अक्टूबर 14, 2025 3:54 पूर्वाह्न

लखनऊ में पशु जन्म नियंत्रण प्रशिक्षण केंद्र खुला

चालू घटनाएँ: लखनऊ नगर निगम, एनिमल बर्थ कंट्रोल, ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया, उत्तर प्रदेश सरकार, एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, कुत्ता नसबंदी, आवारा कुत्ते, पशु कल्याण, प्रशिक्षण केंद्र, सार्वजनिक सुरक्षा

Animal Birth Control Training Hub Opens in Lucknow

भारत का पहला एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) प्रशिक्षण केंद्र

लखनऊ नगर निगम (LMC) ने झरहरा (Lucknow) में भारत का पहला एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) ट्रेनिंग सेंटर शुरू किया है।
इस केंद्र का उद्घाटन एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, उत्तर प्रदेश सरकार और ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया के सहयोग से किया गया।
यह कदम मानवीय और प्रभावी आवारा कुत्ता प्रबंधन की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है।

स्थिर सामान्य ज्ञान तथ्य: लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है और अपनी प्रशासनिक दक्षता और शहरी कल्याण पहलों के लिए प्रसिद्ध है।

उद्देश्य और दृष्टिकोण

यह नया प्रशिक्षण केंद्र सड़क कुत्तों की नसबंदी कार्यक्रमों की दक्षता बढ़ाने के लिए समर्पित है।
यह केंद्र पशु कल्याण से जुड़े पेशेवरों को उन्नत तकनीकी और नैतिक कौशल प्रदान करता है।
यह प्रशिक्षण सिर्फ सर्जरी तक सीमित नहीं है, बल्कि ABC प्रक्रिया के सभी चरणों को शामिल करता है, जिससे पशु कल्याण और सामुदायिक सुरक्षा के बीच संतुलन सुनिश्चित किया जा सके।

स्थिर GK तथ्य: एनिमल बर्थ कंट्रोल (कुत्ते) नियम, पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत अधिसूचित किए गए थे ताकि आवारा पशुओं की जनसंख्या को मानवीय ढंग से नियंत्रित किया जा सके।

व्यापक प्रशिक्षण मॉडल

ABC केंद्र 15-दिवसीय संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है जिसमें सैद्धांतिक और प्रायोगिक सत्रों का संयोजन शामिल है।
पाठ्यक्रम में कुत्तों को संभालना, एनेस्थीसिया, शल्य नसबंदी तकनीकें, और पोस्टऑपरेटिव देखभाल जैसे विषय शामिल हैं।
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र (Certificate) प्रदान किया जाएगा, जिससे उनकी पेशेवर योग्यता बढ़ेगी और वे सरकारी या NGO-प्रायोजित नसबंदी अभियानों में योगदान दे सकेंगे।

पात्रता और शुल्क विवरण

प्रशिक्षण पशु चिकित्सकों, पैरावेट्स और एनिमल हैंडलर्स के लिए खुला है।
शुल्क श्रेणी के अनुसार निर्धारित है —
₹5,000 – पशु चिकित्सकों के लिए
₹1,500 – पैरावेट्स के लिए
₹1,000 – एनिमल हैंडलर्स के लिए
आवेदन LMC की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से किए जा सकते हैं।
पहला प्रशिक्षण सत्र नवंबर 2025 से शुरू होगा।

स्थिर GK टिप: नगर निगम अधिनियम 1959 स्थानीय निकायों जैसे LMC को शहरी शासन के अंतर्गत पशु नियंत्रण कार्यक्रमों को संचालित करने की शक्ति प्रदान करता है।

महत्व और व्यापक प्रभाव

ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया के डॉ. पीयूष पटेल के अनुसार, लखनऊ ABC केंद्र का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर नसबंदी और मानवीय पशु प्रबंधन प्रशिक्षण केंद्र बनना है।
डॉ. अभिनव वर्मा (पशु कल्याण अधिकारी, LMC) ने कहा कि यह पहल एक संगठित और सुरक्षित नसबंदी प्रणाली सुनिश्चित करती है, जिससे रेबीज़ के जोखिम में कमी और मानवपशु सहअस्तित्व को बढ़ावा मिलेगा।

