अग्निशोध की स्थापना
भारतीय सेना ने आईआईटी मद्रास के साथ साझेदारी में अग्निशोध इंडियन आर्मी रिसर्च सेल (IARC) की स्थापना की है, ताकि स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी क्षमताओं को मजबूत किया जा सके। यह पहल सेना की आधुनिकीकरण और प्रौद्योगिकी एकीकरण की योजना का हिस्सा है।
स्थैतिक जीके तथ्य: आईआईटी मद्रास ने 2024 तक लगातार 9 वर्षों तक NIRF इंडिया रैंकिंग में इंजीनियरिंग श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
शोध और सैन्य आवश्यकताओं के बीच सेतु
अग्निशोध का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक विशेषज्ञता को सैन्य अभियानों की व्यावहारिक आवश्यकताओं से जोड़ना है। इस सहयोग से वैज्ञानिक नवाचारों को तेज़ी से मैदान में लागू होने वाले समाधानों में बदला जाएगा।
प्रमुख सहयोग
यह कार्यक्रम एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर (AMTDC) और प्रवरतक टेक्नोलॉजीज़ फाउंडेशन के साथ मिलकर संचालित होगा, जो आईआईटी मद्रास रिसर्च पार्क में स्थित हैं। ये साझेदारियां उन्नत रक्षा उपकरण और प्रणालियों के विकास को गति देंगी।
स्थैतिक जीके तथ्य: प्रवरतक टेक्नोलॉजीज़ फाउंडेशन एक सेक्शन 8 गैर–लाभकारी इकाई है, जो राष्ट्रीय अंतःविषय साइबर–भौतिक प्रणालियों के मिशन के तहत कार्य करती है।
सशस्त्र बलों का कौशल उन्नयन
सैन्य कर्मियों को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग, वायरलेस कम्युनिकेशन, और मानव रहित हवाई प्रणाली (UAS) में उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे तकनीकी रूप से दक्ष रक्षा पेशेवरों का एक आंतरिक समूह तैयार होगा।
दीर्घकालिक रक्षा प्रभाव
शोध की उत्कृष्टता को व्यावहारिक रक्षा नवाचार में बदलकर, अग्निशोध विदेशी सैन्य तकनीकों पर निर्भरता कम करेगा। यह पहल विकसित भारत 2047 दृष्टि को भी सहयोग देती है, जिसका लक्ष्य स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है।
स्थैतिक जीके तथ्य: विकसित भारत 2047 का लक्ष्य भारत को 2047 तक दुनिया की सबसे उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करना है।
आत्मनिर्भरता में रणनीतिक भूमिका
अग्निशोध आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियानों के तहत रक्षा क्षेत्र को मज़बूत करता है, जिससे घरेलू तकनीक उच्च स्तरीय सैन्य आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण | 
| संस्थापक संस्थान | भारतीय सेना और आईआईटी मद्रास | 
| पहल का नाम | अग्निशोध इंडियन आर्मी रिसर्च सेल (IARC) | 
| मुख्य उद्देश्य | स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी को मजबूत करना | 
| मुख्य प्रशिक्षण क्षेत्र | एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग, वायरलेस कम्युनिकेशन, मानव रहित हवाई प्रणाली | 
| संस्थागत साझेदार | एएमटीडीसी और प्रवरतक टेक्नोलॉजीज़ फाउंडेशन | 
| संचालन केंद्र | आईआईटी मद्रास रिसर्च पार्क | 
| दृष्टि के साथ संरेखण | विकसित भारत 2047 | 
| नीति संबंध | आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया | 
| लक्षित समूह | सैन्य और तकनीकी कर्मी | 
| प्रमुख परिणाम | शैक्षणिक नवाचार को सैन्य समाधानों में बदलना | 
				
															




