ऐतिहासिक उपलब्धि
छत्तीसगढ़ का बलौद जिला आधिकारिक रूप से भारत का पहला बाल विवाह मुक्त जिला घोषित किया गया है। यह मान्यता बाल विवाह मुक्त भारत अभियान (27 अगस्त 2024) के अंतर्गत मिली। यह सामाजिक सुधार का महत्वपूर्ण मोड़ है, जहाँ प्रशासनिक प्रयास और सामुदायिक भागीदारी एक साथ आए।
स्थिर जीके तथ्य: भारत में विवाह की कानूनी आयु पुरुषों के लिए 21 वर्ष और महिलाओं के लिए 18 वर्ष है (बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार)।
बलौद ने सफलता कैसे पाई
लगातार दो वर्षों तक शून्य बाल विवाह मामले दर्ज हुए। 436 ग्राम पंचायतों और 9 शहरी निकायों में सत्यापन हुआ और सभी को बाल विवाह मुक्त प्रमाणित किया गया। परिवारों, पंचायतों और सामुदायिक समूहों ने जागरूकता अभियान में सक्रिय योगदान दिया। कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने इसे पूरे देश के लिए आदर्श बताया।
सरकार और मान्यता की भूमिका
मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने इसे “सामाजिक सुधार की ऐतिहासिक पहल” बताया और 2028-29 तक पूरे छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि बलौद ने यह साबित किया है कि सरकार और समाज साथ मिलकर गहराई से जमी बुराइयों को समाप्त कर सकते हैं।
स्थिर जीके तथ्य: छत्तीसगढ़ का गठन 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होकर हुआ।
सामुदायिक और संस्थागत सहयोग
यूनिसेफ़ (UNICEF) ने तकनीकी सहयोग, जागरूकता कार्यक्रम और निगरानी प्रणाली उपलब्ध कराई। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्थानीय प्रतिनिधियों ने ज़मीनी स्तर पर कानून के अनुपालन को सुनिश्चित किया। पंचायतों और महिला समूहों ने सक्रिय भूमिका निभाकर अभियान को सफल बनाया।
स्थिर जीके टिप: यूनिसेफ़ की स्थापना 1946 में हुई थी और इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क, USA में है।
छत्तीसगढ़ में व्यापक असर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर, सूरजपुर जिले की 75 ग्राम पंचायतें भी बाल विवाह मुक्त घोषित की गईं। अब अन्य जिलों में भी इस मॉडल को अपनाया जा रहा है। यह उपलब्धि दिखाती है कि संरचित अभियान, मजबूत सत्यापन और सामुदायिक भागीदारी से हानिकारक सामाजिक प्रथाओं को समाप्त किया जा सकता है।
राष्ट्रीय महत्व
बलौद का यह कदम राष्ट्रीय मानक बन गया है। यह दर्शाता है कि जमीनी पहल और सरकारी तंत्र मिलकर समाज को बदल सकते हैं। यह उपलब्धि भारत के बड़े सामाजिक सुधार लक्ष्यों से मेल खाती है और 2028-29 तक बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ की दृष्टि को मज़बूत करती है।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
पहला बाल विवाह मुक्त जिला | बलौद, छत्तीसगढ़ |
अभियान का नाम | बाल विवाह मुक्त भारत (27 अगस्त 2024 से) |
सत्यापन कवरेज | 436 ग्राम पंचायतें, 9 शहरी निकाय |
कलेक्टर | दिव्या उमेश मिश्रा |
मुख्यमंत्री | विष्णु देव साई |
महिला एवं बाल विकास मंत्री | लक्ष्मी राजवाड़े |
सहयोगी संस्था | यूनिसेफ़ |
सूरजपुर पहल | 75 ग्राम पंचायतें बाल विवाह मुक्त घोषित |
राज्य लक्ष्य | 2028-29 तक बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ |
भारत में विवाह की आयु | पुरुष: 21 वर्ष, महिला: 18 वर्ष |