एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया की भूमिका
एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया (AWBI) एक कानूनी सलाहकार संस्था के तौर पर काम करता है, जो देश के जानवरों की सुरक्षा के फ्रेमवर्क को गाइड करने के लिए ज़िम्मेदार है। यह सरकारों को जानवरों की सुरक्षा, क्रूरता की रोकथाम और कानूनों को असरदार तरीके से लागू करने से जुड़े मामलों पर सलाह देता है। बोर्ड पॉलिसी को कोऑर्डिनेट करने में मदद करता है और यह पक्का करता है कि वेलफेयर के स्टैंडर्ड नेशनल और लोकल एक्शन में दिखें।
आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में नगर निगम के अधिकारियों को संवेदनशील पब्लिक जगहों से आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश दिया है। इनमें स्कूल, अस्पताल और बस स्टेशन शामिल हैं, जहां लोगों की सुरक्षा को लेकर ज़्यादा चिंताएं हैं। इस फैसले में एड-हॉक हटाने के बजाय स्ट्रक्चर्ड मैनेजमेंट की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया है। यह अधिकारियों को नेशनल एनिमल वेलफेयर कानूनों के तहत माने गए इंसानी और कानूनी तरीकों का पालन करने का भी निर्देश देता है। AWBI द्वारा जारी SOPs
कोर्ट के निर्देशों के जवाब में, AWBI ने नगर निकायों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOPs) जारी किए हैं। इन SOPs का मकसद यह पक्का करना है कि जानवरों को हटाने का प्रोसेस कानूनी, इंसानी और सभी राज्यों में एक जैसा रहे। इनमें जानवरों की सही पहचान, पकड़ने के सुरक्षित तरीके, कुछ समय के लिए पनाह देना और जानवरों को नुकसान से बचाने जैसे कदम बताए गए हैं। गाइडलाइंस में हर एक्शन के लिए डॉक्यूमेंटेशन और जवाबदेही पर भी ज़ोर दिया गया है।
रेगुलेटेड आवारा कुत्तों के मैनेजमेंट का महत्व
आवारा कुत्तों के मैनेजमेंट के लिए जानवरों के साथ सही बर्ताव के साथ पब्लिक सेफ्टी को बैलेंस करना ज़रूरी है। SOPs लोकल निकायों को एक साफ़ ऑपरेशनल प्लान देकर इस कमी को पूरा करते हैं। इससे मनमानी कार्रवाइयों को रोकने में मदद मिलती है और जानवरों के साथ क्रूरता की रोकथाम के नियमों का पालन पक्का होता है। घनी आबादी वाले इलाकों में रेगुलेटेड उपाय ज़रूरी हैं जहाँ इंसान-जानवरों का मिलना-जुलना अक्सर होता है।
AWBI का बैकग्राउंड और स्थापना
AWBI की स्थापना 1962 में जानवरों के साथ क्रूरता की रोकथाम एक्ट, 1960 के तहत हुई थी। इसे एक नेशनल लेवल का सिस्टम बनाने के लिए बनाया गया था जो जानवरों के अधिकारों की रक्षा करे और वेलफेयर स्टैंडर्ड को बेहतर बनाए। बोर्ड की स्थापना श्रीमती रुक्मिणी देवी अरुंडेल के नेतृत्व में हुई थी, जिन्हें एक अग्रणी मानवतावादी और दयालु शासन की एक मजबूत समर्थक के रूप में याद किया जाता है।
स्टैटिक GK तथ्य: जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम अधिनियम, 1960 भारत के शुरुआती व्यापक पशु संरक्षण कानूनों में से एक है।
बोर्ड के कार्य और गतिविधियाँ
बोर्ड पशु आश्रयों का समर्थन करता है, मानवीय शिक्षा को बढ़ावा देता है, और कल्याणकारी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराता है। यह बचाव, देखभाल और नसबंदी के लिए स्थानीय क्षमताओं को मजबूत करने के लिए NGOs के साथ भी काम करता है। इसका सलाहकार कार्य यह सुनिश्चित करता है कि पशु कल्याण राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर नीतिगत चर्चाओं का हिस्सा बना रहे।
स्टैटिक GK टिप: AWBI का मुख्यालय बल्लभगढ़, हरियाणा में स्थित है।
लागू करने में चुनौतियाँ
नगर निकायों को अक्सर सीमित प्रशिक्षित कर्मचारियों, आश्रय स्थल के लिए अपर्याप्त स्थान और समन्वय की कमी जैसी बाधाओं का सामना करना पड़ता है। AWBI के SOPs का उद्देश्य प्रथाओं को मानकीकृत करना और परिचालन संबंधी कठिनाइयों को कम करना है। ये दिशानिर्देश पारदर्शी दस्तावेज़ीकरण को भी प्रोत्साहित करते हैं, जो आवारा कुत्तों के प्रबंधन के दीर्घकालिक परिणामों का आकलन करने में मदद करते हैं। आगे का रास्ता
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को असरदार तरीके से लागू करने के लिए, AWBI, नगर निगमों और सिविल सोसाइटी के बीच सहयोग ज़रूरी होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करना, पकड़ने वाली टीमों को ट्रेनिंग देना और ज़िम्मेदार पालतू जानवरों की ओनरशिप को बढ़ावा देना भविष्य के मुख्य कदम हैं। स्ट्रक्चर्ड SOPs के साथ साफ़ कानूनी गाइडेंस से पूरे देश में इंसानी और टिकाऊ समाधान पक्का हो सकते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| स्थापना वर्ष | 1962 |
| कानूनी आधार | पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 |
| संस्थापक | रुक्मिणी देवी अरुंडेल |
| संस्था का स्वरूप | वैधानिक परामर्शदाती निकाय |
| मुख्य कार्य | पशु कल्याण कानूनों पर सरकार को सलाह देना |
| हालिया विकास | आवारा कुत्तों को हटाने के लिए SOPs जारी |
| संबंधित संस्था | नगर निकाय (Municipal authorities) |
| सुप्रीम कोर्ट निर्देश | प्रमुख सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए |
| मुख्य चिंता | मानवीय और वैधानिक प्रबंधन |
| मुख्यालय | बल्लभगढ़, हरियाणा |





