जुलाई 19, 2025 1:21 पूर्वाह्न

CDSCO ने ‘सुगम पोर्टल’ को किया अपडेट: क्लीनिकल ट्रायल डिजिटलीकरण और ब्रांड नाम पारदर्शिता में सुधार

करेंट अफेयर्स: सीडीएससीओ सुगम पोर्टल 2025, ऑनलाइन क्लिनिकल ट्रायल अप्रूवल इंडिया, ब्रांड नाम विनियमन ड्रग्स, एनएचआरसी प्रिस्क्रिप्शन त्रुटि अलर्ट, ड्रग कंसल्टेटिव कमेटी डीसीसी, फॉर्म 51 ब्रांड अधिकार, जैविक उत्पाद परीक्षण सीडीएससीओ

CDSCO Upgrades Sugam Portal: Boost to Clinical Trial Digitisation and Brand Name Clarity

क्या है ‘सुगम पोर्टल’ और इसमें बदलाव क्यों हुआ?

सुगम पोर्टल भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) द्वारा प्रबंधित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जहाँ दवा निर्माता लाइसेंस और नियामक मंज़ूरी के लिए आवेदन करते हैं। हाल ही में इसमें अपडेट किया गया है ताकि जैविक उत्पादों (जैसे वैक्सीन, rDNA आधारित दवाएं) के क्लीनिकल ट्रायल साइट जोड़ने और प्रमुख जांचकर्ताओं (PIs) में बदलाव के लिए ऑनलाइन आवेदन संभव हो सके। यह परिवर्तन CDSCO के नियामक प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण के लक्ष्य के अनुरूप है।

क्लीनिकल ट्रायल आवेदन की नई सुविधाएं

दिसंबर 2024 से, CDSCO ने कुछ दवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करना शुरू किया था। अब यह सुविधा जैविक उत्पादों तक विस्तारित की गई है। यदि 30 दिनों के भीतर कोई आपत्ति नहीं आती है, तो साइट जोड़ने का आवेदन स्वतः स्वीकृत माना जाएगा। इसी तरह, यदि PI परिवर्तन पूर्व निर्धारित चेकलिस्ट के अनुसार है, तो वह भी डिफ़ॉल्ट रूप से स्वीकृत होगा।

CDSCO की डिजिटलीकरण पहल

यह विकास CDSCO की डिजिटल ट्रांजिशन योजना का हिस्सा है। इससे पहले, सुरक्षा रिपोर्ट (PSUR) और अन्य दस्तावेजों की ऑनलाइन सबमिशन प्रणाली भी शुरू की गई थी। इस बदलाव से मानव त्रुटियों में कमी, तेज़ प्रक्रिया और सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।

ब्रांड नाम स्पष्टता पर DCC का प्रस्ताव

दवा परामर्श समिति (DCC) ने पोर्टल में ब्रांड नाम डेटाबेस जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। इससे एक जैसे या मिलतेजुलते ब्रांड नामों के कारण होने वाली दुविधा को रोका जा सकेगा। Form 51 भरने वाला पहला आवेदक उस नाम के विशेषाधिकार का हकदार होगा। इससे डुप्लिकेशन, मेडिकल एरर और रोगी भ्रम को कम किया जा सकेगा।

मानवाधिकार आयोग ने उठाई चिंता

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने चेतावनी दी है कि एक जैसे ब्रांड नामों वाली दवाएं मरीजों की जान को खतरे में डाल सकती हैं। इससे प्रिस्क्रिप्शन में भ्रम होता है और गलत दवा दी जा सकती है। NHRC ने सरकार से रिपोर्ट मांगी है कि मरीज सुरक्षा बढ़ाने के लिए क्या कदम लिए जा रहे हैं।

भविष्य की दिशा

CDSCO भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर सभी ब्रांड नामों का डेटाबेस बनाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए राज्य औषधि नियंत्रकों के सहयोग की आवश्यकता होगी। साथ ही, CDSCO प्रिस्क्रिप्शन एरर के डेटा रिकॉर्ड को बनाए रखने और सार्वजनिक स्वास्थ्य जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में भी काम करेगा।

STATIC GK SNAPSHOT – प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जानकारी सारांश

