नया कमांड सेंटर
सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने अपने मुख्यालय में एक नया एआई और GIS-सक्षम निर्णय सहयोग प्रणाली (Decision Support System – DSS) शुरू किया है। यह प्रणाली पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा प्रबंधन को और मज़बूत करेगी, जो अक्सर घुसपैठ और अवैध तस्करी के लिए निशाना बनाई जाती हैं।
DSS एक केंद्रीकृत प्लेटफ़ॉर्म की तरह काम करता है, जो वास्तविक समय की जानकारी, प्रिडिक्टिव टूल्स और एकीकृत कमांड दृश्य प्रदान करता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है।
स्थिर जीके तथ्य: BSF की स्थापना 1965 में भारत-पाक युद्ध के बाद हुई थी ताकि शांति काल में भारत की सीमाओं की रक्षा की जा सके।
DSS की विशेषताएँ
निर्णय सहयोग प्रणाली सेंसर फीड, GIS डेटा और घटनाओं के डेटाबेस को एक ऑपरेशनल मैप पर एकीकृत करती है। इससे कमांडर गतिविधियों की निगरानी, मूवमेंट ट्रैक करने और त्वरित कार्रवाई समन्वय करने में सक्षम होते हैं।
इस प्रणाली का उद्घाटन BSF महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने किया। अब यह पश्चिमी और पूर्वी दोनों सीमाओं को कवर करता है।
स्थिर जीके टिप: BSF का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
निगरानी और प्रिडिक्टिव एनालिसिस
DSS के माध्यम से BSF को ग्राउंड सेंसर, ड्रोन और फील्ड रिपोर्ट से वास्तविक समय की निगरानी मिलती है। यह प्रणाली एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग करके तस्करी हॉटस्पॉट्स और संभावित घुसपैठ मार्गों की पहचान करती है।
उच्च-जोखिम वाले क्षेत्रों की भविष्यवाणी करके यह प्रणाली अग्रिम रूप से बलों की तैनाती सुनिश्चित करती है, जिससे प्रतिक्रिया समय घटता है और परिचालन क्षमता बढ़ती है।
रोल-आधारित डैशबोर्ड
यह प्लेटफ़ॉर्म विभिन्न स्तरों के अधिकारियों के लिए भूमिका-आधारित डैशबोर्ड प्रदान करता है। इससे फील्ड अधिकारियों, मिड-लेवल कमांडरों और शीर्ष नेतृत्व को उनकी भूमिका से संबंधित जानकारी तुरंत मिलती है।
यह विशेषता बल को लाइव अपडेट और जमीनी हकीकत के आधार पर रणनीतियाँ बदलने में सक्षम बनाती है।
क्रॉस-एजेंसी इंटीग्रेशन
DSS को इलेक्ट्रॉनिक बॉर्डर सॉल्यूशंस (EBS), अन्य BSF केंद्रों और सहयोगी सुरक्षा एजेंसियों के GIS प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सुविधा भारत की सुरक्षा व्यवस्था के विभिन्न हिस्सों के बीच समन्वय को मज़बूत करती है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत की सबसे लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा बांग्लादेश से लगती है, जिसकी लंबाई 4,096 किमी है।
भविष्य की संभावनाएँ
अगले चरणों में DSS को ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT), बिग डेटा एनालिटिक्स और IMD मौसम डेटा से भी जोड़ा जाएगा। इससे कमांडर सार्वजनिक डेटा से खतरों की पहचान कर सकेंगे, बड़े व्यवहार पैटर्न का विश्लेषण कर सकेंगे और मौसम-संवेदनशील क्षेत्रों में अभियान की योजना बना सकेंगे।
यह प्रगति दिखाती है कि भारत अपनी तकनीक-आधारित रक्षा प्रणालियों पर लगातार निर्भर हो रहा है ताकि महत्वपूर्ण सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
प्रणाली का नाम | निर्णय सहयोग प्रणाली (Decision Support System – DSS) |
लॉन्च करने वाले | BSF महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी |
मुख्य तकनीक | एआई, मशीन लर्निंग, GIS |
संचालन का फोकस | पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमाएँ |
प्रमुख विशेषताएँ | प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स, कस्टम डैशबोर्ड, वास्तविक समय निगरानी |
अगले चरण | OSINT, IMD डेटा, बिग डेटा एनालिटिक्स |
BSF गठन | 1965, भारत-पाक युद्ध के बाद |
BSF मुख्यालय | नई दिल्ली |
भारत की सबसे लंबी सीमा | बांग्लादेश – 4,096 किमी |
निगरानी उपकरण | ड्रोन, ग्राउंड सेंसर, GIS फीड्स |