प्रायद्वीपीय भारत में पहली बार दर्ज हुआ दुर्लभ पक्षी का घोंसला बनाना
ब्लू–चीक्ड बी ईटर (Merops persicus) नामक दुर्लभ पक्षी ने भारत के प्रायद्वीपीय भाग में पहली बार प्रजनन किया है। यह ऐतिहासिक खोज तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में स्थित आंडीविलाई साल्टपैन्स में की गई, जो मनकुडी मैन्ग्रोव्स के पास है। अब तक यह पक्षी केवल प्रवासी या शीतकालीन आगंतुक के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब इसका प्रजनन क्षेत्र दक्षिण भारत तक विस्तृत हो गया है।
रंग-बिरंगे ब्लू-चीक्ड बी ईटर की पहचान
इस पक्षी की पहचान इसके चमकीले हरे पंख, नीले गाल, और लंबी पूंछ की धारियों से होती है। यह सामान्यतः उत्तर अफ्रीका, ईरान, और पाकिस्तान में प्रजनन करता है। भारत में पहले केवल इसके गुजरने या ठहरने के प्रमाण थे, इसलिए तमिलनाडु में इसका प्रजनन एक पर्यावरणीय मील का पत्थर है।
कन्याकुमारी सर्वेक्षण और आंकड़े
जनवरी 2022 से अक्टूबर 2023 तक पझयार नदी बेसिन में एक विशेष पक्षी सर्वेक्षण किया गया, जिसमें पेरियाकुलम, मनकुडी, पुथलम और आंडीविलाई को शामिल किया गया। शुरुआत में 28 पक्षियों की पहचान हुई थी, जो 22 महीनों में 48 तक बढ़ गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पक्षियों ने वहीं स्थानीय प्रजनन शुरू कर दिया है।
नाज़ुक पारिस्थितिकी पर मंडरा रहा खतरा
हालांकि यह क्षेत्र कोस्टल रेगुलेशन ज़ोन (CRZ) और नो डेवलपमेंट ज़ोन में आता है, फिर भी बिना अनुमति निर्माण, शहरी विस्तार, और प्राकृतिक आपदाएं इस संवेदनशील पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा रही हैं। संरक्षणकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो यह दुर्लभ प्रजनन स्थल समाप्त हो सकता है।
संरक्षण की आवश्यकता और समाधान
विशेषज्ञों ने केंद्र और राज्य सरकारों से आंडीविलाई घोंसला क्षेत्र को संरक्षित क्षेत्र घोषित करने की मांग की है। भारत में इस पक्षी का यह एकमात्र ज्ञात प्रजनन स्थल है, इसलिए यह उल्लेखनीय पारिस्थितिकीय महत्व रखता है। स्थानीय संरक्षण, CRZ अनुपालन, और मौसमी सुरक्षा अभियान जैसे उपायों की सिफारिश की गई है।
पक्षी की अनुकूलता और व्यवहार
यह पक्षी आमतौर पर अर्ध–शुष्क या तटीय क्षेत्रों में रहता है और एकल या सामूहिक घोंसले बनाता है। यह अक्सर यूरोपीय बी ईटर के साथ सह-प्रजनन करता है, जो इसकी अनुकूलन क्षमता को दर्शाता है। मौसम के अनुसार यह हरे–भरे क्षेत्रों की ओर चला जाता है, जिससे यह तमिलनाडु जैसे परिवर्तनीय पारिस्थितिकी वाले क्षेत्रों में भी जीवित रह सकता है।
STATIC GK SNAPSHOT (प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए)
विषय | विवरण |
पक्षी प्रजाति | ब्लू-चीक्ड बी ईटर (Merops persicus) |
प्रजनन स्थान | आंडीविलाई साल्टपैन्स, कन्याकुमारी, तमिलनाडु |
नई खोज | प्रायद्वीपी भारत में पहली बार प्रजनन का प्रमाण |
पसंदीदा आवास | अर्ध-रेगिस्तान, साल्टपैन्स, मैन्ग्रोव, तटीय आर्द्रभूमि |
अध्ययन अवधि | जनवरी 2022 – अक्टूबर 2023 |
जनसंख्या वृद्धि | 28 से बढ़कर 48 पक्षी |
प्रमुख खतरे | आवास क्षति, निर्माण कार्य, प्राकृतिक आपदाएं |
सुझाए गए उपाय | संरक्षण, CRZ अनुपालन, स्थानीय जागरूकता |
सह-प्रजनक प्रजाति | यूरोपीय बी ईटर |
संरक्षण महत्त्व | भारत में एकमात्र ज्ञात प्रजनन स्थल |