विषय तथ्य
पोर्टल का नाम सुगम पोर्टल
नियामक संस्था केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO)
नई ऑनलाइन सुविधा (2025) जैविक दवाओं के लिए ट्रायल साइट और PI परिवर्तन
डिफ़ॉल्ट मंज़ूरी नियम 30 दिन में आपत्ति न होने पर साइट स्वीकृति
ब्रांड नाम प्रस्ताव दवा परामर्श समिति (DCC) द्वारा
ब्रांड अधिकार फॉर्म Form 51
NHRC चिंता मिलते-जुलते नामों से प्रिस्क्रिप्शन एरर
सम्बंधित औषधि निगरानी उदाहरण डाइक्लोफेनाक प्रतिबंध – 2006 (गिद्ध मृत्यु रोकथाम हेतु)
डिजिटलीकरण लक्ष्य पूर्ण ऑनलाइन स्वीकृति प्रणाली और राष्ट्रीय ब्रांड डेटाबेस
CDSCO Upgrades Sugam Portal: Boost to Clinical Trial Digitisation and Brand Name Clarity
  1. सुगम पोर्टल, CDSCO का डिजिटल मंच है जो दवा नियामक मंज़ूरी के लिए कार्य करता है।
  2. दिसंबर 2024 से पोर्टल पर जैविक दवा परीक्षणों के लिए ऑनलाइन अपडेट स्वीकार किए जाने लगे।
  3. नए फीचर्स में क्लिनिकल ट्रायल साइट्स जोड़ना और प्रधान अन्वेषक (PI) बदलना शामिल हैं।
  4. यदि 30 दिनों में कोई विनियामक आपत्ति नहीं आती, तो साइट जोड़ना स्वतः स्वीकृत हो जाएगा।
  5. CDSCO सभी प्रक्रियाओं को डिजिटल करने की दिशा में अग्रसर है, जिससे पारदर्शिता और गति बढ़े।
  6. पहले के अपडेट्स में PSUR (नियमित सुरक्षा रिपोर्ट) और सुरक्षा दस्तावेजों की ऑनलाइन सबमिशन शामिल थी।
  7. अब यह दायरा rDNA-आधारित दवाओं, टीकों और जैविक उत्पादों तक बढ़ाया गया है।
  8. ड्रग्स कंसल्टेटिव कमिटी (DCC) ने ब्रांड नाम डेटाबेस की सिफारिश की है।
  9. इसका उद्देश्य एक जैसे या मिलते-जुलते दवा ब्रांड नामों से होने वाले भ्रम को रोकना है।
  10. जो पहला आवेदक फॉर्म 51 जमा करेगा, उसे उस ब्रांड नाम पर विशेषाधिकार मिलेगा।
  11. यह प्रणाली प्रिस्क्रिप्शन त्रुटियों को रोकने और ब्रांड स्पष्टता सुनिश्चित करने में सहायक होगी।
  12. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने ब्रांड भ्रम से जुड़ी रोगी सुरक्षा चिंता व्यक्त की है।
  13. NHRC ने विनियामक संस्थाओं से मिलते-जुलते नामों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
  14. CDSCO राज्यों के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय ब्रांड नाम डेटाबेस बनाएगा।
  15. यह पोर्टल मैनुअल कागज़ी काम को कम करता है और रीयल-टाइम ट्रैकिंग को बढ़ावा देता है।
  16. प्रिस्क्रिप्शन त्रुटियाँ, अब सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी के दायरे में हैं।
  17. सुगम पोर्टल का उन्नयन, डिजिटल इंडिया और विनियामक जवाबदेही का समर्थन करता है।
  18. CDSCO, दवा सुरक्षा और प्रिस्क्रिप्शन सटीकता की निगरानी प्रणाली के अनुरूप कार्य कर रहा है।
  19. पहले की एक मिसाल: 2006 में डाइक्लोफेनाक पर प्रतिबंध, जिसने गिद्धों को बचाया
  20. Static GK: CDSCO पोर्टल, फॉर्म 51, NHRC चेतावनी, 2025 ऑनलाइन ट्रायल अपडेट्स

Q1. भारत में दवा स्वीकृति के लिए सुगम पोर्टल का प्रबंधन कौन-सी नियामक संस्था करती है?


Q2. 2025 में सुगम पोर्टल में कौन-सी नई ऑनलाइन सुविधा जोड़ी गई है?


Q3. यदि 30 दिनों में कोई आपत्ति नहीं आती है, तो ट्रायल साइट जोड़ने का आवेदन किस रूप में माना जाएगा?


Q4. ब्रांड नाम अधिकार से किस फॉर्म को जोड़े जाने का प्रस्ताव है?


Q5. समान दवा ब्रांड नामों पर चिंता किस राष्ट्रीय निकाय ने जताई है?


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