अकाउंट एग्रीगेटर की तेज़ वृद्धि
भारत का अकाउंट एग्रीगेटर (AA) ढांचा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनकर उभर रहा है। 2021 में शुरू हुआ यह सिस्टम अब तक 112 मिलियन पंजीकृत उपयोगकर्ताओं तक पहुँच चुका है। इतनी तेज़ी से अपनाया जाना दर्शाता है कि भारतीय नागरिक सुरक्षित वित्तीय डेटा शेयरिंग के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भरोसा कर रहे हैं।
Static GK तथ्य: भारत का AA ढांचा दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते सहमति-आधारित डेटा शेयरिंग मॉडलों में से एक माना जाता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक की भूमिका
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) देश में अकाउंट एग्रीगेटर्स को विनियमित और लाइसेंस प्रदान करता है। इन्हें NBFC-Account Aggregators (NBFC-AA) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये संस्थाएँ मध्यस्थ की भूमिका निभाती हैं ताकि व्यक्ति और व्यवसाय सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से अपना वित्तीय डेटा साझा कर सकें।
Static GK तथ्य: RBI की स्थापना 1935 में हुई थी और इसे 1949 में राष्ट्रीयकृत किया गया।
अकाउंट एग्रीगेटर कैसे काम करता है
यह ढांचा उपयोगकर्ताओं को अपने वित्तीय डेटा पर पूरा नियंत्रण देता है। उपयोगकर्ता की सहमति से AA बैंक, बीमा कंपनियों, पेंशन फंड और अन्य वित्तीय संस्थानों से जानकारी इकट्ठा कर अधिकृत वित्तीय सेवा प्रदाताओं को साझा करता है। यह प्रणाली डेटा सशक्तिकरण को मजबूत करते हुए गोपनीयता की रक्षा करती है।
Static GK तथ्य: AA सिस्टम डेटा एंपावरमेंट एंड प्रोटेक्शन आर्किटेक्चर (DEPA) पर आधारित है, जिसे नीति आयोग ने पेश किया था।
उपभोक्ताओं और अर्थव्यवस्था के लिए लाभ
व्यक्तिगत स्तर पर AA से लोन आवेदन, क्रेडिट असेसमेंट और व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन सरल हो जाता है। छोटे व्यवसायों के लिए यह सत्यापित वित्तीय डेटा को सुरक्षित रूप से साझा करके वर्किंग कैपिटल तक पहुँच आसान बनाता है। इससे कागज़ी काम घटता है और फिनटेक इकोसिस्टम में फैसले तेज़ी से लिए जाते हैं।
Static GK तथ्य: भारत में 7,400 से अधिक फिनटेक कंपनियाँ हैं, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े फिनटेक हब में से एक बनाती हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
AA का विस्तार भारत की उस बड़ी दृष्टि के अनुरूप है जिसमें UPI और आधार जैसी विश्वसनीय डिजिटल प्रणालियाँ बनाई गई हैं। जैसे-जैसे और वित्तीय संस्थाएँ जुड़ेंगी, AA नेटवर्क क्रेडिट तक पहुँच, वित्तीय समावेशन और डिजिटल अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा देगा।
Static GK तथ्य: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) 2016 में NPCI द्वारा लॉन्च किया गया था और आज यह हर महीने अरबों लेन-देन करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
अकाउंट एग्रीगेटर लॉन्च वर्ष | 2021 |
नियामक प्राधिकरण | भारतीय रिज़र्व बैंक |
मौजूदा उपयोगकर्ता संख्या | 112 मिलियन |
RBI वर्गीकरण | NBFC-Account Aggregator |
मुख्य संरचना | DEPA (डेटा एंपावरमेंट एंड प्रोटेक्शन आर्किटेक्चर) |
प्रमुख लाभ | सहमति-आधारित वित्तीय डेटा शेयरिंग |
क्षेत्रीय कवरेज | बैंक, बीमा, पेंशन, म्यूचुअल फंड |
अर्थव्यवस्था में भूमिका | क्रेडिट तक पहुँच और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना |
अन्य डिजिटल ढांचे से संबंध | UPI, आधार, डिजिलॉकर |
भारत की स्थिति | विश्व के सबसे तेज़ी से बढ़ते AA सिस्टम में से एक |