परिचय
भारत अंतर्राष्ट्रीय चावल सम्मेलन (Bharat International Rice Conference – BIRC) 2025 का आयोजन 30–31 अक्टूबर 2025 को भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में किया जाएगा।
यह प्रमुख आयोजन भारत की भूमिका को विश्व के सबसे बड़े चावल निर्यातक देश के रूप में उजागर करेगा और वैश्विक चावल मूल्य श्रृंखला (Global Rice Value Chain) में सतत व्यापार प्रथाओं (Sustainable Trade Practices) को प्रोत्साहित करेगा।
यह सम्मेलन इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन (IREF) द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का गैर–आर्थिक (non-financial) सहयोग है।
इस आयोजन में निर्यातकों, नीति–निर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों की वैश्विक भागीदारी की अपेक्षा की जा रही है।
संगठन और सरकारी भूमिका
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि BIRC 2025 एक निजी आयोजन (Privately Organised Event) है, और सरकार की भूमिका केवल समन्वय (Coordination) और सुविधा (Facilitation) तक सीमित है।
वाणिज्य विभाग (Department of Commerce) तथा संबद्ध मंत्रालय हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु प्रशासनिक सहायता प्रदान कर रहे हैं।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है, जो भारत की निर्यात संवर्धन और व्यापार नीति निर्माण की देखरेख करता है।
सरकार का IREF के आंतरिक संचालन या नेतृत्व नियुक्तियों में कोई हस्तक्षेप नहीं है, जिससे यह आयोजन पूरी तरह उद्योग–प्रेरित (Industry-driven) बना रहता है।
उद्देश्य और मुख्य फोकस क्षेत्र
दो दिवसीय यह सम्मेलन भारत के चावल निर्यात क्षमता को बढ़ाने, बाजार चुनौतियों का समाधान करने, और सतत चावल उत्पादन एवं व्यापार में नवाचार (Innovation) खोजने पर केंद्रित है।
इसका उद्देश्य निर्यातकों, खरीदारों और विशेषज्ञों के लिए एक सहयोगात्मक मंच (Collaborative Platform) तैयार करना है, जहाँ वे तकनीकी, लॉजिस्टिक और नीतिगत दृष्टिकोण साझा कर सकें।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: भारत विश्व के कुल चावल निर्यात का 40% से अधिक हिस्सा रखता है, जिससे वह दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है।
आयोजन सहयोग और वित्तपोषण
BIRC 2025 के सभी व्यय, जिनमें स्थान बुकिंग, लॉजिस्टिक्स और आतिथ्य व्यवस्था शामिल हैं, IREF और उसके निजी प्रायोजकों द्वारा वहन किए जाएंगे।
मुख्य सह-आयोजकों में द राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (TREA), काकीनाडा और TREA, छत्तीसगढ़ शामिल हैं।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) इस आयोजन में समन्वय सहायता (Coordination Support) प्रदान कर रहा है, ताकि नीतिगत सामंजस्य (Policy Synergy) और निर्यात संवर्धन (Export Promotion) सुनिश्चित हो सके।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: APEDA, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और इसकी स्थापना 1985 में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
भारत के कृषि-व्यापार क्षेत्र के लिए महत्व
चावल भारत का शीर्ष कृषि निर्यात उत्पाद (Top Agricultural Export Commodity) है, जो विदेशी मुद्रा अर्जन (Foreign Exchange Earnings) में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
वित्त वर्ष 2024–25 में भारत का चावल निर्यात USD 12.95 अरब तक पहुँच गया, जिससे उसकी वैश्विक नेतृत्व स्थिति (Global Dominance) और सुदृढ़ हुई।
BIRC 2025 एक रणनीतिक मंच (Strategic Platform) के रूप में कार्य करेगा, जो व्यापार संवाद (Trade Dialogues), तकनीकी साझेदारी (Technological Partnerships), और नीतिगत सहयोग (Policy-level Engagement) को बढ़ावा देगा।
यह सम्मेलन भारत की स्थिति को उच्च गुणवत्ता वाले चावल के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता (Reliable Global Supplier) के रूप में सुदृढ़ करेगा, जिससे आर्थिक विकास और किसान कल्याण (Farmer Welfare) दोनों को प्रोत्साहन मिलेगा।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: भारत के प्रमुख चावल निर्यातक राज्य हैं — आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और छत्तीसगढ़।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| आयोजन का नाम | भारत अंतर्राष्ट्रीय चावल सम्मेलन (BIRC) 2025 |
| तिथियाँ | 30–31 अक्टूबर 2025 |
| स्थल | भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली |
| आयोजक | इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन (IREF) |
| सरकारी भूमिका | वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा गैर-आर्थिक सहयोग |
| समन्वय एजेंसी | एपीडा (APEDA) |
| सह-आयोजक | द राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (TREA), काकीनाडा और छत्तीसगढ़ |
| निर्यात आँकड़े (2024–25) | USD 12.95 अरब |
| उद्देश्य | सतत चावल व्यापार को प्रोत्साहित करना और निर्यात क्षमता बढ़ाना |
| भारत की वैश्विक स्थिति | विश्व का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश |





