मौसम पूर्वानुमान में एआई क्रांति
2022 से भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को मौसम पूर्वानुमान में शामिल किया गया।
- पारंपरिक मॉडल्स की तुलना में AI विशाल जलवायु डाटा का विश्लेषण करके जटिल घटनाओं जैसे भारतीय मानसून की भविष्यवाणी सप्ताहों पहले कर पाता है।
- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने गूगल के Neural GCM और ECMWF के Artificial Intelligence Forecasting Systems (AIFS) के साथ मिलकर यह पूर्वानुमान तैयार किया।
स्थिर जीके तथ्य: ECMWF (European Centre for Medium-Range Weather Forecasts) की स्थापना 1975 में हुई थी और इसका मुख्यालय रीडिंग, यूके में है।
किसानों के लिए मानसून पूर्वानुमान
- 2025 में8 करोड़ किसानों को 13 राज्यों में m-किसान प्लेटफ़ॉर्म के जरिए SMS द्वारा व्यक्तिगत पूर्वानुमान भेजे गए।
- सुविधाएँ:
- चार सप्ताह पहले शुरुआती चेतावनी
- मानसून सीजन के दौरान साप्ताहिक अपडेट
- 20-दिन के मध्यांतर (pause) का अलर्ट ताकि किसान संसाधनों की बेहतर योजना बना सकें।
- संदेश सरल भाषा में लिखे गए ताकि किसान इन्हें आसानी से समझ सकें।
स्थिर जीके टिप: m-किसान पोर्टल 2013 में किसानों को क्षेत्रीय भाषाओं में SMS सेवा उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया था।
खरीफ कृषि और आजीविका पर प्रभाव
- भारत की खरीफ फसल चक्र मानसून वर्षा पर निर्भर है।
- AI पूर्वानुमान ने किसानों को फसल चयन और बुआई समय तय करने में लाभ दिया।
- इससे फसल विफलता का जोखिम घटा और आय स्थिरता बढ़ी।
- लगभग 50% भारतीय कार्यबल कृषि पर निर्भर है, इसलिए AI आधारित पूर्वानुमान ने सीधे ग्रामीण आजीविका और खाद्य सुरक्षा को मज़बूत किया।
स्थिर जीके तथ्य: खरीफ फसलों में धान, मक्का, कपास, सोयाबीन, मूंगफली शामिल हैं, जो जून में मानसून आने पर बोई जाती हैं।
तकनीक से लचीलापन (Resilience)
- हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तनशीलता और चरम मौसम घटनाएँ बढ़ी हैं।
- AI आधारित पूर्वानुमान ने किसानों को अनिश्चित वर्षा के अनुरूप तेजी से ढलने में मदद की।
- यह पारंपरिक कृषि ज्ञान को आधुनिक विज्ञान से जोड़ता है।
- यह पहल दुनिया का पहला AI-आधारित मानसून पूर्वानुमान सेवा मॉडल है जो इस स्तर पर लागू किया गया है।
भविष्य की संभावनाएँ
- मंत्रालय इस कार्यक्रम को और अधिक राज्यों तक फैलाने और AI मॉडल्स की सटीकता बढ़ाने की योजना बना रहा है।
- किसान-मित्र इंटरफेस और बेहतर संचार साधनों से स्वीकार्यता (adoption) बढ़ेगी।
- कृषि नीति में AI का समावेश भारत को जलवायु चुनौतियों से निपटने और किसान कल्याण सुनिश्चित करने का वैश्विक उदाहरण बनाता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
भारत में AI पूर्वानुमान की शुरुआत | 2022 |
2025 में पहुंचे किसान | 3.8 करोड़ |
शामिल राज्य | 13 |
SMS प्लेटफ़ॉर्म | m-किसान पोर्टल |
पूर्वानुमान मॉडल | गूगल Neural GCM और ECMWF AIFS |
2025 की विशेष सुविधा | 20-दिन मध्यांतर का अलर्ट |
जिम्मेदार मंत्रालय | कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय |
समर्थित फसल चक्र | खरीफ फसलें |
ECMWF तथ्य | 1975 में स्थापित, मुख्यालय यूके |
m-किसान तथ्य | 2013 में लॉन्च, किसानों के लिए SMS सेवा |