जुलाई 19, 2025 12:25 अपराह्न

आदि कर्मयोगी पहल: जनजातीय कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन को नई दिशा

समसामयिक मामले: जनजातीय कल्याण वितरण को बढ़ावा देने के लिए आदि कर्मयोगी पहल की शुरूआत, आदि कर्मयोगी, जनजातीय मामलों का मंत्रालय, आदि अन्वेषण सम्मेलन, जुएल ओराम, जनजातीय योजना कार्यान्वयन, वाणिज्य भवन दिल्ली, जनजातीय सेवा वितरण सुधार, जनजातीय योजना निष्पादन, कर्मयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रम, जनजातीय विकास अधिकारी

Adi Karmyogi initiative launched to boost tribal welfare delivery

अंतिम छोर तक योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करना

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने देशभर में जनजातीय कल्याण योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए आदि कर्मयोगीपहल की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम नई दिल्ली के वाणिज्य भवन में आयोजित आदि अन्वेषण सम्मेलन के दौरान लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य नई योजनाएं लाना नहीं बल्कि मौजूदा योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना है।

इस कार्यक्रम का मुख्य फोकस अधिकारियों में जिम्मेदारी की भावना, सहानुभूति और नवाचार को बढ़ावा देना है, ताकि जनजातीय समुदायों तक सेवाओं की समय पर और प्रभावी आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

अफसरशाही में सुधार की दिशा में पहल

सम्मेलन में यह स्वीकार किया गया कि योजनाओं की असफलता का कारण उनकी कमी नहीं, बल्कि अधिकारियों की निष्क्रियता है। आदि कर्मयोगी का लक्ष्य है ऐसे प्रशिक्षित, प्रेरित और सेवाभाव रखने वाले अधिकारियों की एक नई पीढ़ी तैयार करना, जो जनताकेंद्रित प्रशासन की ओर बढ़े।

देशव्यापी प्रशिक्षण ढांचा

इस पहल के अंतर्गत सरकार ने तीन स्तरों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना बनाई है:

  • 180 राज्य स्तरीय प्रशिक्षक
  • 3,000+ जिला स्तरीय प्रशिक्षक
  • 15,000+ ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षक

इसके माध्यम से 20 लाख से अधिक जमीनी स्तर के हितधारकों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है, जिसमें फ्रंटलाइन वर्कर्स, पंचायत अधिकारी, जनजातीय कल्याण कर्मचारी और प्रशासकीय कार्मिक शामिल होंगे।

जमीनी फीडबैक से मिली प्रेरणा

इस योजना की प्रेरणा आदि अन्वेषण सम्मेलनमें मिले फील्ड इनपुट से मिली। इसमें सामने आया कि कई जनजातीय योजनाएं अच्छी तरह डिज़ाइन की गई हैं, लेकिन उनका लाभ अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुँच पाता, क्योंकि अधिकारियों में इच्छाशक्ति की कमी होती है।

केंद्रीय मंत्री जुएल उराम ने इस बात पर ज़ोर दिया कि हमें जनजातीय क्षेत्रों में समर्पित और जिम्मेदार अधिकारियों कीएक नई जनजातितैयार करनी होगी, जो स्वास्थ्य, शिक्षा और मूलभूत सेवाओं को प्रभावी ढंग से लागू करें।

प्रशासनिक सोच में बदलाव

आदि कर्मयोगीपहल का उद्देश्य महज़ औपचारिक प्रशासन को बदलकर सहानुभूतिपूर्ण और उत्तरदायी प्रशासन में तब्दील करना है। यह अधिकारियों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार नवाचार के लिए प्रेरित करेगा, और उन्हें जनजातीय समुदायों के साथ सहयोग कर योजनाएं लागू करने की दिशा में मार्गदर्शन देगा।

स्थैतिक जीके तथ्य: भारत सरकार ने जनजातीय कार्य मंत्रालय की स्थापना 1999 में की थी ताकि अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक और आर्थिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जा सके।

