अक्टूबर 16, 2025 3:17 पूर्वाह्न

बालोद ने भारत का पहला बाल विवाह मुक्त ज़िला बनकर मील का पत्थर स्थापित किया

चालू घटनाएँ: बलौद, छत्तीसगढ़, बाल विवाह मुक्त भारत, यूनिसेफ़, विष्णु देव साई, लक्ष्मी राजवाड़े, ग्राम पंचायतें, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, महिला एवं बाल विकास, सूरजपुर

Balod Sets Milestone as First Child Marriage Free District in India

ऐतिहासिक उपलब्धि

छत्तीसगढ़ का बलौद जिला आधिकारिक रूप से भारत का पहला बाल विवाह मुक्त जिला घोषित किया गया है। यह मान्यता बाल विवाह मुक्त भारत अभियान (27 अगस्त 2024) के अंतर्गत मिली। यह सामाजिक सुधार का महत्वपूर्ण मोड़ है, जहाँ प्रशासनिक प्रयास और सामुदायिक भागीदारी एक साथ आए।
स्थिर जीके तथ्य: भारत में विवाह की कानूनी आयु पुरुषों के लिए 21 वर्ष और महिलाओं के लिए 18 वर्ष है (बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार)।

बलौद ने सफलता कैसे पाई

लगातार दो वर्षों तक शून्य बाल विवाह मामले दर्ज हुए। 436 ग्राम पंचायतों और 9 शहरी निकायों में सत्यापन हुआ और सभी को बाल विवाह मुक्त प्रमाणित किया गया। परिवारों, पंचायतों और सामुदायिक समूहों ने जागरूकता अभियान में सक्रिय योगदान दिया। कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने इसे पूरे देश के लिए आदर्श बताया।

सरकार और मान्यता की भूमिका

मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने इसे सामाजिक सुधार की ऐतिहासिक पहल” बताया और 2028-29 तक पूरे छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि बलौद ने यह साबित किया है कि सरकार और समाज साथ मिलकर गहराई से जमी बुराइयों को समाप्त कर सकते हैं।
स्थिर जीके तथ्य: छत्तीसगढ़ का गठन 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होकर हुआ।

सामुदायिक और संस्थागत सहयोग

यूनिसेफ़ (UNICEF) ने तकनीकी सहयोग, जागरूकता कार्यक्रम और निगरानी प्रणाली उपलब्ध कराई। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्थानीय प्रतिनिधियों ने ज़मीनी स्तर पर कानून के अनुपालन को सुनिश्चित किया। पंचायतों और महिला समूहों ने सक्रिय भूमिका निभाकर अभियान को सफल बनाया।
स्थिर जीके टिप: यूनिसेफ़ की स्थापना 1946 में हुई थी और इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क, USA में है।

छत्तीसगढ़ में व्यापक असर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर, सूरजपुर जिले की 75 ग्राम पंचायतें भी बाल विवाह मुक्त घोषित की गईं। अब अन्य जिलों में भी इस मॉडल को अपनाया जा रहा है। यह उपलब्धि दिखाती है कि संरचित अभियान, मजबूत सत्यापन और सामुदायिक भागीदारी से हानिकारक सामाजिक प्रथाओं को समाप्त किया जा सकता है।

राष्ट्रीय महत्व

बलौद का यह कदम राष्ट्रीय मानक बन गया है। यह दर्शाता है कि जमीनी पहल और सरकारी तंत्र मिलकर समाज को बदल सकते हैं। यह उपलब्धि भारत के बड़े सामाजिक सुधार लक्ष्यों से मेल खाती है और 2028-29 तक बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ की दृष्टि को मज़बूत करती है।

स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
पहला बाल विवाह मुक्त जिला बलौद, छत्तीसगढ़
अभियान का नाम बाल विवाह मुक्त भारत (27 अगस्त 2024 से)
सत्यापन कवरेज 436 ग्राम पंचायतें, 9 शहरी निकाय
कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साई
महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े
सहयोगी संस्था यूनिसेफ़
सूरजपुर पहल 75 ग्राम पंचायतें बाल विवाह मुक्त घोषित
राज्य लक्ष्य 2028-29 तक बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़
भारत में विवाह की आयु पुरुष: 21 वर्ष, महिला: 18 वर्ष
Balod Sets Milestone as First Child Marriage Free District in India
  1. छत्तीसगढ़ का बालोद ज़िला भारत का पहला बाल विवाह मुक्त ज़िला घोषित हुआ।
  2. बाल विवाह मुक्त भारत अभियान 2024 के अंतर्गत मान्यता प्राप्त हुई।
  3. 27 अगस्त 2024 को देश भर में अभियान शुरू किया गया।
  4. विवाह की कानूनी आयु: 21 वर्ष (पुरुष), 18 वर्ष (महिला)।
  5. ज़िले में लगातार दो वर्षों तक शून्य बाल विवाह दर्ज किए गए।
  6. सत्यापन में 436 ग्राम पंचायतों और नौ नगरीय निकायों को शामिल किया गया।
  7. परिवारों, पंचायतों और सामुदायिक समूहों ने सक्रिय रूप से जागरूकता फैलाई।
  8. कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने इसे राष्ट्रीय मॉडल बताया।
  9. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे सामाजिक सुधार में ऐतिहासिक कदम बताया।
  10. मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने सरकार और समाज की संयुक्त भूमिका पर ज़ोर दिया।
  11. मध्य प्रदेश से अलग होने के बाद 2000 में छत्तीसगढ़ का गठन हुआ।
  12. यूनिसेफ ने जागरूकता कार्यक्रमों, निगरानी और तकनीकी सहायता का समर्थन किया।
  13. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने कानून का जमीनी स्तर पर उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित किया।
  14. प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन पर, सूरजपुर की 75 पंचायतें बाल विवाह मुक्त घोषित की गईं।
  15. लक्ष्य: 2028-29 तक छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त बनाना।
  16. जमीनी स्तर पर अभियान, सामुदायिक सत्यापन और जागरूकता ने सफलता सुनिश्चित की।
  17. यह उपलब्धि भारत में सामाजिक सुधारों के लिए एक राष्ट्रीय मानदंड है।
  18. बालोद की सफलता राज्य के अन्य जिलों में भी दोहराई जाएगी।
  19. यूनिसेफ, पंचायतों और महिला-नेतृत्व वाले समूहों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  20. यह उपलब्धि भारत के व्यापक सामाजिक सुधार उद्देश्यों के अनुरूप है।

Q1. भारत का पहला बाल विवाह मुक्त जिला कौन सा बना?


Q2. बाल विवाह मुक्त भारत अभियान कब शुरू किया गया था?


Q3. बलौद की सफलता का श्रेय किस जिला कलेक्टर को जाता है?


Q4. बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत भारत में महिलाओं की वैवाहिक आयु क्या है?


Q5. किस वैश्विक संस्था ने बलौद को बाल विवाह मुक्त दर्जा प्राप्त करने में सहयोग दिया?


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