जुलाई 20, 2025 12:45 अपराह्न

दक्षिण प्रशांत में एक साथ तीन चक्रवात: मौसम वैज्ञानिकों को चौंकाने वाली घटना

वर्तमान मामले: दक्षिण प्रशांत चक्रवात 2025, चक्रवात राय फिजी क्षति, चक्रवात अल्फ्रेड श्रेणी 3, चक्रवात सेरू वानुअतु पूर्वानुमान, ला नीना 2025 मौसम प्रभाव, जलवायु परिवर्तन चक्रवात तीव्रता, मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन चक्रवात ट्रिगर

Triple Cyclone Event in South Pacific Stuns Meteorologists

दुर्लभ त्रैतीय चक्रवात घटना

फरवरी 2025 में, दक्षिण प्रशांत महासागर के ऊपर एक दुर्लभ प्राकृतिक घटना देखी गई, जब तीन उष्णकटिबंधीय चक्रवातरे, सेरु और अल्फ्रेड—एक साथ सक्रिय हो गए। यह घटना ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट के पास घटित हो रही है और मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यह चक्रवात मौसम के चरम बिंदु पर हुआ है। इस असाधारण संयोग ने वैश्विक जलवायु प्रणाली की जटिलता को उजागर किया है।

चक्रवातों की तीव्रता और प्रभाव

चक्रवात अल्फ्रेड इन तीनों में सबसे तीव्र है और श्रेणी-3 (Category 3) तक पहुँच चुका है, जिसकी हवा की गति 185 किमी/घंटा है। हालांकि यह अभी समुद्र में ही बना हुआ है। चक्रवात रे ने फिजी में फलों की फसलों को नुकसान पहुँचाया है और भारी वर्षा हुई है। वहीं, चक्रवात सेरु वानुअतु के पास से गुज़रने की संभावना है, परंतु इसके तटीय क्षेत्रों पर टकराने की आशंका कम है।

इतिहास में पूर्व घटनाएँ और जलवायु संकेत

तीन चक्रवातों का एक साथ बनना दुर्लभ है, लेकिन इससे पहले जनवरी 2021 में लुकास, आना और बीना नामक तीन चक्रवातों की समान स्थिति देखी गई थी। यह रुझान बताता है कि जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक परिघटनाएँ जैसे ला नीना और मैडनजूलियन ऑस्सिलेशन (MJO) चक्रवात की गतिविधियों को जटिल बनाते जा रहे हैं।

जलवायु परिवर्तन और चक्रवातों की तीव्रता

2024 में रिकॉर्ड तोड़ समुद्री तापमान दर्ज किया गया, जो उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के बनने में मुख्य भूमिका निभाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि वैश्विक तापवृद्धि चक्रवातों की संख्या को तो नहीं बढ़ाती, लेकिन उनकी तीव्रता और दीर्घकालिक प्रभाव को ज़रूर बढ़ाती है। अब चक्रवात ज़मीन पर धीमी गति से चलते हैं, जिससे भारी वर्षा और अधिक तबाही होती है।

ला नीना बनाम मैडन-जूलियन ऑस्सिलेशन (MJO)

इस त्रैतीय चक्रवात स्थिति ने वैज्ञानिकों को हैरान किया है क्योंकि यह ला नीना वर्ष में घटित हो रही है, जो सामान्यतः समुद्री सतह को ठंडा करके चक्रवात गतिविधियों को कम करता है। परंतु मैडनजूलियन ऑस्सिलेशन नामक जलवायु परिघटना, जो 30–60 दिनों के अंतराल पर वर्षा और वायुमंडलीय वृद्धि को प्रभावित करती है, ने इस प्रभाव को पलट दिया और चक्रवात निर्माण को सक्रिय कर दिया।

बढ़ते पूर्वानुमान जटिलता

तीन चक्रवातों का एक साथ बनना यह दर्शाता है कि भले ही उपग्रह तकनीक और मौसम मॉडल उन्नत हुए हों, परंतु जलवायु प्रणाली अभी भी जटिल और अनिश्चित है। कई अंतर्संबंधित प्रक्रियाएं आज भी विज्ञान की समझ से परे हैं, इसलिए मौसम पूर्वानुमान में और अधिक शोध की आवश्यकता है।

STATIC GK SNAPSHOT – प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु जानकारी सारांश

