एआई-बायोलॉजी सहयोग में ऐतिहासिक कदम
राष्ट्रीय जैविक विज्ञान केंद्र (NCBS) और अंतर्राष्ट्रीय सैद्धांतिक विज्ञान केंद्र (ICTS) — दोनों टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (TIFR) के अधीन संस्थान हैं — ने संयुक्त रूप से CALIBRE (Centre for Artificial Learning and Intelligence for Biological Research and Education) की स्थापना बेंगलुरु में की है।
यह पहल भारत के वैज्ञानिक और पर्यावरणीय चुनौतियों को सुलझाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को जैविक विज्ञान के साथ जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (TIFR) की स्थापना 1945 में डॉ. होमी जे. भाभा द्वारा की गई थी और यह भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) के अधीन कार्य करता है।
कैलिबर का उद्देश्य और वित्तपोषण
CALIBRE को रीड इंडिया कंसल्टिंग एलएलपी (Reed India Consulting LLP) के विशाल गुप्ता और दीप्तिशिखा गुप्ता द्वारा ₹25 करोड़ के योगदान से स्थापित किया गया है।
यह केंद्र जैव विविधता (Biodiversity), कृषि, और स्वास्थ्य क्षेत्र में एआई-आधारित उपकरण और फ्रेमवर्क विकसित करने के लिए एक राष्ट्रीय हब के रूप में कार्य करेगा, जिससे भारत की सामाजिक और पर्यावरणीय आवश्यकताओं के अनुरूप एआई का उपयोग बढ़ेगा।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
बेंगलुरु को “भारत की विज्ञान राजधानी (Science Capital of India)” कहा जाता है, क्योंकि यहाँ IISc, NCBS और ISRO मुख्यालय जैसे प्रमुख संस्थान स्थित हैं।
जीवन विज्ञान और संगणनात्मक अनुसंधान के बीच सेतु
कैलिबर का मुख्यालय NCBS में स्थित है और यह ICTS के साथ मिलकर जीवन विज्ञान और संगणनात्मक विज्ञान (Computational Sciences) के बीच सहयोग को मजबूत करेगा।
ICTS अपनी सैद्धांतिक और डेटा विज्ञान की विशेषज्ञता लाता है, जबकि NCBS पारिस्थितिकी, जीनोमिक्स और तंत्रिका विज्ञान (Neuroscience) में अनुभव रखता है।
यह अंतःविषय (Interdisciplinary) सहयोग चिकित्सा, जैवभौतिकी (Biophysics) और महामारी विज्ञान (Epidemiology)** जैसे क्षेत्रों में नई खोजों को गति देगा।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप:
NCBS की स्थापना 1992 में की गई थी और यह भारत के अग्रणी जैविक अनुसंधान संस्थानों में से एक है।
अनुसंधान, शिक्षा और प्रशिक्षण पर ध्यान
अनुसंधान के अलावा, CALIBRE का उद्देश्य क्षमता निर्माण (Capacity Building) को भी बढ़ावा देना है।
इसके अंतर्गत चेयर प्रोफेसरशिप्स (Chair Professorships), रिसर्च फेलोशिप्स (Research Fellowships) और यात्रा अनुदान (Travel Grants) जैसी पहलें शुरू की जाएँगी।
साथ ही, ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएँगे जो युवाओं को जैविक विज्ञान और एआई तकनीकों दोनों में दक्ष बनाएँ।
इससे भारत एआई–आधारित जैविक नवाचार में आत्मनिर्भर बनेगा और बायोटेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को मजबूत करेगा।
भारत की वैश्विक वैज्ञानिक नेतृत्व क्षमता को सशक्त करना
NCBS के निदेशक प्रोफेसर एल. एस. शशिधर के अनुसार, कैलिबर वैज्ञानिकों को स्वास्थ्य, कृषि और पारिस्थितिकी की वास्तविक समस्याओं को एआई के माध्यम से हल करने में सहायता करेगा।
वहीं, ICTS के निदेशक प्रोफेसर राजेश गोपाकुमार ने कहा कि यह सहयोग मात्रात्मक जीवविज्ञान (Quantitative Biology) और संगणनात्मक तंत्रिका विज्ञान (Computational Neuroscience) को नई दिशा देगा।
CALIBRE की स्थापना के साथ, भारत अब एआई–संचालित जीवन विज्ञान अनुसंधान में एक वैश्विक अग्रणी राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है, जो सिद्धांत, गणना और जीवविज्ञान को एक ही मंच पर एकीकृत करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| CALIBRE का पूर्ण रूप | Centre for Artificial Learning and Intelligence for Biological Research and Education |
| स्थापित करने वाले संस्थान | राष्ट्रीय जैविक विज्ञान केंद्र (NCBS) और अंतर्राष्ट्रीय सैद्धांतिक विज्ञान केंद्र (ICTS), टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (TIFR) के अधीन |
| स्थान | बेंगलुरु, कर्नाटक |
| वित्त पोषण राशि | ₹25 करोड़ |
| वित्त प्रदाता | विशाल गुप्ता और दीप्तिशिखा गुप्ता, रीड इंडिया कंसल्टिंग एलएलपी |
| मुख्य उद्देश्य | जैविक और पर्यावरणीय अनुसंधान में एआई का एकीकरण |
| प्रमुख फोकस क्षेत्र | स्वास्थ्य सेवा, जैव विविधता, कृषि, पारिस्थितिकी |
| प्रमुख पहलें | चेयर प्रोफेसरशिप्स और रिसर्च फेलोशिप्स |
| NCBS की स्थापना वर्ष | 1992 |
| TIFR के संस्थापक | डॉ. होमी जे. भाभा |





