C-FLOOD क्या है?
C-FLOOD एक उन्नत बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली है जिसे जल शक्ति मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया है। यह वेब–आधारित एकीकृत प्लेटफॉर्म है जो गांव स्तर तक दो दिन पहले बाढ़ की चेतावनी जारी करता है। इसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन एजेंसियों को पहले से योजना बनाने में मदद करना है।
यह प्रणाली राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्रोतों से डेटा लेकर एकीकृत पूर्वानुमान समाधान प्रदान करती है, जो कई प्रशासनिक स्तरों पर काम करता है।
इसे किन एजेंसियों ने बनाया?
C-FLOOD को इन प्रमुख संस्थाओं ने मिलकर विकसित किया है:
- C-DAC पुणे (Centre for Development of Advanced Computing)
- केंद्रीय जल आयोग (CWC) – भारत की प्रमुख बाढ़ पूर्वानुमान संस्था
- जल संसाधन विभाग, नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार
- राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग केंद्र (NRSC)
यह परियोजना राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के अंतर्गत विकसित की गई है।
Static GK Fact: राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (2015) में MeitY और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) शामिल हैं।
प्रणाली की मुख्य विशेषताएं
C-FLOOD में 2D हाइड्रोडायनामिक बाढ़ मॉडलिंग का उपयोग किया गया है, जिससे वास्तविक समय में बाढ़ की स्थिति को मॉडल किया जा सकता है। यह जल स्तर और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के नक्शे तैयार करता है जिससे स्थानीय अधिकारी समय पर कार्रवाई कर सकें।
फिलहाल यह प्रणाली महानदी, गोदावरी और तापी नदी घाटियों को कवर करती है। भविष्य में इसे सभी नदी घाटियों में विस्तार करने की योजना है।
Static GK Fact: भारत का लगभग 12% भूभाग (40 मिलियन हेक्टेयर) बाढ़ की चपेट में रहता है।
आपातकालीन नेटवर्क से एकीकरण
C-FLOOD का डेटा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन आपात प्रतिक्रिया पोर्टल (NDEM) में फीड किया जाता है, जिससे आपदा प्रबंधन टीमें रीयल टाइम में इन पूर्वानुमानों का उपयोग कर सकती हैं।
Static GK Tip: NDEM, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अंतर्गत कार्यरत एक केंद्रीय पोर्टल है।
राष्ट्रीय स्तर पर इसका महत्व
जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम की घटनाओं के बढ़ते मामलों के कारण, C-FLOOD जैसे सिस्टम जीवन, बुनियादी ढांचे और कृषि की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक हो गए हैं। यह प्रणाली भारत के तकनीकी आधारित आपदा प्रबंधन दृष्टिकोण का प्रतीक है।
यह देश में सुपरकंप्यूटिंग और रिमोट सेंसिंग के माध्यम से प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)
विषय | विवरण |
C-FLOOD का पूर्ण रूप | Comprehensive Flood Forecasting System |
विकासकर्ता संस्थाएं | C-DAC पुणे, CWC, NRSC, जल शक्ति मंत्रालय |
उद्देश्य | एकीकृत बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली |
पूर्वानुमान अवधि | 2 दिन पहले, गांव स्तर तक सटीक |
तकनीक | 2D हाइड्रोडायनामिक मॉडलिंग |
वर्तमान कवरेज | महानदी, गोदावरी, तापी नदी घाटियां |
विस्तार योजना | सभी भारतीय नदी घाटियों में लागू करना |
NSM प्रारंभ वर्ष | 2015 |
NSM कार्यान्वयन मंत्रालय | MeitY और DST |
एकीकृत पोर्टल | राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन आपात प्रतिक्रिया पोर्टल (NDEM) |