अक्टूबर 9, 2025 5:19 पूर्वाह्न

आकांक्षी कृषि जिले राष्ट्रीय कृषि को बढ़ावा देते हैं

चालू घटनाएँ: प्रधानमंत्री धन–धान्य कृषि योजना (PMDDKY), 100 आकांक्षी कृषि जिले (Aspirational Agriculture Districts), नीति आयोग (NITI Aayog), फसल उत्पादकता, कृषि ऋण, केंद्रीय नोडल अधिकारी, जिला योजना, योजनाओं का अभिसरण (Scheme Convergence), कृषि वृद्धि, प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (KPIs)

Aspirational Agriculture Districts Boost National Farming

पहचान के मापदंड

केंद्र सरकार ने 29 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 100 आकांक्षी कृषि जिलों (AADs) की पहचान की है।
इन जिलों का चयन तीन प्रमुख मानदंडों पर किया गया —
1. कम उत्पादकता
2. कम फसल तीव्रता (Crop Intensity)
3. औसत से कम ऋण पहुँच (Credit Access)
हर जिले से लक्षित सुधार की अपेक्षा की जा रही है ताकि क्षेत्रीय असमानताएँ कम हों।
स्टैटिक जीके तथ्य: भारत में 700 से अधिक जिले हैं जिनमें कृषि उत्पादन और ऋण उपलब्धता में अत्यधिक विविधता पाई जाती है।

योजना का अवलोकन

यह पहल प्रधानमंत्री धन–धान्य कृषि योजना (PMDDKY) के अंतर्गत संचालित होगी।
यह नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम (Aspirational District Programme) से प्रेरित है, जो देश के 112 सबसे पिछड़े जिलों पर केंद्रित था।
PMDDKY का उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना और क्षेत्रीय असमानता घटाना है।

शासन और निगरानी

प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने हेतु 100 केंद्रीय नोडल अधिकारी (CNOs) नियुक्त किए गए हैं — प्रत्येक अधिकारी एक जिले की निगरानी करेगा।
जिला, राज्य, और राष्ट्रीय स्तर पर समितियाँ बनाई जाएँगी जो योजना, समन्वय और मूल्यांकन का कार्य करेंगी।
स्टैटिक जीके टिप: CNO की भूमिका अन्य प्रमुख योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारियों के समान है।

योजनाओं का अभिसरण

इस योजना में 11 मंत्रालयों की 36 केंद्रीय योजनाओं का अभिसरण (integration) किया गया है ताकि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में समग्र विकास हो।
यह कार्यक्रम वित्तीय वर्ष 2025–26 से 2030–31 तक छह वर्षों की अवधि में लागू रहेगा।

भौगोलिक समावेशन

राज्यवार जिलों की संख्या नेट क्रॉप्ड एरिया (NCA) और ऑपरेशनल होल्डिंग्स के अनुपात में तय की गई है।
फिर भी, प्रत्येक राज्य से कम-से-कम एक जिला इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है।
स्टैटिक जीके तथ्य: भारत का नेट क्रॉप्ड एरिया लगभग 140 मिलियन हेक्टेयर है, जिससे राज्यों में फसल उपज में विविधता होती है।

जिला स्तरीय योजना

हर चयनित जिला एक जिला धन–धान्य कृषि योजना समिति (DDKY Samiti) बनाएगा, जिसकी अध्यक्षता जिला कलेक्टर या ग्राम पंचायत करेगी।
यह समिति जिला कृषि एवं संबद्ध गतिविधि योजना (District Agriculture & Allied Activities Plan) तैयार करेगी, जिसमें उत्पादकता बढ़ाने और संसाधन उपयोग सुधारने के उपाय शामिल होंगे।

प्रगति की निगरानी

योजना के क्रियान्वयन को मापने के लिए 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (Key Performance Indicators – KPIs) तय किए गए हैं।
इनमें फसल उत्पादन, ऋण उपयोग, कृषि अवसंरचना और किसान कल्याण जैसे पहलू शामिल हैं।
स्टैटिक जीके टिप: KPI आधारित मॉनिटरिंग प्रणाली सरकार की योजनाओं में डेटा-आधारित निर्णय और जवाबदेही सुनिश्चित करती है।

