आंध्र प्रदेश की डिजिटल विस्तार दृष्टि
आंध्र प्रदेश सरकार ने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए डेटा सेंटर सलाहकार परिषद का गठन किया है, जिसका उद्देश्य 2030 तक 6,000 मेगावाट क्षमता हासिल करना है।
यह पहल डेटा सेंटर नीति 4.0 (Data Centre Policy 4.0) ढांचे के अनुरूप है, जो प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र में बड़े पैमाने पर निवेश और अवसंरचना विकास को गति देने पर केंद्रित है।
हाल ही में गूगल के 1 गीगावाट (GW) और सिफी इंफिनिटी के 550 मेगावाट के प्रोजेक्ट की घोषणाओं ने विशाखापट्टनम को दक्षिण एशिया के प्रमुख उभरते डेटा हब के रूप में स्थापित किया है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: विशाखापट्टनम भारत के पहले राज्य–प्रायोजित डेटा सेंटर पार्क की मेजबानी करता है, जिसे AP इलेक्ट्रॉनिक्स नीति के तहत शुरू किया गया था।
नेतृत्व और संरचना
इस परिषद की अध्यक्षता नारा लोकेश, मंत्री – सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार (ITE&C) द्वारा की जाएगी।
परिषद में माइक्रोसॉफ्ट अज्योर, NTT ग्लोबल डेटा सेंटर्स, ST टेलिमीडिया GDC, श्नाइडर इलेक्ट्रिक, कुशमैन एंड वेकफील्ड, JLL, Pi डेटा सेंटर्स, नैसकॉम और डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
ये सदस्य क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा, औद्योगिक रियल एस्टेट और पावर प्रबंधन में विशेषज्ञता लाते हैं, जिससे नीति और कार्यान्वयन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित होता है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) नैसकॉम के अधीन संचालित होती है और यह डेटा संरक्षण और साइबर सुरक्षा मानकों पर केंद्रित है।
नीति जनादेश और ढांचा
परिषद का मुख्य जनादेश डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए रणनीतिक और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करना है। इसका उद्देश्य एक समयबद्ध रोडमैप तैयार करना है, जिसके प्रमुख फोकस क्षेत्र हैं:
• डेटा सेंटर संचालन में नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण
• उच्च क्षमता वाली फाइबर नेटवर्क का विकास
• डेटा सेंटर पार्कों और प्लग–एंड–प्ले कैंपसों की स्थापना
यह परिषद नीति प्रतिक्रिया तंत्र (policy feedback mechanism) भी तैयार करेगी ताकि डेटा सेंटर नीति 4.0 को समय-समय पर अद्यतन कर प्रतिस्पर्धात्मकता, निवेश गति और परियोजना निष्पादन को बढ़ाया जा सके।
अगला डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हब बनाना
राज्य के अधिकारियों ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य बड़े निवेश प्रतिबद्धताओं को संचालनात्मक सुविधाओं में बदलना है।
समुद्री तट, ऊर्जा क्षमता और बंदरगाह अवसंरचना के अपने लाभों के साथ, आंध्र प्रदेश को भारत की अग्रणी डिजिटल अर्थव्यवस्था के केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में तैयार किया जा रहा है।
परिषद प्रतिभा विकास, अनुसंधान सहयोग और कौशल प्रशिक्षण पर भी ध्यान देगी, विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सुरक्षा जैसे उभरते तकनीकी क्षेत्रों में।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: आंध्र प्रदेश भारत का पहला राज्य था जिसने फाइबर ग्रिड परियोजना शुरू की, जिसके तहत 13,000 से अधिक गांवों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ा गया।
रणनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण
नारा लोकेश ने कहा कि “डेटा सेंटर कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग की रिफाइनरी हैं,” जो आर्थिक विकास और तकनीकी प्रगति के प्रमुख इंजन के रूप में कार्य करते हैं।
आंध्र प्रदेश की यह प्रगतिशील रणनीति नीति समर्थन, नवीकरणीय ऊर्जा और औद्योगिक सहयोग को जोड़ती है, जिससे वैश्विक कंपनियों को आकर्षित किया जा सके और भारत की डिजिटल रीढ़ को मजबूत किया जा सके।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) | 
| पहल | आंध्र प्रदेश डेटा सेंटर सलाहकार परिषद | 
| लक्षित क्षमता | 2030 तक 6,000 मेगावाट | 
| अध्यक्ष | नारा लोकेश, मंत्री (ITE&C) | 
| प्रमुख निवेश | गूगल (1 गीगावाट), सिफी इंफिनिटी (550 मेगावाट) | 
| नीति ढांचा | डेटा सेंटर नीति 4.0 | 
| प्रमुख सदस्य | माइक्रोसॉफ्ट, NTT GDC, ST टेलिमीडिया, श्नाइडर इलेक्ट्रिक, नैसकॉम, DSCI | 
| प्राथमिक फोकस | नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण, उच्च क्षमता फाइबर नेटवर्क, प्लग-एंड-प्ले कैंपस | 
| प्रमुख स्थान | विशाखापट्टनम | 
| रणनीतिक दृष्टि | आंध्र प्रदेश को दक्षिण एशिया का डेटा हब बनाना | 
| उल्लेखनीय कथन | “डेटा सेंटर कृत्रिम बुद्धिमत्ता युग की रिफाइनरी हैं” – नारा लोकेश | 
 
				 
															





