रिकॉर्ड तोड़ उत्सव: अयोध्या की जगमगाती शाम
अयोध्या ने एक बार फिर विश्व मंच पर अपनी आध्यात्मिक भव्यता का परिचय देते हुए दीपोत्सव 2025 का आयोजन किया, जिसमें सरयू नदी के तट पर 26,17,215 दीयों को एक साथ प्रज्वलित किया गया। इस अद्भुत आयोजन ने दो प्रतिष्ठित गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स अपने नाम किए और अयोध्या को एक प्रमुख सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित किया।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की उपलब्धियाँ
यह आयोजन 21 अक्टूबर 2025 को हुआ और दो अलग-अलग विश्व रिकॉर्ड स्थापित किए गए।
पहला — एक साथ सबसे अधिक दीये जलाने का रिकॉर्ड, जिसे आधुनिक ड्रोन इमेजिंग तकनीक के माध्यम से सत्यापित किया गया।
दूसरा — सबसे बड़े आरती सहभागिता का रिकॉर्ड, जिसमें 2,128 पुजारी और भक्तों ने माँ सरयू आरती को पूर्ण समन्वय में संपन्न किया। पूरा समारोह विशेषज्ञों की देखरेख में पारंपरिक आस्था और सटीक संगठन का अद्भुत संगम रहा।
स्थैतिक जीके तथ्य: सरयू नदी का संबंध भगवान राम से है, और अयोध्या को प्राचीन हिंदू ग्रंथों में उनके जन्मस्थान के रूप में पूजनीय माना गया है।
तकनीकी कौशल और सांस्कृतिक भव्यता
दीपोत्सव समारोह ने प्राचीन अनुष्ठानों और आधुनिक तकनीक का शानदार मेल प्रस्तुत किया। राम की पैड़ी पर लेज़र और ड्रोन शो ने हजारों दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आतिशबाज़ी और मंदिरों की रोशनी ने शहर के उत्सवमय वातावरण को और भी जीवंत बना दिया, जिससे अयोध्या भारत की जीवंत परंपराओं का प्रतीक बन गई।
स्थैतिक जीके टिप: राम की पैड़ी सरयू नदी के घाटों की एक श्रृंखला है, जिसे बड़े धार्मिक समारोहों और स्नान हेतु विकसित किया गया है।
दीपोत्सव का आध्यात्मिक महत्व
दीयों का प्रज्ज्वलन प्रकाश के अंधकार पर और सत्य के असत्य पर विजय का प्रतीक है, जो सनातन धर्म की मूल भावना को दर्शाता है। यह परंपरा भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की स्मृति में मनाई जाती है, जो आज के दीवाली उत्सव का मूल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दीपोत्सव न केवल भारत के प्राचीन मूल्यों को संरक्षित करता है बल्कि अयोध्या को वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करता है।
स्थैतिक जीके तथ्य: पहला अयोध्या दीपोत्सव 2017 में आयोजित किया गया था और तब से यह आस्था और विरासत का वार्षिक सरकारी उत्सव बन चुका है।
अयोध्या की वैश्विक पहचान
दीपोत्सव आज भारत की सांस्कृतिक एकता और गर्व का प्रतीक बन चुका है, जो देश-विदेश से श्रद्धालुओं, गणमान्य अतिथियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह उत्सव सरकार के उस प्रयास को दर्शाता है जिसमें अयोध्या को आध्यात्मिक राजधानी और उत्तर प्रदेश के पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। राम मंदिर के पूर्णता की ओर बढ़ते ही अयोध्या भक्ति और परंपरा का शाश्वत प्रतीक बनकर चमक रही है।
स्थैतिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| कार्यक्रम का नाम | दीपोत्सव 2025 |
| स्थान | अयोध्या, उत्तर प्रदेश |
| आयोजन की तिथि | 21 अक्टूबर 2025 |
| जले हुए दीपों की संख्या | 26,17,215 |
| आरती में सहभागी | 2,128 पुजारी और भक्त |
| सत्यापन द्वारा | गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स अधिकारी |
| मुख्य आकर्षण | रामलीला, ड्रोन और लेज़र शो, आतिशबाज़ी, मंदिर रोशनी |
| मुख्य अतिथि | योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश |
| संबंधित नदी | सरयू नदी |
| पहली बार आयोजित | 2017 |





