एम्स ने स्थापित किया नया मानक
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली भारत का पहला सरकारी मेडिकल कॉलेज बन गया है जिसने दा विंची रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम पर प्रशिक्षण शुरू किया है। यह चिकित्सा शिक्षा में एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे अत्याधुनिक शल्य चिकित्सा नवाचार देश के प्रमुख सार्वजनिक संस्थान में उपलब्ध हुआ है। यह प्रणाली स्किल्स, ई-लर्निंग और टेलीमेडिसिन (SET) सुविधा में स्थापित की गई।
स्थिर जीके तथ्य: एम्स दिल्ली की स्थापना 1956 में हुई थी और इसे लगातार भारत का शीर्ष चिकित्सा संस्थान माना जाता है।
दा विंची रोबोटिक सिस्टम के बारे में
दा विंची सर्जिकल रोबोट, जिसे इंट्यूटिव सर्जिकल (USA) ने विकसित किया है, दुनिया की सबसे उन्नत न्यूनतम आक्रामक सर्जरी प्रणालियों में से एक है।
यह सर्जनों को छोटे चीरे लगाकर जटिल ऑपरेशन करने की सुविधा देता है और रोगियों की रिकवरी अवधि को कम करता है।
इस प्रणाली में 3D हाई-डेफिनिशन विजन, बेहतर दक्षता और सटीक नियंत्रण मिलता है। इसका प्रयोग यूरोलॉजी, स्त्रीरोग, ऑन्कोलॉजी और सामान्य शल्य चिकित्सा में होता है।
स्थिर जीके टिप: दा विंची का उपयोग कर पहली रोबोटिक सर्जरी वर्ष 2000 में अमेरिका में की गई थी।
द्वैध रोबोटिक प्रशिक्षण केंद्र
एम्स के SET सुविधा में अब दा विंची सर्जिकल रोबोट के साथ-साथ मेडट्रॉनिक का ह्यूगो रोबोटिक ट्रेनर भी मौजूद है।
इससे एम्स भारत का एकमात्र संस्थान बन गया है जहाँ दो रोबोटिक प्रणालियाँ संरचित प्रशिक्षण के लिए समर्पित हैं।
यहाँ पर सिम्युलेटर, ट्रेनर और मैनिकिन्स उपलब्ध हैं, जिससे विद्यार्थी लाइव केस संभालने से पहले सुरक्षित और नियंत्रित अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
प्रशिक्षण के अवसर
यह प्रशिक्षण मेडिकल छात्रों, रेजिडेंट्स, फैकल्टी सदस्यों, नर्सों और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए खुला रहेगा।
यह बहु-विषयी प्रशिक्षण पहले केवल विदेशी संस्थानों में उपलब्ध था, अब भारत में ही संभव होगा।
एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने कहा कि यह पहल भारत की रोबोटिक सर्जरी क्षमता को बढ़ाएगी और अगली पीढ़ी के सर्जनों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी।
राष्ट्रीय और वैश्विक महत्व
यह उपलब्धि एम्स दिल्ली को वैश्विक सर्जिकल नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करती है।
यह भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाती है और उन्नत सर्जिकल कौशल विकास के लिए बाहरी संस्थानों पर निर्भरता घटाती है।
यह पहल प्रौद्योगिकी आधारित स्वास्थ्य सेवाओं के भारत के दृष्टिकोण से भी मेल खाती है, जिससे रोगियों को बेहतर परिणाम, कम अस्पताल में रहने का समय और रोबोटिक प्रक्रियाओं का व्यापक प्रसार सुनिश्चित होगा।
स्थिर जीके तथ्य: भारत में पहली रोबोटिक सर्जरी 2002 में सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली में की गई थी।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
संस्थान | एम्स, नई दिल्ली |
उपलब्धि | दा विंची सर्जिकल रोबोट पर प्रशिक्षण देने वाला पहला सरकारी मेडिकल कॉलेज |
सुविधा | स्किल्स, ई-लर्निंग और टेलीमेडिसिन (SET) सुविधा |
रोबोट डेवलपर | इंट्यूटिव सर्जिकल, USA |
अन्य प्रणाली | ह्यूगो रोबोटिक ट्रेनर (मेडट्रॉनिक) |
एम्स निदेशक | डॉ. एम श्रीनिवास |
एम्स स्थापना वर्ष | 1956 |
भारत की पहली रोबोटिक सर्जरी | 2002, सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली |
मुख्य लाभ | भारत में ही रोबोटिक सर्जरी का प्रायोगिक प्रशिक्षण |
वैश्विक प्रभाव | एम्स को सर्जिकल नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाता है |