स्थैतिक जीके टिप: भारत में 700 से अधिक जनजातीय समुदाय हैं, जो देश की कुल आबादी का 8.6% हिस्सा बनाते हैं (जनगणना 2011 के अनुसार)।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
कार्यक्रम का नाम आदि कर्मयोगी
किसने शुरू किया जनजातीय कार्य मंत्रालय
घोषणा स्थान आदि अन्वेषण सम्मेलन, वाणिज्य भवन, नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री जुएल उराम
लक्षित लाभार्थी 20 लाख+ जमीनी हितधारक
प्रशिक्षक श्रेणियाँ 180 राज्य, 3,000+ जिला, 15,000+ ब्लॉक
मुख्य मुद्दा योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रेरणा की कमी
स्थैतिक जीके – मंत्रालय जनजातीय कार्य मंत्रालय, स्थापित 1999
स्थैतिक जीके – जनजातीय आबादी 8.6% (जनगणना 2011)
दीर्घकालिक लक्ष्य नागरिक-केंद्रित, सहानुभूतिपूर्ण जनजातीय सेवा प्रणाली

Adi Karmyogi initiative launched to boost tribal welfare delivery
  1. आदि कर्मयोगी जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा जनजातीय योजना कार्यान्वयन में सुधार के लिए एक नई पहल है।
  2. इसे वाणिज्य भवन, नई दिल्ली में आदि अन्वेषण सम्मेलन में लॉन्च किया गया।
  3. कार्यक्रम नई योजनाओं को शुरू करने पर नहीं, बल्कि वितरण में सुधार पर केंद्रित है।
  4. इसका उद्देश्य जनजातीय शासन में जवाबदेही, सहानुभूति और नवाचार के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित करना है।
  5. पहचान की गई मुख्य समस्या कार्यान्वयन विफलता है, न कि योजना की कमी।
  6. इस पहल से 20 लाख से अधिक जमीनी स्तर के हितधारक प्रभावित होंगे।
  7. इस योजना में 180 राज्य, 3,000+ जिला और 15,000+ ब्लॉक-स्तरीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करना शामिल है।
  8. फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, आदिवासी कल्याण अधिकारी और पंचायत अधिकारी मुख्य लाभार्थी हैं।
  9. केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम ने प्रतिबद्ध कर्मियों की आवश्यकता पर बल दिया।
  10. इसका लक्ष्य जनजातीय विकास के लिए उद्देश्य-संचालित नौकरशाही कैडर का निर्माण करना है।
  11. आदि कर्मयोगी यांत्रिक प्रशासन की तुलना में नागरिक-केंद्रित शासन को बढ़ावा देता है।
  12. अधिकारियों को स्थानीय जनजातीय आवश्यकताओं के आधार पर नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  13. इस पहल को आदि अन्वेषण सम्मेलन से क्षेत्र-स्तरीय अंतर्दृष्टि द्वारा आकार दिया गया था।
  14. भारत में 700 से अधिक जनजातीय समुदाय हैं, जो जनसंख्या का6% हिस्सा हैं (जनगणना 2011)।
  15. जनजातीय मामलों के मंत्रालय की स्थापना 1999 में जनजातीय विकास पर केंद्रित करने के लिए की गई थी।
  16. जनजातीय क्षेत्रों को अक्सर योजना कार्यान्वयन में स्वामित्व की कमी के कारण नुकसान उठाना पड़ता है।
  17. कार्यक्रम का उद्देश्य शासन में दृष्टिकोण और कार्यात्मक अंतराल को सुधारना है।
  18. यह जनजातीय क्षेत्रों में सहानुभूतिपूर्ण सेवा वितरण के महत्व पर जोर देता है।
  19. आदि कर्मयोगी भारतीय नौकरशाही में व्यापक कर्मयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रम के अनुरूप है।
  20. यह पहल निष्क्रिय शासन से सक्रिय, जमीनी स्तर की भागीदारी की ओर बदलाव का प्रतीक है।

Q1. जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू की गई 'आदि कर्मयोगी' पहल का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q2. 'आदि कर्मयोगी' कार्यक्रम की शुरुआत किस सम्मेलन में हुई थी?


Q3. 'आदि कर्मयोगी' की शुरुआत से जुड़े केंद्रीय मंत्री कौन हैं?


Q4. 'आदि कर्मयोगी' पहल के माध्यम से लगभग कितने जमीनी स्तर के हितधारकों को सशक्त किया जाएगा?


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