खाद्यान्न वितरण का आधुनिकीकरण
अन्नपूर्णि, जिसे आमतौर पर ग्रेन एटीएम कहा जाता है, एक स्वचालित खाद्यान्न वितरण प्रणाली है जिसे भारत की PDS को बदलने के लिए शुरू किया गया है। यह NFSA और PMGKAY के लाभार्थियों को 24×7 सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराता है।
यह प्रणाली संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) भारत और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) द्वारा विकसित की गई है। इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार, रिसाव और राशन वितरण में देरी जैसी समस्याओं को समाप्त करना है।
स्थिर जीके तथ्य: NFSA, 2013 के अंतर्गत, भारत की 67% आबादी को सस्ती दरों पर अनाज का कानूनी अधिकार प्राप्त है।
लॉन्च और विकास
पहली अन्नपूर्णि मशीन का उद्घाटन 9 अगस्त 2024 को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में हुआ। यह ओडिशा सरकार और WFP की संयुक्त पायलट परियोजना थी।
इसके बाद गुजरात में 17 सितंबर 2024 को भवनगर में केंद्रीय राज्य मंत्री निमुबेन बंभानिया द्वारा पहला यूनिट लॉन्च किया गया। 2024 के अंत तक, कम से कम छह राज्यों में यह प्रणाली कार्यरत हो चुकी थी और 2025 में विस्तार जारी रहा।
स्थिर जीके तथ्य: भारतीय खाद्य निगम (FCI) की स्थापना 1965 में की गई थी। यह भारत में खाद्यान्न की खरीद, भंडारण और वितरण का प्रबंधन करता है।
अन्नपूर्णि की प्रमुख विशेषताएँ
- लाभार्थी राशन कार्ड या आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से अनाज प्राप्त कर सकते हैं।
- प्रत्येक मशीन पाँच मिनट में 50 किलो तक चावल या गेहूँ वितरित कर सकती है, जिससे प्रतीक्षा समय 70% घटता है।
- यह 24×7 संचालित होती है, जिससे निश्चित समय पर दुकान जाने की परेशानी समाप्त होती है।
- मशीनें FCI के डिजिटल सिस्टम से जुड़ी हैं, जिससे रीयल-टाइम स्टॉक मॉनिटरिंग संभव है।
स्थिर जीके टिप: आधार 2009 में शुरू हुआ था और यह दुनिया का सबसे बड़ा बायोमेट्रिक आईडी सिस्टम है, जिसमें3 अरब से अधिक भारतीय शामिल हैं।
लाभार्थियों पर प्रभाव
- पारदर्शिता: बिचौलियों और फर्जी प्रविष्टियों को समाप्त करता है।
- दक्षता: तेज़ वितरण और कतारों में कमी।
- सुगमता: महिलाओं, मज़दूरों और बुजुर्गों के लिए 24×7 सुविधा।
- सशक्तिकरण: लाभार्थियों को गरिमा के साथ अनाज उपलब्ध कराता है, दुकानदरों पर निर्भरता घटती है।
सार्वजनिक मान्यता और प्रतिक्रिया
नवंबर 2024 में यूएन रेज़िडेंट कोऑर्डिनेटर शॉम्बी शार्प ने भुवनेश्वर यूनिट का दौरा किया और ओडिशा की पहल की सराहना की। WFP की देश निदेशक एलिसाबेथ फॉरे ने अन्नपूर्णि को खाद्य सुरक्षा नवाचार में मील का पत्थर बताया।
2025 में सोशल मीडिया पर इसे लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया रही। फरवरी 2025 में FCI द्वारा डेमो से जनता का भरोसा और बढ़ा।
अक्टूबर 2025 तक की स्थिति
अक्टूबर 2025 तक, ओडिशा लगभग जिला-स्तरीय कवरेज प्राप्त कर चुका था। गुजरात और अन्य राज्यों में भी यह प्रणाली सुचारू रूप से चल रही है। डिजिटल PDS से इसका एकीकरण कार्यक्षमता को और मजबूत बना रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर इसका लक्ष्य 80 करोड़ लाभार्थियों तक पहुँचना है।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
पहला लॉन्च | 9 अगस्त 2024, भुवनेश्वर, ओडिशा |
डेवलपर्स | UN WFP इंडिया और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग |
जुड़ी योजनाएँ | NFSA (2013), PMGKAY |
वितरण क्षमता | 5 मिनट में 50 किलो तक |
संचालन समय | 24×7, आधार व राशन कार्ड आधारित |
प्रमुख राज्य | ओडिशा, गुजरात + 6 अन्य (2024 तक) |
गुजरात लॉन्च | 17 सितंबर 2024, भवनगर |
प्रमुख मान्यता | UN अधिकारियों और WFP की सराहना (2024) |
राष्ट्रीय कवरेज लक्ष्य | NFSA व PMGKAY के तहत 80 करोड़ लाभार्थी |
एकीकरण | FCI के डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम से जुड़ा |