निष्पक्ष परीक्षाओं की ओर एक बड़ा कदम
भारत की सार्वजनिक परीक्षाओं की विश्वसनीयता और पारदर्शिता को बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में IndiaAI, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के अधीन कार्यरत है, ने Face Authentication Challenge लॉन्च किया है।
इस पहल का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके छद्म उम्मीदवारों (Impersonation) और धोखाधड़ी वाले आवेदनों की पहचान करना है।
कुल ₹2.5 करोड़ पुरस्कार राशि वाली यह प्रतियोगिता भारतीय स्टार्टअप्स और डेवलपर्स को एक भरोसेमंद व स्केलेबल चेहरा प्रमाणीकरण प्रणाली (Facial Authentication System) विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
स्थैतिक तथ्य: MeitY भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी और इंटरनेट नीति से संबंधित नीतियाँ तैयार करने के लिए उत्तरदायी है।
परीक्षा सुरक्षा में एआई की आवश्यकता
भारत में UPSC, SSC और राज्य बोर्डों जैसी एजेंसियाँ हर वर्ष लाखों उम्मीदवारों के लिए परीक्षाएँ आयोजित करती हैं। इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के बीच पहचान धोखाधड़ी, डुप्लिकेट पंजीकरण, और प्रॉक्सी उम्मीदवारों की पहचान पारंपरिक प्रणालियों से कठिन होती है।
एआई–सक्षम चेहरा पहचान तकनीक (Facial Recognition) “वन-टू-मैनी” मिलान (matching) के माध्यम से प्रत्येक उम्मीदवार की विशिष्ट पहचान सुनिश्चित कर सकती है और बड़े डेटासेट में डुप्लिकेट प्रविष्टियों को रोक सकती है।
स्थैतिक टिप: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की स्थापना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत की गई थी।
IndiaAI चैलेंज के उद्देश्य
IndiaAI Face Authentication Challenge, IndiaAI Application Development Initiative (IADI) का हिस्सा है।
इस प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को एक पूर्ण छवि सत्यापन और डीडुप्लिकेशन सिस्टम विकसित करना होगा, जो सरकारी डेटाबेस में नैतिक रूप से और प्रभावी ढंग से कार्य करे।
यह समाधान डीप लर्निंग, कंप्यूटर विज़न, और एआई एथिक्स फ्रेमवर्क का उपयोग करेगा ताकि पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित की जा सके।
मुख्य उद्देश्य:
• परीक्षाओं के लिए स्केलेबल प्रमाणीकरण प्लेटफ़ॉर्म विकसित करना।
• “वन-टू-मैनी” एआई मिलान तकनीक लागू करना।
• उम्मीदवारों के डीडुप्लिकेशन को मज़बूत बनाना।
• शासन, शिक्षा और कल्याण योजनाओं में उपयोग हेतु अनुकूलन योग्य मॉडल तैयार करना।
पुरस्कार संरचना और प्रोत्साहन
IndiaAI ने एक समावेशी और प्रतिस्पर्धी पुरस्कार मॉडल तैयार किया है:
• 10 चयनित टीमों को ₹5 लाख प्रत्येक प्रोटोटाइप निर्माण और परीक्षण हेतु प्रदान किए जाएंगे।
• 2 सर्वश्रेष्ठ टीमों को ₹1 करोड़ प्रत्येक पुरस्कार और 2-वर्षीय अनुबंध के साथ राष्ट्रीय स्तर पर समाधान लागू करने का अवसर मिलेगा।
ये प्रोत्साहन भारत के एआई स्टार्टअप इकोसिस्टम को मज़बूत करेंगे और अनुसंधान से वास्तविक अनुप्रयोग तक की खाई को पाटेंगे।
स्थैतिक तथ्य: IndiaAI, डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (DIC) के अंतर्गत एक स्वतंत्र व्यवसाय प्रभाग (Independent Business Division – IBD) के रूप में संचालित होता है, जो देश में डिजिटल परिवर्तन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाता है।
शासन पर व्यापक प्रभाव
इस चुनौती के परिणाम परीक्षाओं से परे जाकर शासन के कई क्षेत्रों को सशक्त बना सकते हैं।
एआई-आधारित सत्यापन उपकरण कल्याण योजनाओं की पारदर्शिता, नागरिक पहचान प्रबंधन, और ई–गवर्नेंस प्रणाली को मज़बूत कर सकते हैं।
भारत जैसे देश के लिए, जो अब वैश्विक एआई नवाचार केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है, ऐसी पहलें नैतिक और जवाबदेह तकनीकी उपयोग की ठोस नींव रखती हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
आयोजन निकाय | IndiaAI (MeitY के अधीन) |
कार्यान्वयन इकाई | डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (DIC) |
पहल का नाम | IndiaAI Application Development Initiative (IADI) |
उद्देश्य | परीक्षाओं के लिए एआई-आधारित चेहरा प्रमाणीकरण प्रणाली विकसित करना |
कुल पुरस्कार राशि | ₹2.5 करोड़ |
प्रोटोटाइप फंडिंग | 10 चयनित टीमों को ₹5 लाख प्रत्येक |
अंतिम विजेता | अधिकतम 2 टीमों को ₹1 करोड़ प्रत्येक |
मुख्य विशेषताएँ | एआई-आधारित इमेज वेरिफिकेशन, डीडुप्लिकेशन, वन-टू-मैनी मिलान |
अनुप्रयोग क्षेत्र | परीक्षा, शिक्षा, कल्याण योजनाएँ, पहचान सत्यापन |
आवेदन की अंतिम तिथि | 25 अक्टूबर 2025 |