अपेक्षित प्रभाव

यह योजना कृषि उत्पादकता बढ़ाने, कृषि ऋण की पहुँच सुधारने, और अवसंरचना को सशक्त बनाने में सहायक होगी।
कमज़ोर जिलों पर ध्यान केंद्रित कर यह समावेशी कृषि वृद्धि और संतुलित क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करेगी।

स्टैटिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
योजना का नाम प्रधानमंत्री धन–धान्य कृषि योजना (PMDDKY)
लक्षित जिले 100 आकांक्षी कृषि जिले (AADs)
क्रियान्वयन एजेंसी केंद्र सरकार, नीति आयोग के मार्गदर्शन में
चयन मानदंड कम उत्पादकता, कम फसल तीव्रता, कम ऋण पहुँच
निगरानी अधिकारी 100 केंद्रीय नोडल अधिकारी (CNOs)
अवधि वित्तीय वर्ष 2025–26 से 2030–31 तक
प्रमुख तंत्र जिला धन–धान्य कृषि योजना समिति (DDKY Samiti)
अभिसरित योजनाएँ 11 मंत्रालयों की 36 केंद्रीय योजनाएँ
प्रदर्शन संकेतक 117 Key Performance Indicators (KPIs)
भौगोलिक कवरेज 29 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश; प्रत्येक राज्य से न्यूनतम एक जिला
Aspirational Agriculture Districts Boost National Farming
  1. सरकार ने 100 आकांक्षी कृषि जिलों (एएडी) की पहचान की है।
  2. कम उत्पादकता, फसल गहनता और ऋण के आधार पर चयन।
  3. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (पीएमडीडीकेवाई) के तहत पहल।
  4. नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम मॉडल से प्रेरित।
  5. प्रत्येक जिले की निगरानी केंद्रीय नोडल अधिकारी (सीएनओ) द्वारा की जाती है।
  6. योजना का उद्देश्य क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना और कृषि को बढ़ावा देना है।
  7. कार्यान्वयन अवधि वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2030-31 तक है।
  8. 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतक कृषि जिलों की प्रगति पर नज़र रखते हैं।
  9. प्रदर्शन में फसल उपज, ऋण उपयोग और बुनियादी ढाँचा शामिल है।
  10. 11 मंत्रालयों की 36 केंद्रीय योजनाएँ इस कार्यक्रम में समाहित हैं।
  11. कलेक्टरों की अध्यक्षता वाली जिला समितियाँ कृषि कार्य योजनाएँ तैयार करती हैं।
  12. भारत में शुद्ध फसल क्षेत्र 140 मिलियन हेक्टेयर है।
  13. प्रत्येक राज्य से कम से कम एक ज़िला शामिल है।
  14. अभिसरण कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करता है।
  15. योजना किसान कल्याण और संसाधन-कुशल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देती है।
  16. केंद्र, राज्य और ज़िला स्तर बहु-स्तरीय शासन प्रणाली सुनिश्चित करते हैं।
  17. KPI-आधारित निगरानी जवाबदेही और साक्ष्य-आधारित नीति सुनिश्चित करती है।
  18. अपेक्षित प्रभाव में ऋण पहुँच में सुधार और उच्च उत्पादकता शामिल है।
  19. कार्यक्रम ग्रामीण बुनियादी ढाँचे और समावेशी विकास को मज़बूत करता है।
  20. AAD पहल राष्ट्रीय कृषि परिवर्तन लक्ष्यों के अनुरूप है।

Q1. कितने आकांक्षी कृषि ज़िलों (Aspirational Agriculture Districts - AADs) की पहचान की गई है?


Q2. AAD योजना किस योजना के तहत लागू की जा रही है?


Q3. प्रत्येक आकांक्षी कृषि ज़िले के प्रदर्शन की निगरानी कौन करता है?


Q4. AAD कार्यक्रम की कार्यान्वयन अवधि क्या है?


Q5. AAD प्रगति को ट्रैक करने के लिए कितने मुख्य प्रदर्शन संकेतक (Key Performance Indicators - KPIs) उपयोग किए जाते हैं?


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