यह अग्रणी मॉडल जल्द ही अन्य प्रमुख शहरों में भी लागू किया जा सकता है ताकि भारत के एनिमल बर्थ कंट्रोल ढांचे को मजबूत किया जा सके, और यह सतत शहरी पशु कल्याण रणनीतियों के अनुरूप है।

स्थिर GK तथ्य: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) विकासशील देशों में सड़क कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रण और रेबीज़ रोकथाम के लिए ABC को प्रमुख उपाय के रूप में समर्थन करता है।

स्थिर “Usthadian” वर्तमान घटनाएँ सारणी

विषय (Topic) विवरण (Detail)
स्थान झरहरा, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
प्रारंभ करने वाला संगठन लखनऊ नगर निगम (LMC)
सहयोगी संस्थाएँ एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया, यूपी सरकार
प्रशिक्षण अवधि 15 दिन
कोर्स शुल्क ₹5,000 (वेट्स), ₹1,500 (पैरावेट्स), ₹1,000 (हैंडलर्स)
प्रमुख फोकस कुत्ता नसबंदी और मानवीय प्रबंधन
प्रमाणन सफल समापन के बाद प्रदान किया जाएगा
पहली बैच नवंबर 2025 में शुरू
प्रमुख उद्देश्य आवारा कुत्ता नसबंदी और पशु कल्याण को सशक्त बनाना
अपेक्षित परिणाम अन्य भारतीय शहरों में मॉडल का दोहराव

Animal Birth Control Training Hub Opens in Lucknow
  1. भारत का पहला पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) प्रशिक्षण केंद्र लखनऊ के जरहरा में शुरू हुआ।
  2. लखनऊ नगर निगम (एलएमसी) द्वारा भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के सहयोग से इसका उद्घाटन किया गया।
  3. ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया और उत्तर प्रदेश सरकार प्रमुख साझेदार हैं।
  4. आवारा कुत्तों के मानवीय प्रबंधन में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
  5. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देश का पहला ऐसा केंद्र खुला।
  6. केंद्र का उद्देश्य नसबंदी की प्रभावशीलता और जन सुरक्षा में सुधार लाना है।
  7. प्रशिक्षण तकनीकी, नैतिक और संचालन दक्षता पर केंद्रित है।
  8. पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) प्रक्रिया के सभी चरणों को शामिल करता है।
  9. एबीसी (कुत्ते) नियम पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत पेश किए गए थे।
  10. 15-दिवसीय कार्यक्रम में सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों सत्र शामिल हैं।
  11. पाठ्यक्रम में कुत्तों की देखभाल, एनेस्थीसिया, सर्जरी और ऑपरेशन के बाद की देखभाल शामिल है।
  12. पशु चिकित्सक, अर्ध-पशु चिकित्सक और पशुपालक पात्र हैं।
  13. प्रशिक्षण शुल्क: ₹5,000 (पशु चिकित्सक), ₹1,500 (अर्ध-पशु चिकित्सक), ₹1,000 (पालक)।
  14. सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूरा करने पर प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएँगे।
  15. पहला बैच नवंबर 2025 में शुरू होने वाला है।
  16. आवेदन एलएमसी की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से जमा किए जा सकते हैं।
  17. यह पहल नगर निगम अधिनियम, 1959 के अनुरूप है, जो शहरी पशु नियंत्रण के लिए एलएमसी को सशक्त बनाती है।
  18. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) रेबीज और आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के एक मानवीय तरीके के रूप में एबीसी का समर्थन करता है।
  19. लखनऊ केंद्र का लक्ष्य एबीसी प्रशिक्षण का एक राष्ट्रीय केंद्र बनना है।
  20. स्थायी पशु कल्याण के लिए इस मॉडल को प्रमुख भारतीय शहरों में भी अपनाए जाने की उम्मीद है।

Q1. भारत का पहला पशु जन्म नियंत्रण (ABC) प्रशिक्षण केंद्र कहाँ शुरू किया गया है?


Q2. ABC प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना में लखनऊ नगर निगम के साथ किन संस्थाओं ने सहयोग किया?


Q3. लखनऊ ABC केंद्र में प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि कितनी है?


Q4. लखनऊ स्थित ABC प्रशिक्षण हब का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q5. ABC प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले पशु चिकित्सकों के लिए शुल्क कितना है?


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