नया बोर्ड गठन
तमिलनाडु सरकार ने काजू उत्पादकों और मज़दूरों के कल्याण के साथ-साथ काजू की खेती और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक नया काजू बोर्ड स्थापित किया है। इसका मुख्यालय कडलूर में होगा।
तमिलनाडु में काजू का महत्व
- तमिलनाडु काजू उत्पादन में भारत में पाँचवें स्थान पर है।
- राज्य काजू निर्यात में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
यह बताता है कि राज्य की अर्थव्यवस्था और किसानों की आय में काजू की बड़ी भूमिका है।
स्थैतिक GK तथ्य: भारत दुनिया में काजू गिरी का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। प्रमुख योगदान देने वाले राज्य हैं – केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु।
खेती और उत्पादन
- तमिलनाडु में इस समय 09 लाख एकड़ में काजू की खेती हो रही है।
- 2025 में उत्पादन43,460 मीट्रिक टन रहा।
काजू मुख्य रूप से तटीय और अर्ध-शुष्क जिलों में उगाया जाता है।
स्थैतिक GK टिप: काजू के पेड़ भारत में पुर्तगाली व्यापारियों द्वारा 16वीं शताब्दी में लाए गए थे।
बजट आवंटन और संरचना
- कृषि बजट 2025–2026 में बोर्ड के लिए ₹10 करोड़ आवंटित किए गए।
- बोर्ड की अध्यक्षता तमिलनाडु के कृषि मंत्री करेंगे।
- बोर्ड में 12 सदस्य होंगे, जिनमें कृषि, निर्यात और उद्योग से जुड़े प्रतिनिधि शामिल होंगे।
कल्याण और निर्यात पर ध्यान
काजू बोर्ड का उद्देश्य:
- किसानों और प्रसंस्करण क्षेत्र में लगे मज़दूरों के हितों की रक्षा करना।
- निर्यात बढ़ाने के लिए नई रणनीतियाँ बनाना।
इससे तमिलनाडु की स्थिति वैश्विक व्यापार में और मज़बूत होगी।
स्थैतिक GK तथ्य: काजू केवल सूखे मेवे के रूप में ही नहीं, बल्कि मिठाई, बेकरी और पेय उद्योगों में भी व्यापक रूप से प्रयोग होता है।
रणनीतिक महत्व
नए संस्थागत ढांचे के ज़रिए तमिलनाडु का लक्ष्य है:
- काजू का मूल्य संवर्धन,
- प्रसंस्करण,
- और बाज़ार विस्तार।
इससे कडलूर और आसपास के जिलों में, जहाँ काजू की खेती और प्रसंस्करण केंद्रित है, रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
काजू बोर्ड मुख्यालय | कडलूर |
काजू उत्पादन में तमिलनाडु की रैंक | भारत में पाँचवाँ |
काजू निर्यात में तमिलनाडु की स्थिति | भारत में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक |
खेती का क्षेत्र | 2.09 लाख एकड़ |
2025 का उत्पादन | 43,460 मीट्रिक टन |
बजट आवंटन | ₹10 करोड़ (2025–2026) |
बोर्ड अध्यक्ष | तमिलनाडु के कृषि मंत्री |
बोर्ड सदस्यों की संख्या | 12 |
मुख्य उद्देश्य | उत्पादकों व मज़दूरों का कल्याण, उत्पादन व निर्यात को बढ़ावा |
वैश्विक तथ्य | भारत दुनिया का सबसे बड़ा काजू गिरी निर्यातक |