CCS की आपात बैठक और कड़ा जवाब
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम (जम्मू–कश्मीर) के बैसरन क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मृत्यु के बाद, जिसमें एक विदेशी पर्यटक भी शामिल था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की आपात बैठक हुई।
बैठक में रक्षा, गृह, वित्त और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ मंत्री शामिल थे।
CCS ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक और रणनीतिक दबाव बढ़ाने के लिए एक पांच सूत्रीय कार्य योजना तैयार की, जिससे भारत की सुरक्षा नीति में एक निर्णायक मोड़ आया।
घोषित की गई प्रमुख प्रतिउपाय योजना
- सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) का निलंबन – 1960 में हस्ताक्षरित यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच जल वितरण का प्रमुख समझौता है।
- अटारी–वाघा सीमा मार्ग को बंद करना – यह भारत-पाक के बीच एकमात्र स्थलीय वाणिज्यिक व यात्री मार्ग था।
- सार्क वीज़ा छूट योजना (SVES) से भारत की वापसी – 1992 में शुरू हुई यह योजना 24 श्रेणियों के दक्षिण एशियाई गणमान्य व्यक्तियों (MPs, पत्रकार, राजनयिक) को वीज़ा मुक्त यात्रा की सुविधा देती थी।
- नई दिल्ली में तैनात पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को निष्कासित करना।
- इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करना।
ऐतिहासिक और रणनीतिक संदर्भ
CCS भारत की शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा निर्णय लेने वाली समिति है, जो कारगिल युद्ध और IC 814 अपहरण जैसे संकटों के समय भी सक्रिय रही है।
सिंधु जल संधि का निलंबन भारत की जल कूटनीति में ऐतिहासिक परिवर्तन को दर्शाता है।
हालांकि जल प्रवाह को पूरी तरह से मोड़ने के लिए बुनियादी ढांचा निर्माण आवश्यक होगा, लेकिन यह निर्णय पाकिस्तान को किशनगंगा और रैटल जैसी परियोजनाओं पर पहुँच सीमित कर सकता है।
क्षेत्रीय असर: सार्क और राजनयिक संबंधों पर प्रभाव
भारत द्वारा सार्क वीज़ा योजना से बाहर निकलना न केवल क्षेत्रीय सहयोग को कमजोर करता है बल्कि पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन पर भारत की स्पष्ट असहमति को भी दर्शाता है।
सैन्य सलाहकारों का निष्कासन और राजनयिक कर्मियों में कटौती दोनों देशों के बीच राजनयिक और सांस्कृतिक संपर्कों को सीमित कर देंगे।
ज़मीन पर चल रहे सुरक्षा अभियान
इस बीच भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू–कश्मीर में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है ताकि बैसरन हमले में शामिल 7 संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़ा जा सके।
प्रारंभिक खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, हमलावर पाकिस्तानी नागरिक थे, जिससे घरेलू स्तर पर सख्त कार्रवाई की मांग बढ़ गई है।
सरकार ने आतंकियों को न्याय दिलाने और भविष्य के हमलों को रोकने के लिए आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत करने का संकल्प दोहराया है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक (STATIC GK SNAPSHOT)
विषय | विवरण |
हमला स्थान | बैसरन, पहलगाम, जम्मू-कश्मीर |
हमला तिथि | 22 अप्रैल 2025 |
शीर्ष समिति | सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) |
प्रमुख निर्णय | सिंधु जल संधि निलंबित, अटारी-वाघा सीमा बंद, सार्क वीज़ा योजना रद्द |
सार्क वीज़ा योजना आरंभ | 1992 – 24 प्रकार के गणमान्य व्यक्तियों के लिए |
सिंधु जल संधि | 1960 में हस्ताक्षरित; विश्व बैंक की मध्यस्थता |
राजनयिक कार्रवाई | पाक सैन्य सलाहकार निष्कासित; भारतीय मिशन में कटौती |
ऐतिहासिक उदाहरण | कारगिल युद्ध, IC 814 अपहरण के दौरान CCS बैठक |
वर्तमान कार्रवाई | आतंकियों की खोज हेतु ऑपरेशन शुरू |