सितम्बर 16, 2025 3:47 पूर्वाह्न

जनजातीय सशक्तिकरण के लिए आदि संस्कृति डिजिटल लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म

चालू घटनाएँ: जनजातीय कार्य मंत्रालय, आदि संस्कृति, डिजिटल यूनिवर्सिटी, जनजातीय अनुसंधान संस्थान (TRIs), ट्राइफेड, भारत मंडपम, आदि विश्वविद्यालय, आदि संपदा, आदि हाट, राष्ट्रीय सम्मेलन – आदि कर्मयोगी अभियान

Adi Sanskriti Digital Learning Platform for Tribal Empowerment

ऐतिहासिक शुभारंभ

10 सितंबर 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलनआदि कर्मयोगी अभियान के दौरान जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आदि संस्कृति डिजिटल लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म का शुभारंभ किया।
इसका उद्घाटन जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने किया।

यह विश्व की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी फॉर ट्राइबल कल्चर है, जिसका उद्देश्य परंपराओं का संरक्षण, शिक्षा को बढ़ावा, और कारीगरों की आजीविका को सशक्त बनाना है।

Static GK तथ्य: जनजातीय कार्य मंत्रालय की स्थापना 1999 में की गई थी, इसे सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से अलग कर बनाया गया था।

तीन मुख्य स्तंभ

यह प्लेटफ़ॉर्म तीन आधार स्तंभों पर निर्मित है:

आदि विश्वविद्यालय

  • डिजिटल ट्राइबल आर्ट अकादमी
  • 45 इंटरैक्टिव कोर्स
  • विषय: जनजातीय नृत्य, संगीत, चित्रकला, लोककथाएं, हस्तशिल्प
  • वैश्विक स्तर पर डिजिटल माध्यम से भारतीय जनजातीय धरोहर का अनुभव

आदि संपदा

  • 5,000 से अधिक दस्तावेज़ों का सामाजिकसांस्कृतिक संग्रह
  • विषय: वस्त्र, नृत्य, चित्रकला, कलाकृतियां, आजीविका
  • जनजातीय परंपराओं का स्थायी डिजिटल आर्काइव

आदि हाट

  • ऑनलाइन मार्केटप्लेस
  • शुरुआती चरण में TRIFED से जुड़ा
  • जनजातीय कारीगरों को सीधे खरीदारों से जोड़ना
  • आगे चलकर मार्केटप्लेस के रूप में विस्तार

Static GK टिप: TRIFED (Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India) की स्थापना 1987 में जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत की गई थी।

जनजातीय अनुसंधान संस्थानों की भूमिका

  • पहल में 15 राज्यों के Tribal Research Institutes (TRIs) शामिल हैं:
    आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश।
  • इससे स्थानीय भागीदारी, सही दस्तावेज़ीकरण और सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा।

व्यापक महत्व

  • यह प्लेटफ़ॉर्म परंपरागत ज्ञान को तकनीक से जोड़ता है
  • वैश्विक पहुंच और आर्थिक अवसर देकर यह कारीगरों की गरिमा को बढ़ाता है।
  • यह भारत की जनजातीय धरोहर को डिजिटल युग में स्थापित करता है।

Static GK तथ्य: भारत में 700 से अधिक जनजातीय समूह हैं, जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 8.6% हिस्सा हैं (जनगणना 2011)।

जुड़ी हुई पहल

  • आदि संस्कृति प्लेटफ़ॉर्म को आदि वाणी (AI-आधारित जनजातीय भाषा अनुवादक) जैसी पहलों से जोड़ा गया है।
  • यह पहल दिखाती है कि मंत्रालय सांस्कृतिक समावेशन के लिए तकनीक का उपयोग कर रहा है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
लॉन्च तिथि 10 सितंबर 2025
स्थल भारत मंडपम, नई दिल्ली
लॉन्च करने वाला जनजातीय कार्य मंत्रालय
मंत्री श्री दुर्गादास उइके
प्रमुख घटक आदि विश्वविद्यालय, आदि संपदा, आदि हाट
कोर्स की संख्या 45 डिजिटल कोर्स
संग्रह सामग्री 5,000+ सांस्कृतिक दस्तावेज़
संबद्ध एजेंसी TRIFED
भाग लेने वाले राज्य 15 राज्य (ओडिशा, गुजरात, तमिलनाडु सहित)
पूर्व पहल आदि वाणी (AI-आधारित भाषा अनुवादक)
Adi Sanskriti Digital Learning Platform for Tribal Empowerment
  1. जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने 2025 में आदि संस्कृति प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया।
  2. इसका शुभारंभ नई दिल्ली के भारत मंडपम में हुआ।
  3. मंत्री दुर्गादास उइके ने इस प्लेटफ़ॉर्म का आधिकारिक उद्घाटन किया।
  4. यह जनजातीय संस्कृति के लिए दुनिया का पहला डिजिटल विश्वविद्यालय है।
  5. आदि विश्वविद्यालय 45 इमर्सिव जनजातीय कला पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  6. पाठ्यक्रमों में नृत्य, संगीत, चित्रकला, लोकगीत और शिल्प शामिल हैं।
  7. आदि संपदा 5,000 से अधिक सांस्कृतिक और आजीविका संबंधी दस्तावेज़ों को संरक्षित करती है।
  8. आदि हाट जनजातीय कारीगरों को सीधे खरीदारों से जोड़ता है।
  9. शुरुआत में ट्राइफेड से जुड़ा, जनजातीय ई-मार्केटप्लेस तक विस्तारित।
  10. ट्राइफेड की स्थापना 1987 में जनजातीय विकास के लिए की गई थी।
  11. इस पहल में 15 जनजातीय अनुसंधान संस्थानों ने सहयोग किया।
  12. राज्यों में ओडिशा, गुजरात, तमिलनाडु और केरल शामिल हैं।
  13. यह प्लेटफ़ॉर्म परंपराओं का संरक्षण करता है और डिजिटल आजीविका प्रदान करता है।
  14. यह पहल प्रौद्योगिकी को जनजातीय ज्ञान प्रणालियों से जोड़ती है।
  15. भारत में 700 से अधिक जनजातीय समूह रहते हैं (जनगणना 2011)।
  16. भारत की जनजातीय आबादी कुल जनसंख्या का लगभग6% है।
  17. आदि संस्कृति को आदि वाणी एआई अनुवादक के साथ जोड़ा गया है।
  18. यह पहल कारीगरों की गरिमा और डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देती है।
  19. यह शिक्षा, अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक संरक्षण को मज़बूत करती है।
  20. डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र परंपरा को आधुनिक अवसरों के साथ जोड़ता है।

Q1. 2025 में शुरू किए गए आदि संस्कृति डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म की विशेषता क्या है?


Q2. आदि संस्कृति प्लेटफॉर्म की शुरुआत किस मंत्रालय ने की है?


Q3. प्लेटफॉर्म के भीतर ‘आद हाट’ (Ad Haat) का उद्देश्य क्या है?


Q4. ‘आद संपदा’ (Ad Sampada) में कितने संकलित दस्तावेज उपलब्ध हैं?


Q5. इस पहल में कितने राज्यों के जनजातीय अनुसंधान संस्थान (TRIs) भाग ले रहे हैं?


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