भारतीय कृषि का रूपांतरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम धन धान्य कृषि योजना और दालों में आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत ₹35,440 करोड़ के संयुक्त निवेश के साथ की। इन पहलों का लक्ष्य भारतीय कृषि का आधुनिकीकरण, किसानों की आय में वृद्धि और 100 चयनित ज़िलों में सतत वृद्धि को प्रोत्साहित करना है।
स्थैतिक जीके तथ्य: कृषि भारत के GDP का ~18% योगदान करती है और ~45% कार्यबल को रोज़गार देती है।
सतत वृद्धि पर फोकस
पीएम धन धान्य कृषि योजना 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत कर फ़सल विविधीकरण, सिंचाई दक्षता, कृषि ऋण व बीमा तक पहुँच, और कटाई-पश्चात भंडारण को सुदृढ़ करती है। यह जलवायु-लचीली और बाज़ार-उन्मुख कृषि को बढ़ावा देती है ताकि लंबी अवधि की टिकाऊ प्रगति सुनिश्चित हो।
दालों में आत्मनिर्भरता मिशन का लक्ष्य दाल उत्पादन में स्वावलंबन है—खेती का रकबा, MSP-आधारित ख़रीद और प्रोसेसिंग अवसंरचना का विस्तार कर दो करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष लाभ देना।
आकांक्षी ज़िलों को सशक्त बनाना
दोनों योजनाएँ आकांक्षी ज़िले कार्यक्रम के अनुरूप पिछड़े माने गए क्षेत्रों को विकास केंद्रों में बदलने पर केंद्रित हैं। कन्वर्जेंस, सहयोग और प्रतिस्पर्धा के मॉडल से समावेशी विकास आगे बढ़ता है। ग्रामीण सड़कें, विद्युतीकृत स्कूल, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ—इन अपग्रेड्स से जीवन-गुणवत्ता और कृषि उत्पादकता दोनों बढ़ती हैं।
स्थैतिक जीके टिप: आकांक्षी ज़िले कार्यक्रम 2018 में नीति आयोग द्वारा शुरू किया गया था।
कृषि विविधीकरण और वृद्धि
2014 से कृषि उत्पादन में तेज़ उछाल: खाद्यान्न 90 मिलियन टन बढ़ा; दूध उत्पादन में भारत विश्व में प्रथम; मत्स्य में द्वितीय; शहद और अंडा उत्पादन पिछले दशक में दोगुना। साथ ही उर्वरक संयंत्र पुनरुत्थान, माइक्रो-इरिगेशन विस्तार, फ़सल बीमा कवरेज से जलवायु जोखिमों के प्रति लचीलापन बढ़ा है।
महिलाओं और FPOs का सशक्तिकरण
10,000+ FPOs गठित होकर बाज़ार पहुँच व समूह सौदेबाज़ी मज़बूत कर रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ अभियान और कृषि सखी पहल ने ग्रामीण महिलाओं को प्राकृतिक/सतत खेती की नेता बनाया है। ड्रोन तकनीक, ट्रेनिंग क्लस्टर्स और प्रमाणीकरण कार्यक्रम से खेती अधिक दक्ष और समावेशी हुई है।
स्थैतिक जीके तथ्य: FPO पहल कृषि मंत्रालय के तहत किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ शुरू हुई थी और आज भी विस्तार में है।
अवसंरचना और तकनीक को मजबूती
पशुपालन, मत्स्य, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ और कोल्ड-चेन सहित ₹5,450 करोड़ के प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन हुआ। एक्वा पार्क, एकीकृत फिशिंग हार्बर, और एआई-आधारित टेक्नीशियन प्रशिक्षण से ग्रामीण तकनीक और रोज़गार में बढ़ोतरी हो रही है।
बाज़ार सुधार और आर्थिक राहत
हालिया GST सुधारों ने ट्रैक्टर, सिंचाई उपकरण, बायो-पेस्टीसाइड और ऑर्गेनिक उर्वरक पर लागत घटाई—सीधा लाभ किसानों को। कृषि निर्यात प्रोत्साहन से शहद निर्यात तीन गुना हुआ, जो वैश्विक एग्री-मार्केट्स में भारत की उपस्थिति को दर्शाता है।
स्थैतिक “Usthadian” वर्तमान घटनाओं की सारणी
विषय | विवरण |
लॉन्च तिथि | 13 अक्टूबर 2025 |
कुल निवेश | ₹35,440 करोड़ |
प्रमुख योजनाएँ | पीएम धन धान्य कृषि योजना, दालों में आत्मनिर्भरता मिशन |
फोकस ज़िले | 100 आकांक्षी ज़िले |
लाभार्थी किसान | ~2 करोड़ दाल उत्पादक किसान |
बने FPOs | 10,000 से अधिक |
प्रमुख परियोजनाएँ | ₹5,450 करोड़ (पशुपालन, मत्स्य, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड-चेन) |
मुख्य परिणाम | फ़सल विविधीकरण, महिला सशक्तिकरण, निर्यात वृद्धि |
सम्बद्ध कार्यक्रम | नीति आयोग का आकांक्षी ज़िले कार्यक्रम |
GST लाभ | ट्रैक्टर, सिंचाई उपकरण, बायो-पेस्टीसाइड और उर्वरकों की कीमतों में कमी |