भारत की अंतरिक्ष यात्रा के निर्माता
डॉ. के. कस्तूरीरंगन, भारत के सबसे प्रतिष्ठित अंतरिक्ष वैज्ञानिकों में से एक, का 25 अप्रैल 2025 को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। ISRO में उनके नेतृत्व और भारत के पहले चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-1′ की परिकल्पना में उनकी भूमिका के लिए उन्हें अत्यंत सम्मान प्राप्त था। उनका योगदान केवल विज्ञान तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने शिक्षा और पर्यावरण नीति में भी अमूल्य मार्गदर्शन दिया। उनका जीवन और कार्य भारत के वैज्ञानिक और अकादमिक विकास में स्थायी छाप छोड़ गया।
प्रारंभिक जीवन और शैक्षणिक उत्कृष्टता
24 अक्टूबर 1940 को केरल के एर्नाकुलम में जन्मे डॉ. कस्तूरीरंगन ने बॉम्बे विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक और परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 1971 में अहमदाबाद स्थित फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी से उच्च ऊर्जा खगोलशास्त्र में पीएचडी पूरी की। उनके गंभीर शैक्षणिक आधार ने उन्हें विज्ञान और अंतरिक्ष में योगदान के लिए तैयार किया।
ISRO को नई दिशा में ले जाने वाले नेता
1994 से 2003 तक ISRO के चेयरमैन रहते हुए, उन्होंने संस्था को तकनीकी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने PSLV को सफलतापूर्वक ऑपरेशनल किया और GSLV की प्रारंभिक परीक्षण उड़ानों की निगरानी की। ये प्रक्षेपण प्रणालियाँ भारत की अंतरिक्ष आत्मनिर्भरता की रीढ़ बन गईं और आगे के ग्रहों तक मिशनों के लिए आधार तैयार किया।
चंद्रयान-1: भारत की क्षमताओं को नई पहचान
1999 में डॉ. कस्तूरीरंगन ने चंद्रयान-1 की संकल्पना प्रस्तुत की, जो 2008 में लॉन्च हुआ। इस मिशन ने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की खोज कर वैश्विक चंद्र अनुसंधान में क्रांति ला दी। यह मिशन भारत के वैज्ञानिक सामर्थ्य का प्रतीक बन गया और भारत को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मंच पर मजबूती से स्थापित किया।
शिक्षा सुधारक, नीति निर्माता और पर्यावरण समर्थक
अंतरिक्ष विज्ञान के बाहर भी उन्होंने राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप में और योजना आयोग के सदस्य के रूप में योगदान दिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मसौदे की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन की नींव रखी। इसके अलावा, उन्होंने पश्चिमी घाट संरक्षण रिपोर्ट का भी नेतृत्व किया, जो विकास और पारिस्थितिक संतुलन के बीच समन्वय का प्रयास था।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश (STATIC GK SNAPSHOT)
श्रेणी | विवरण |
नाम | डॉ. के. कस्तूरीरंगन |
जन्मतिथि | 24 अक्टूबर 1940 |
निधन | 25 अप्रैल 2025 |
ISRO कार्यकाल | चेयरमैन (1994–2003) |
प्रमुख मिशन | चंद्रयान-1 प्रस्तावित (लॉन्च: 2008) |
शिक्षा | B.Sc., M.Sc. (भौतिकी, बॉम्बे विश्वविद्यालय); PhD (PRL, अहमदाबाद) |
शिक्षा सुधार | NEP 2020 समिति के अध्यक्ष |
राज्यसभा कार्यकाल | मनोनीत सदस्य (2003) |
पुरस्कार | पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण |
प्रमुख नीति भूमिकाएँ | योजना आयोग सदस्य, पश्चिमी घाट रिपोर्ट अध्यक्ष |