प्रमुख लाभ क्या है?


Q5. इस पहल का समर्थन करने वाला कौन-सा डिजिटल शासन कार्यक्रम है?


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