जुलाई 18, 2025 8:42 पूर्वाह्न

बैराबी सैरांग रेलवे लाइन आइजोल को भारतीय रेलवे के करीब लाती है

करेंट अफेयर्स: बैराबी-सैरांग रेल परियोजना, होर्टोकी से सैरांग रेलवे लाइन, मिजोरम रेलवे कनेक्टिविटी, रेल मंत्रालय पूर्वोत्तर परियोजनाएं, रेलवे सुरक्षा आयोग की मंजूरी 2025, पूर्वोत्तर राजधानी कनेक्टिविटी, मिजोरम में रेलवे परियोजनाएं, आइजोल रेलवे एक्सेस, सीआरएस स्पीड ट्रायल मिजोरम

Bairabi Sairang Railway Line Brings Aizawl Closer to Indian Railways

मिज़ोरम के लिए एक नई रेलवे जीवनरेखा

भारत के सबसे सुंदर और दुर्गम राज्यों में से एक, मिज़ोरम को अब भारतीय रेलवे नेटवर्क से सीधा जोड़ा जा चुका है। होर्टोकी से सैरांग तक की नई रेल लाइन को रेलवे सुरक्षा आयोग (CRS) से स्वीकृति मिल गई है। यह रूट मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल को पहली बार भारत की मुख्य रेल व्यवस्था से जोड़ता है। इस उपलब्धि के साथ बैराबीसैरांग रेल परियोजना का 51.38 किमी लंबा अंतिम खंड पूरा हुआ है।

परियोजना की संरचना और इंजीनियरिंग विशेषताएँ

यह परियोजना 48 सुरंगों और 55 बड़े पुलों से युक्त है, जो मिज़ोरम की पहाड़ी भौगोलिक परिस्थितियों से गुजरती है। ब्रिज नंबर 196, जिसकी ऊँचाई 104 मीटर है, भारत की ऐतिहासिक कुतुब मीनार से भी 42 मीटर ऊँचा है। परियोजना को चार खंडों में बाँटा गया था—बैराबीहोर्टोकी, होर्टोकीकौनपुई, कौनपुईमुआलखांग और मुआलखांगसैरांग—जिससे कठिन इलाकों में कार्य तेज़ और सुव्यवस्थित हुआ।

सीआरएस निरीक्षण और सुरक्षा अनुमोदन

6 जून से 10 जून 2025 के बीच CRS टीम ने होर्टोकी से सैरांग तक के 33.86 किमी खंड का गहन निरीक्षण किया। टीम ने मोटर ट्रॉली से और पैदल चलकर सुरक्षा मानकों की समीक्षा की। इसके बाद एक डीजल इंजन द्वारा स्पीड ट्रायल किया गया, जिसमें अधिकतम 90 किमी/घंटा की गति से ट्रेनों के संचालन की अनुमति दी गई।

मिज़ोरम के लिए कनेक्टिविटी में बढ़त

इस परियोजना से पहले बैराबी मिज़ोरम का एकमात्र रेलवे स्टेशन था। अब सैरांग से आइज़ोल की दूरी केवल 20 किमी रह गई है, जिससे यात्रा और माल परिवहन दोनों के लिए सुविधा बढ़ेगी। यह खास तौर पर भूमिबद्ध राज्य मिज़ोरम के लिए महत्वपूर्ण है, जिसकी अर्थव्यवस्था बाहर से व्यापार और आपूर्ति पर निर्भर है।

पूर्वोत्तर विकास के बड़े दृष्टिकोण का हिस्सा

यह परियोजना रेल मंत्रालय के उस मिशन का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत पूर्वोत्तर के हर राज्य की राजधानी को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाना हैअसम, नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में पहले से कई परियोजनाएँ चल रही हैं। हालांकि, मेघालय में कुछ स्थानीय विरोध के चलते प्रगति धीमी है।

निवेश और भविष्य की दिशा

अप्रैल 2024 तक, पूर्वोत्तर में कुल 18 रेलवे परियोजनाएँ सक्रिय हैं, जिनकी कुल लंबाई 1,368 किमी है। इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत ₹74,972 करोड़ है, और अब तक 313 किमी ट्रैक चालू हो चुका है। ये योजनाएँ क्षेत्रीय व्यापार, पर्यटन और समावेशी विकास को बढ़ावा देंगी, और भारत के संतुलित अधोसंरचना विस्तार के दृष्टिकोण को साकार करेंगी।