विषय तथ्य
सक्रिय चक्रवात (फरवरी 2025) रे, सेरु, अल्फ्रेड
सबसे तीव्र चक्रवात अल्फ्रेड – श्रेणी 3, 185 किमी/घंटा
प्रभावित देश फिजी (रे से क्षति)
पूर्वानुमानित मार्ग सेरु वानुअतु के पास से गुज़रेगा
पिछली समान घटना जनवरी 2021 – लुकास, आना, बीना
2025 में जलवायु पैटर्न ला नीना (शीतल प्रभाव, परंतु निष्क्रिय)
सक्रिय ट्रिगर मैडन-जूलियन ऑस्सिलेशन (MJO)
रिकॉर्ड समुद्री तापमान वर्ष 2024 – अब तक का उच्चतम
मुख्य जलवायु चिंता तीव्र, धीमी गति वाले चक्रवातों में वृद्धि

 

Triple Cyclone Event in South Pacific Stuns Meteorologists
  1. फरवरी 2025 में, रे, सेरु और अल्फ्रेड नामक तीन चक्रवात एक साथ दक्षिण प्रशांत में बने।
  2. चक्रवात अल्फ्रेड सबसे तीव्र रहा, जो श्रेणी 3 तक पहुँचा और 185 किमी/घंटा की हवा चली।
  3. चक्रवात रे ने फिजी में दस्तक दी, जिससे फल उत्पादन को नुकसान हुआ और भारी वर्षा हुई।
  4. चक्रवात सेरु के वनुआतू के पास से गुजरने की संभावना है, लेकिन यह किनारे से दूर रह सकता है।
  5. यह तीनहरा चक्रवात गठन एक दुर्लभ मौसमीय घटना है, जो पहले जनवरी 2021 में देखी गई थी।
  6. 2021 में, लुकास, एना, और बिना एक साथ बने थे — एक ऐतिहासिक मिसाल।
  7. 2024 में महासागरों का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर रहा, जिससे चक्रवातों की तीव्रता बढ़ी।
  8. जलवायु परिवर्तन से विश्वभर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की शक्ति और अवधि बढ़ रही है।
  9. विशेषकर श्रेणी 3 और उससे ऊपर के तेज तूफान अब अधिक बार आ रहे हैं।
  10. जो चक्रवात धीमी गति से ज़मीन पर चलते हैं, वे अधिक नुकसान और लंबी बाढ़ का कारण बनते हैं।
  11. यह घटना ला नीना चरण के दौरान हुई, जो आमतौर पर चक्रवात गठन को दबाता है।
  12. मैडेनजूलियन दोलन (MJO) की उपस्थिति ने तूफानी गतिविधि को बढ़ावा दिया।
  13. MJO एक 30–60 दिन का मौसम चक्र है जो चढ़ती हवा और वर्षा को प्रोत्साहित करता है।
  14. ला नीना और MJO का विरोधाभास मौसम पूर्वानुमान को और अधिक जटिल बना रहा है।
  15. बेहतर सैटेलाइट तकनीक के बावजूद, उष्णकटिबंधीय मौसम अभी भी अनिश्चित और अराजक है।
  16. मौसम वैज्ञानिक अब जलवायुप्रेरित चक्रवात अस्थिरता को लेकर चिंतित हैं।
  17. दक्षिण प्रशांत चक्रवात सीजन अब इस दुर्लभ तिहरी घटना के साथ चरम पर है।
  18. फिजी की कृषि और तटीय अवसंरचना पर पहले प्रभाव देखे गए।
  19. वैज्ञानिक समुदाय अब जलवायु गतिकी और चक्रवात निर्माण पर और अधिक शोध की माँग कर रहा है।
  20. Static GK: तीनहरे चक्रवात (रे, सेरु, अल्फ्रेड), अल्फ्रेड श्रेणी 3, ला नीना + MJO प्रभाव, 2024 महासागर तापमान रिकॉर्ड

Q1. 2025 में दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में एक साथ कौन-से तीन चक्रवात बने थे?


Q2. किस चक्रवात ने 185 किमी/घंटा की गति के साथ कैटेगरी 3 की ताकत प्राप्त की?


Q3. ला नीना की स्थिति के बावजूद चक्रवातों की गतिविधि को बढ़ावा देने वाली मौसम प्रणाली कौन-सी है?


Q4. 2025 में चक्रवात राए से किस देश को नुकसान हुआ?


Q5. गर्म होते महासागरों और चक्रवातों से जुड़ी प्रमुख जलवायु चिंता क्या है?


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