Static Usthadian Current Affairs Table

परियोजना नाम बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन
कुल लंबाई 51.38 किमी
सुरंग और पुल 48 सुरंगें, 55 बड़े पुल
सबसे ऊँचा पुल ब्रिज 196 – 104 मीटर
लाभार्थी राजधानी आइज़ोल, मिज़ोरम
अंतिम अनुमोदित खंड होर्टोकी से सैरांग
सीआरएस निरीक्षण अवधि 6 जून – 10 जून 2025
अनुमत अधिकतम गति 90 किमी/घंटा
शामिल राज्य (राजधानी लिंक योजना) असम, नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मिज़ोरम
कुल पूर्वोत्तर परियोजनाएँ 18
अनुमानित लागत ₹74,972 करोड़
चालू ट्रैक 313 किमी

 

Bairabi Sairang Railway Line Brings Aizawl Closer to Indian Railways
  1. मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल अब बैराबीसैरांग रेलवे लाइन के माध्यम से भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ गई है।
  2. इस परियोजना का अंतिम खंड होर्टोकी से सैरांग (33.86 किमी) अब चालू हो चुका है।
  3. पूरी रेलवे लाइन की लंबाई38 किमी है, जो मिज़ोरम की पहाड़ी ज़मीन को पार करती है।
  4. रेलवे संरक्षा आयोग (CRS) ने जून 2025 में विस्तृत निरीक्षणों के बाद इस मार्ग को मंज़ूरी दी।
  5. डीज़ल इंजन की स्पीड ट्रायल में 90 किमी/घंटा की रफ्तार से सफल संचालन सिद्ध हुआ।
  6. परियोजना में 48 सुरंगें और 55 बड़े पुल शामिल हैं, जो उत्कृष्ट इंजीनियरिंग का प्रदर्शन करते हैं।
  7. पुल संख्या 196 की ऊंचाई 104 मीटर है, जो कुतुब मीनार से 42 मीटर ऊँचा है।
  8. परियोजना को चार खंडों में बाँटा गया था ताकि कार्य सुचारू रूप से हो सके।
  9. सैरांग आइज़ोल से सिर्फ़ 20 किमी दूर है, जिससे दैनिक यात्रा और माल परिवहन में सुधार होगा।
  10. इस विस्तार से पहले, मिज़ोरम में केवल बैराबी ही एकमात्र रेलवे स्टेशन था।
  11. यह परियोजना मिज़ोरम जैसे भूमिबद्ध राज्य की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को सशक्त बनाती है।
  12. यह लाइन रेल मंत्रालय की योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर की सभी राजधानियों को रेलवे से जोड़ना है।
  13. असम, नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी ऐसी ही रेल परियोजनाएँ चल रही हैं।
  14. मेघालय की रेल परियोजना को स्थानीय विरोध के चलते देरी का सामना करना पड़ रहा है।
  15. अप्रैल 2024 तक, पूर्वोत्तर क्षेत्र में 18 सक्रिय रेल परियोजनाएं हैं।
  16. इन परियोजनाओं की कुल लंबाई 1,368 किमी है और अनुमानित लागत ₹74,972 करोड़ है।
  17. अब तक 313 किमी रेल लाइन का निर्माण और संचालन हो चुका है।
  18. इन परियोजनाओं का उद्देश्य व्यापार, पर्यटन और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।
  19. रेलवे विस्तार समावेशी अवसंरचना विकास का समर्थन करता है।
  20. पूर्वोत्तर रेलवे मिशन का मुख्य उद्देश्य संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित करना है।

Q1. बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन परियोजना की कुल लंबाई कितनी है?


Q2. बैराबी-सैरांग रेल परियोजना में कौन सा पुल कुतुब मीनार से ऊँचा है?


Q3. नए हॉर्टोकी से सैरांग मार्ग पर ट्रेनों की स्वीकृत अधिकतम गति क्या है?


Q4. रेलवे संरक्षा आयोग (CRS) ने हॉर्टोकी-सैरांग खंड पर निरीक्षण कब किया?


Q5. अप्रैल 2024 तक उत्तर-पूर्व भारत में कितनी सक्रिय रेलवे परियोजनाएं थीं?


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